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No Shadow Day : क्यों इस दिन परछाई नहीं देती इंसान का साथ ?

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Published : Jun 21, 2023, 7:11 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

No Shadow Day
क्यों होता है नो शैडो डे ?

No Shadow Day 21 जून को एक खास खगोलीय घटना होती है. सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर लंबवत पड़ती है. लिहाजा दिन के एक विशेष पहर पर कर्क रेखा के समीप वाले स्थानों पर लोगों या वस्तुओं की परछाई नहीं बनती है.इस खास घटना को नो शैडो डे के नाम से जाना जाता है. No Shadow Day

नो शैडो डे कैसे होता है जानिए ?

सरगुजा : 21 जून को जहां एक तरफ पूरा विश्व योगा डे मना रहा था.वहीं दूसरी तरफ एक खगोलीय घटना लोगों के बीच कौतूहल का विषय बनीं रही. ये खगोलीय घटना थी नो शैडो डे. नो शैडो डे पर कर्क रेखा वाले भू-भाग होने के कारण सरगुजा के लोगों में इसके प्रति उत्सुकता दिखी. परछाई गायब होने जैसी अद्भुत घटना देखने के लिये लोग उत्सुक थे. इस घटना को जिले के मौसम विज्ञानी ने वीडियो के माध्यम से लोगों के बीच साझा किया.

नो शैडो डे में सूर्य की किरणें कैसे बदलती है : 21 जून दिन के 12 बजे कर्क रेखा वाले भू भाग में परछाई बनना बंद हो जाती है. ऐसा 21 जून के दो चार दिन पहले से दो चार दिन बाद तक होता है. लेकिन परछाई ना बनने का समय दोपहर 12 बजे के आसपास ही संभव है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उत्तरी गोलार्ध में साल का एक दिन ऐसा होता है. जब आपकी परछाई आपको नहीं दिखाई देती. यह घटना एक निश्चित समय, निश्चित स्थान पर ही घटती है. जिसे नो शैडो डे या ग्रीष्म संक्रांति के रूप में जाना जाता है.


क्यों इस दिन परछाई छोड़ देती है साथ: सरगुजा में आज नो शैडो देखा गया. इसका प्रभाव कर्क रेखा के बिंदु होने की वजह से सरगुजा में देखा जाता है. यह अद्भुत खगोलीय घटना कर्क रेखा के क्षेत्र में घटती है. उत्तरी गोलार्ध में पृथ्वी पर वह अन्तिम रेखा जहां तक सूर्य की किरणें लंबवत पड़ सकती हैं. उसे ही कर्क रेखा कहा गया है. यह रेखा 23.5 डिग्री उत्तर में स्थित है. मतलब भूमध्य वृत्त के केन्द्र से पृथ्वी की परिधि पर 23.5 डिग्री का कोण बनाने वाली बिंदु पर खींची गई पूर्ण वृत्तीय चाप कर्क वृत्त कहलाती है. सूर्य की किरणें सीधी हो जाने के कारण परछाई कुछ देर के लिए नहीं बनती.

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सूर्य के नजदीक होने से अधिक गर्मी : इस वृत्त पर पूरे भारत वर्ष में एक बार 21 जून को सूर्य की किरणें सीधी या लंबवत होती है. इस दिन को ग्रीष्म संक्रांति दिवस भी कहा जाता है. 21 जून की तिथि में स्थिरता नहींं होती. कभी कभी तिथि में विचलन भी होता है. जिससे यह घटना 22 जून को भी घटती है. इस तिथि को कर्क रेखा पर सूर्य के लंबवत हो जाने से या सबसे नजदीक होने से ऊष्मा भी बढ़ती है. जिससे इस तारीख के आस पास गर्मी भी बढ़ जाती है.

Last Updated :Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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