ETV Bharat / city

Chhattisgarh Political Crisis: बघेल और सिंहदेव के बीच मचे घमासान का विपक्ष को मिल सकता है फायदा ?

author img

By

Published : Jul 19, 2022, 10:57 AM IST

Updated : Jul 19, 2022, 2:09 PM IST

chhattisgarh political crisis: छत्तीसगढ़ में ठीक साढ़े तीन साल बाद एक बार फिर ढाई ढाई साल सीएम के फॉर्मूले की आवाज उठने लगी है. इस बार टीएस सिंहदेव ने अचानक पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया. इधर भूपेश सिंहदेव के बीच चल रहे शीत युद्ध को भुनाने में छत्तीसगढ़ विपक्ष भी जमकर तैयारी कर है.

chhattisgarh political crisis
छत्तीसगढ़ राजनीतिक संकट

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर टीएस सिंहदेव के इर्द गिर्द घूमने लगी है. भूपेश मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत विभाग से इस्तीफा देने के बाद विपक्ष को बैठे बिठाये एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है. विपक्ष मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाकर भूपेश बघेल से इस्तीफा मांगने की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस्तीफे का पत्र नहीं मिलने की बात कहते हुए विपक्ष के वार को दरकिनार कर दिया है. (tussle between TS Singhdeo and Bhupesh Baghel )

छत्तीसगढ़ राजनीतिक संकट

जन घोषणापत्र में सिंहदेव की भूमिका अहम: भूपेश मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव का कद काफी अहम है. खासकर सिंहदेव की अंबिकापुर में अच्छी पकड़ है. वहां की राजनीति में सिंहदेव का दखल हमेशा से बना रहा है. इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव 2018 में भी सिंहदेव ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी. पार्टी के लिए बनाए गए जन घोषणा पत्र में सिंहदेव की भूमिका महत्वपूर्ण रही. उन्होंने इस दौरान सभी वर्गों से मुलाकात की. व्यापारी, किसान, मजदूर सहित तमाम कर्मचारी संगठन से चर्चा कर जन घोषणा पत्र तैयार किया. लोगों के बीच जाकर बैठे, उनसे चर्चा कर छत्तीसगढ़ की जनता की नब्ज टटोली. कहीं ना कहीं विधानसभा चुनाव जीतने में इस जन घोषणापत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इसके बाद से सिंहदेव का कद और बढ़ गया.

छत्तीसगढ़ में ढाई साल तक चर्चा में रहा ढाई ढाई साल सीएम फॉर्मूला: चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री को लेकर कई दावेदार दौड़ में शामिल थे लेकिन अंत में बघेल और सिंहदेव दौड़ में सबसे आगे रहे. हालांकि बाद में हाईकमान ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी. इसके बाद यह चर्चा थी कि यह कुर्सी ढाई ढाई साल के लिए सौंपी गई है. ढाई साल बाद सिंहदेव मुख्यमंत्री बनेंगे. बस उसके बाद से ही भूपेश बघेल और सिंहदेव के बीच मतभेद शुरू हो गया. क्योंकि ढाई साल बाद ना तो सिंहदेव को कुर्सी मिली और ना ही मुख्यमंत्री का बदलाव हुआ.

सिंहदेव के दिल्ली दौरे के दौरान भूपेश ने दिखाई ताकत: हालांकि सिंहदेव ने इस बीच दिल्ली में जाकर कई बार हाईकमान से मुलाकात की और इस फार्मूले पर अमल करने की बात कही. लेकिन जब भी सिंहदेव इस फार्मूले पर अमल करने की बात करते उस दौरान भूपेश बघेल अपने समर्थकों के साथ दिल्ली पहुंच जाते और बात आई गई हो जाती. लाख कोशिशों के बावजूद अब तक सिंहदेव मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज नहीं हो सके हैं.

इस्तीफे पर सिंहदेव ने तोड़ी चुप्पी, सीएम के लिए कही ये बड़ी बात

सिंहदेव के इस्तीफे से छत्तीसगढ़ राजनीति में घमासान: हालांकि अब जिस तरह से सिंहदेव ने अचानक पंचायत विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा दिया है उसके बाद एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में घमासान शुरू हो गया है. मंत्री सिंहदेव को सीएम भूपेश ने 5 विभाग की जिम्मेदारी दी थी. टीएस सिंहदेव सीएम इन वेटिंग भी हैं. यही कारण है कि शनिवार को टीएस सिंहदेव ने जब अपने एक विभाग पंचायत एवं ग्रामीण विकास से इस्तीफा दिया तो प्रदेश में राजनितिक भूचाल आना लाजमी है. हालांकि मंत्री ने यह तो साफ कर दिया है कि वे अपने पंचायत विभाग को छोड़कर बाकी सभी विभागों के मंत्री बने रहेंगे.लेकिन इस्तीफे में पंचायत विभाग की परिस्थितियों को दर्शाते हुए नाराजगी भी व्यक्ति की. सिंहदेव ने अपना इस्तीफा सार्वजनिक भी कर दिया.

छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के बीच मतभेद: सिंहदेव के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सीधे तौर पर राज्य सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच भारी मतभेद होना बता दिया है. रमन की माने तो सभी मंत्रियों - विधायकों के मन भी भारी आक्रोश है, आने वाले समय में प्रदेश में बड़ा विस्फोट होने कि बात भी रमन कह रहे हैं.

भूपेश बघेल भी दे इस्तीफा: भाजपा के कद्द्वार विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी इस मुद्दे पर अपनी भड़ास निकाली है. उन्होंने कहा कि भाजपा के आरोपों को मंत्री के इस्तीफे ने साबित कर दिया है. अब सीएम भूपेश को भी त्यागपत्र दे देना चाहिए.

बघेल ने इस्तीफा मिलने से किया इंकार: भाजपा की राजनीतिक बयानबाजी लगातार चल रही है. इस बीच मुख्यंत्री भूपेश बघेल ने अपने मंत्री सिंहदेव के त्यागपत्र पर मीडिया को जवाब देते हुए कहा कि "उन्हें मंत्री का पत्र नहीं मिला है. मीडिया से ही उन्हें जाकारी मिली है. साथ ही उन्होंने भाजपा के सभी आरोपों को दरकिनार करते हुए आपस में चर्चा करने की बात कही. इस बीच सीएम बघेल ने सिंहदेव से बातचीत को लेकर कहा कि शनिवार को रात को फोन लगाया था लेकिन फोन मिला नहीं.

पत्र लिखने से पहले भी उनसे विभाग के संबंध में बात की: इस्तीफा देने के बाद टीएस सिंह देव सोमवार को पहली बार रायपुर पहुंचे. उन्होंने विधानसभा में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए सिंहदेव ने कहा कि "आज वोट डालने के दौरान मुख्यमंत्री से दुआ सलाम हुई. मुख्यमंत्री का फोन मेरे कॉल डिटेल में नहीं आया. हो सकता है तकनीकी कारण की वजह से उनका फोन नहीं आ पाया हो.सिंहदेव ने कहा कि पत्र लिखने के दो दिन पहले भी मैंने उनसे बात की थी. विभाग के संबंध में मैंने अपनी कुछ बातें रखी थी. पत्र लिखने के पहले मैंने तीन चार बार प्रयास किया था फोन करने का लेकिन मुख्यमंत्री ने फोन नहीं उठाया था. ना ही मुख्यमंत्री ने कॉल बैक किया.कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया को भी मैंने फोन लगाया था. उनसे बात करने की कोशिश की थी. बाद में उनका कॉल आया तो मैंने बताया कि मैंने इस तरीके से पत्र लिखा है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया ने कहा कि इस बारे में मैं मुख्यमंत्री जी से बात कर लूंगा लेकिन मुख्यमंत्री का कॉल आया नहीं."

मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी: 20 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र भी शुरु हो रहा है. इस सत्र के दौरान भी भाजपा भूपेश सरकार को घेरने की तैयारी में है. यहां तक कि भाजपा ने सरकार को घेरने के लिए मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की भी बात कही है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जब मंत्री को ही भूपेश सरकार पर भरोसा नहीं है तो ऐसे में जनता का विश्वास यह सरकार खो चुकी है इसलिए मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.

विपक्ष के पास कोई काम नहीं: हालांकि इस पूरे मसले के बीच सरकार के प्रवक्ता एवं कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सिंहदेव के इस्तीफे पर हाईकमान निर्णय लेगा. विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर रविंद्र चौबे ने कहा कि संख्या बल के आधार पर उन्हें कामयाबी नहीं मिलेगी.

Last Updated :Jul 19, 2022, 2:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.