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सिर्फ कागजों में ODF, जानिए बस्तर में शौचालय निर्माण की हकीकत

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Published : Nov 19, 2020, 6:53 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर के कई पंचायतों को ODF का दर्जा भले ही मिल गया हो, पर सच्चाई कुछ और ही है. यहां के ग्रामीण शौचलय नहीं होने से आज भी जंगल में ही शौच के लिए जाते है.

ये है शौचालय

जगदलपुर: स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत बस्तर जिले के सभी ग्राम पंचायतों को शौच मुक्त ग्राम पंचायत घोषित कर ODF का दर्जा मिल चुका है, पर इन गांवों की तस्वीर इस योजना की हकीकत बयां कर रही है. ग्रामीण अंचलों में अधूरे शौच निर्माण से और कई घरों में शौचालय नहीं बनने की वजह से ग्रामीण शौच के लिये बाहर जाने को मजबूर है.

बस्तर में शौचालय निर्माण की हकीकत

इस गांव में शौचालय के नाम पर सिर्फ गड्ढें

बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक में जो कि शहर से लगा हुआ है, उस क्षेत्र के करंजी गांव में शौचालय की स्थिति इतनी बुरी है की इन शौचालयों में ग्रामीण शौच के लिए जाना तो दूर खड़े होने से भी डरते है. दरअसल गांव में जितने भी शौचालयों का निर्माण किया गया है वह बेहद ही घटिया क्वालिटी का है. इसके अलावा सभी शौचालयों के सेफ्टी टैंक भी खुले छोड़ दिए गए हैं.कई जगहों पर सेफ्टी टैंक के नाम पर सिर्फ गड्ढे खोद दिए गए है, न ही टंकी बनाया गया है, और न ही उस पर ढक्कन है.

lack of toilets in many villages in bastar villagers defecate in open
अधूरा शौचालय निर्माण

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शौच के लिए जंगल जाने की मजबूरी

ग्रामीणों ने बताया कि लगभग पूरे गांव में इसी तरह के हालात है. जिससे ग्रामीण चाहकर भी शौचालय नहीं जा पाते और उन्हें दूर जंगल में जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने ETV भारत से बताया की उन्होंने कई बार गांव के सरपंच सचिव से इसकी शिकायत भी की, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया. पिछले 3 सालों से सभी शौचालय अधूरे निर्माण की वजह से खंडहर हो गए है.

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शौचालय की हालत

महिलाओं को होती है ज्यादा परेशानी

ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय नहीं होने से खासकर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रात को शौच के लिए जंगल की ओर जाने पर जंगली जानवरों का डर बना रहता है. उनका कहना है कि शासन अगर उनके अधूरे पड़े शौचालयों को सही तरीके से बना देती है तो उन्हें शौच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

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सिर्फ कागजों में ODF

आज विश्व शौचालय दिवस है. इस पर देश के साथ ही प्रदेश में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. कई गांवों और पंचायतों को ODF का तमगा दिया जाएगा.एक तरफ सरकार ODF का तमगा गांवों को देकर अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ यहीं ODF ग्रामीणों अंचलों में भारी पड़ते जा रहे है. क्योंकि प्रशासन अधूरे शौचालय निर्माणों के बाद भी कई गांवों को ODF घोषित कर दे रहा है, जिसकी वजह से दोबारा कोई भी अधिकारी गांव में झांकना भी मुनासिफ नहीं समझ रहे है.

Last Updated :Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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