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Bhupesh Bastar Tour: बच्चों ने जब मासूमियत से कहा- रस्सी कूद कर दिखाओ

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Published : May 26, 2022, 4:54 PM IST

Updated : May 27, 2022, 7:46 AM IST

Bhupesh Baghel at Bhainsgaon Learning Center: पूरे बस्तर दौरे में सीएम भूपेश बघेल का अलग अंदाज देखने को मिल रहा है. गुरुवार को सीएम भूपेश बघेल भैंसगांव के लर्निंग सेंटर पहुंचे. यहां बच्चों के साथ सीएम भी बच्चा बन गए.

Bhupesh Baghel at Bhainsgaon Learning Center
भैंसगांव सीख केंद्र में भूपेश बघेल

जगदलपुर: सीएम भूपेश बघेल 20 मई से बस्तर संभाग के दौरे पर हैं. वे भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों से बात कर रहे हैं. इस दौरान उनका अलग अंदाज भी देखने को मिल रहा है. कहीं सीएम छात्रों के साथ सेल्फी ले रहे है तो कहीं टिकली, मेहंदी खरीद रहे हैं. गुरुवार को वे भैंसगांव सीख केंद्र पहुंचे और बच्चों के साथ गिल्ली डंडा, भौरा और रस्सी कूद का मजा लिया.

भैंसगांव सीख केंद्र में भूपेश बघेल

भैंसगांव सीख केंद्र में भूपेश बघेल: बस्तर विधानसभा के भैंसगांव पहुंचकर सीएम भूपेश ने सबसे पहले गुड़ी में पूजा अर्चना की. इसके बाद दुबागुड़ा में लर्निंग सेंटर पहुंचकर बच्चों से मुलाकात की. मुलाकात करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने बच्चों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना. दुबागुड़ा में 32 बच्चे हैं जिन्हें खेलकूद के साथ पढ़ाई भी कराई जा रही है. यहां आकर बच्चे काफी एक्टिव हो गए हैं. यहीं के एक बच्चे जीवनदास ने मुख्यमंत्री को अपना लर्निंग सेंटर दिखाया. बच्चे ने अपना गिल्ली डंडा दिखाया. फिर भौंरे का कौशल दिखाया. इस दौरान बच्चों ने सीएम को अपने साथ खेलने के लिए आमंत्रित किया. बच्चों का आमंत्रण पाकर सीएम भी खुद को रोक नहीं पाए और रस्सी कूदने लगे. भूपेश बघेल ने बच्चों के साथ गिल्ली डंडा और भौंरे पर हाथ आजमाया. सीएम ने बच्चों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई.

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छत्तीसगढ़ में बच्चों के लिए सीख केंद्र: जिले के सभी विकासखंडों के कुछ शालाओं में शिक्षक साथियों के स्वैच्छिक प्रयास से लर्निंग सेंटर का संचालन किया जा रहा हैं. जिसका उद्देश्य बच्चों की कोरोना काल में हुई शैक्षणिक क्षति का मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से भरपाई करना है. भैंसगांव में युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि शिक्षा की लौ को जलाये रखने में आप लोगों ने मदद की. जीवनदास जैसे प्रतिभाशाली बच्चों की प्रतिभा को निखारा. मुख्यमंत्री ने सब बच्चों के साथ एक ग्रुप फोटो भी ली. (learning center for children in chhattisgarh)

मैं भी गांव के स्कूल में पढ़ा: भूपेश बघेल

दरभा टॉपर से भूपेश बघेल ने की बात: इससे पहले बुधवार को भूपेश बघेल दरभा ब्लॉक के गांव मंगलपुर में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान दरभा की टॉपर छात्रा शाजिदा से बात की. इस दौरान उन्होंने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल शुरू करने के पीछे की अपनी कल्पना सभी के साथ साझा की. उन्होंने कहा कि "मैं भी गांव के स्कूल में पढ़ा हूं, जब मैं स्कूल में पढ़ता था, उस समय से मेरे दिमाग में ये बात थी कि गांव के स्कूलों में वहीं सुविधा मिलनी चाहिए जो शहरों में मिलती है.

"मैं जब मिडिल स्कूल और हाई स्कूल में पढ़ता था और कभी दुर्ग-भिलाई जाता था, तो वहां की पढ़ाई देखता था. वहां लोग कोचिंग क्लास जाते थे. हमें गांव में ट्यूशन भी नहीं मिलता था. जब हमारी सरकार बनी और कोरोना काल था, मैंने अधिकारियों को बुलाकर पूछा कि छत्तीसगढ़ को बने 20 साल हो गए, क्या कोई ऐसा स्कूल बना, जिसमें आपके भी बच्चे पढ़ें. शासकीय शिक्षक खुद अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते थे. हमने रायपुर से शुरुआत की. पहले 3 स्कूल शुरू किए. फिर पहले साल 121 स्कूल खोले, अब 50 स्कूल भी बढ़ा दिए और सीट भी".

गांव के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं: मुख्यमंत्री ने कहा था कि "गांव के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, कमी है अवसर की. गांव का व्यक्ति जब मुख्यमंत्री बन सकता है.गांवों में प्रतिभा की कमी नहीं है. सभी बच्चों को अवसर मिले ये हमारा प्रयास है. सरकार की योजना का लाभ शहर के बच्चों के साथ गांव के बच्चों को भी मिलना चाहिए".

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Last Updated : May 27, 2022, 7:46 AM IST
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