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आखिर क्यों देशभर में छत्तीसगढ़ सरकारी कैलेंडर 2022 की हो रही चर्चा

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Published : Jan 28, 2022, 11:52 AM IST

Updated : Jan 28, 2022, 2:33 PM IST

छत्तीसगढ़ सरकारी कैलेंडर 2022 (Chhattisgarh government calendar 2022) के सितंबर महीने के कवर पेज की चर्चा हर तरफ हो रही है. आइये जानते हैं वजह...

ETV Bharat has a special conversation with Mitwa Samiti chief Vidya Rajput
मितवा समिति प्रमुख विद्या राजपूत

रायपुर: साल खत्म होते ही नए कैलेंडर की शुरुआत हो जाती है. हर साल की तरह इस बार भी छत्तीसगढ़ सरकार ने नए साल यानी 2022 का कैलेंडर छपवाया है. लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ सरकार का कैलेंडर देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. 2022 के कैलेंडर में सितंबर माह में सरकार ने ट्रांसजेंडर पुलिसकर्मियों की फोटो छापी (transgender policemen Photo in Chhattisgarh government calendar 2022 ) है. इस कैलेंडर में इसे न्याय व स्वालंबन का छत्तीसगढ़ मॉडल बताया गया है. इस सरकारी कैलेंडर के सितंबर माह के कवर पेज पर 12 ट्रांसजेंडर पुलिसकर्मी दिखाई दे रही हैं. कई सालों से ट्रांसजेंडर के लिए संघर्ष कर रही मितवा समिति प्रमुख विद्या राजपूत से ETV भारत ने खास बातचीत की. (conversation with mitwa samiti chief vidya rajput )

रायपुर में मितवा समिति प्रमुख विद्या राजपूत से बातचीत
सवाल- सरकार ने अपने कैलेंडर में ट्रांसजेंडर पुलिस आरक्षकों की फोटो प्रकाशित की है. इसे किस तरह से आप देखती हैं?

जवाब- जैसे ही मेरे पास वाट्सअप के जरिए इस साल का कैलेंडर आया, उसमें मैंने सितंबर माह देखा. ट्रांसजेंडर आरक्षकों की उसमें तस्वीर छपी है. मुझे देख कर भरोसा ही नहीं हो रहा था. विद्या ने बताया कि 2010 से वे ट्रांसजेंडर वेलफेयर के लिए काम कर रही हैं, लेकिन यह पहला मौका है, जब हमारी कम्युनिटी समाज के सामने आई. हमारी कम्युनिटी ने संघर्ष किया. एक पोजिशन हासिल की और पुलिस में आरक्षकों की भर्ती हुई. मैंने जब कैलेंडर में देखा तो मुझे देख कर बहुत प्राउड फील हुआ. सभी लोगों को बहुत खुशी हुई. जिसके लिए हम लोगों ने लंबी एडवोकेसी की. वह चीज समाज के सामने, सरकार के सामने आई.



सवाल- आपकी संस्था मितवा लंबे समय से काम कर रही है. कैसे आपने ट्रांसजेंडर्स को प्रशिक्षण दिया?

जवाब- 15 अप्रैल 2014 के सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया था. जिसमें हमने लगातार पुलिस विभाग से एडवोकेसी की. छत्तीसगढ़ शासन ट्रांसजेंडर वेलफेयर के लिए संवेदनशील और गंभीर है. इसी गंभीरता में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया और 2016-17 में जो भर्तियां निकली थी, उसमें उन्होंने थर्ड जेंडर का कॉलम दिया. उस दौरान मैंने ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के बीच में जाकर लोगों को जानकारी देना और उन्हें पुलिस की नौकरी में आने के लिए प्रेरित किया. ट्रांसजेंडर ने रिटर्न एग्जाम और फिजिकल की तैयारी की. 13 ट्रांसजेंडर पुलिस आरक्षक बने.

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सवाल- छत्तीसगढ़ में लगातार ट्रांसजेंडर्स को बढ़ावा मिल रहा है. इसे किस तरह से देखती हैं?

जवाब- हम जन्म लेते हैं और हमारे जेंडर अभिव्यक्ति को लेकर हमारे माता-पिता और हमारे पड़ोसी सहज नहीं होते हैं. लेकिन मुझे गर्व महसूस होता है कि मेरा जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है. छत्तीसगढ़ के लोग और छत्तीसगढ़ की सरकार बहुत ही संवेदनशील है. सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने थर्ड जेंडर पर भरोसा किया. उन्होंने भरोसा किया कि कम्युनिटी के भीतर हुनर और प्रतिभा है, तो बराबर के अवसर मिलने चाहिए. मैं गर्व महसूस करती हूं कि इस परिवर्तन कि मैं साक्षी भी हूं, और कहीं ना कहीं परिवर्तन लाने के लिए एक आवाज भी बनी.

सवाल- आपने व्यक्तिगत जीवन में काफी संघर्ष किया. ट्रांसजेंडर के लिए जब भी बात होती है, आपके बारे में बात की जाती है.

जवाब- मैंने यह कोशिश की है कि मेरे साथ मेरे समाज के प्रतिभावान लोग हैं. इनमें रवीना बरिहा जो भारत सरकार में राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में काम कर रहीं थीं. वीणा सेन्द्रे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्म में हीरोइन का किरदार निभाया है. पुलिस में आरक्षक पद पर भर्ती हुए बच्चे. मुझे यह लगता है कि जब तक हम कंधे से कंधा मिलाकर लोगों के साथ काम नहीं करेंगे. लोगों की सोच हमारे लिए नहीं बदलेगी. इस समय समाज और सरकार का ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए जो पॉजिटिव थिंकिंग और सपोर्ट बहुत अच्छा है. आने वाले दिनों में कम्युनिटी के लोग समाज के सामने अच्छा कार्य करते हुए दिखेंगे. वैसे-वैसे हमारी कम्युनिटी मेन स्ट्रीम में आएगी.


सवाल-समाज के लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे?

जवाब- सबसे पहले मैं ट्रांसजेंडर के परिजन और उनके रिलेटिव को कहना चाहूंगी कि हमें हर तरह के डायवर्सिटी को एक्सेप्ट करना होगा. रंग, कास्ट, रिलीजन, अगर कोई महिला और पुरुष के इतर है. उस डायर्वसिटी को स्वीकार करना पड़ेगा. दूसरी बात सरकार से कहना चाहूंगी कि जिस तरह से सामाजिक,आर्थिक और शैक्षणिक रूप से हमारा समुदाय पूरी तरह से पिछड़ा हुआ है. आज समाज में हर व्यक्ति का परिवार है. लेकिन हमारा कोई परिवार नहीं है. क्योंकि आज भी ट्रांसजेंडर होने की वजह से हमारे साथ में स्टिग्मा लगा हुआ है. छत्तीसगढ़ सरकार से मेरा निवेदन है 'सभी सरकारी नौकरियों में एक पर्सेंट का रिजर्वेशन ट्रांसजेंडर को दें. तीसरा संदेश मैं अपनी कम्युनिटी के लोगों को देना चाहूंगी कि हम जैसे भी हैं. इस प्रकृति ने हमें जितना भी खूबसूरत बनाया है. हमें खुद से प्यार करना जरूरी है. जब तक हम खुद से प्यार नहीं करेंगे तब तक लोग हमसे प्यार नहीं करेंगे. अगर हम खुद से प्यार करेंगे तो हमारा अच्छा कैरियर होगा और हम एक सामान्य जिंदगी जी पाएंगे.

Last Updated : Jan 28, 2022, 2:33 PM IST
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