बीजापुर: फरसेगढ़ से अगवा पूर्व सरपंच महेश गोटा मंगलवार को गंभीर अवस्था में पाए गए थे. नक्सलियों ने पूर्व सरपंच पर धारदार हथियार से हमला किया. नक्सलियों ने महेश गोटा को मरा हुआ समझकर सोमनपल्ली के पास छोड़ दिया. सोमनपल्ली से गुजर रहे कुछ लोगों ने महेश गोटा को घायल हालात में देखा. इस बात की जानकारी मिलते ही गांववालों ने महेश को तुरंत अस्पताल पहुंचाया था. देर रात जगदलपुर से महेश को दिल्ली रेफर कर दिया गया है.
एयर एम्बुलेंस के माध्यम से दिल्ली रेफर: परिजनों ने पहले महेश को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद जगदलपुर रेफर कर दिया गया. जगदलपुर से मंगलवार देर रात एयर एम्बुलेंस के माध्यम से दिल्ली रेफर किया गया. फिलहाल महेश की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है.
ऐसे बनाया था बंधक: कुटरू गांव के आदिवासी हर साल सावन में चिकट राज पहाड़ में पूजा करने जाते हैं. इस साल भी 50 से अधिक आदिवासी रविवार को पूजा-अर्चना करने पहुंचे. हालांकि वापसी के दौरान उनका सामना नक्सलियों से हो गया. 7 लोगों को नक्सलियों ने बंधक बनाकर बाकि के 45 लोगों को छोड़ दिया. बाद में परिवार की अपील के बाद बाकी के 6 ग्रामीणों को भी नक्सलियों ने छोड़ दिया. हालांकि पूर्व सरपंच महेश गोटा को बंघक बनाकर रखा था.
बेटी ने की थी मार्मिक अपील: महेश गोटा को बंधक बनाए जाने के बाद उसकी मासूम बच्ची राजकुमारी ने नक्सलियों से पिता को छोड़ने की अपील की थी. लेकिन नक्सलियों पर बच्ची के अपील का कोई फर्क नहीं पड़ा. नक्सलियों ने पूर्व सरपंच को अधमरा कर छोड़ दिया.
पिता और दादा की कर चुके हैं हत्या: दरअसल, कुटरू गांव का पूर्व सरपंच महेश गोटा भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता भी हैं. साल 2012 में भी नक्सलियों ने महेश गोटा का अपहरण कर लिया था. उस दौरान 7 दिन तक बंधक बनाने के बाद उसे छोड़ दिया गया था. चिन्ना राम गोटा (महेश गोटा के पिता) और बंसी लाल गोटा (महेश गोटा के दादा) की हत्या नक्सली पहले ही कर चुके हैं.