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जशपुर में शासकीय स्कूल का नाम बदले जाने का विरोध, पूर्व छात्रों और जनप्रतिनिधियों ने दिया धरना

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Published : Mar 23, 2022, 7:55 PM IST

Updated : Mar 27, 2022, 4:51 PM IST

जशपुर जिले में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का नाम स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल करने को लेकर राजनीति शुरु हो गई है. स्थानीय जनप्रतिनिधि इसे सरकार की मनमानी बता रहे हैं.

जशपुर में शासकीय स्कूल का नाम बदले जाने का विरोध
जशपुर में शासकीय स्कूल का नाम बदले जाने का विरोध

जशपुर : शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को बदलकर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल (Swami Atmanand Hindi Medium School of Excellence) करने का विरोध शुरु हो गया है. पूर्व छात्रों, पालकों एवं नागरिकों ने पूर्व मंत्री गणेश राम भगत (Former Minister Ganesh Ram Bhagat) के साथ धरना प्रदर्शन किया. इस धरना प्रदर्शन में शहर समेत आसपास के ग्रामीण भी शामिल हुए.

जशपुर में शासकीय स्कूल का नाम बदले जाने का विरोध

स्कूल को बताया गया ऐतिहासिक धरोहर : इस अवसर पर पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि जनभावना की उपेक्षा कर, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार मनमानी पर उतारू है. ​स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल के नाम पर शासन प्रशासन,जशपुर के गरीब आदिवासी बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है. शासकीय बालक हाईस्कूल शहर ही नहीं,पूरे जिले की विशिष्ट पहचान और ऐतिहासिक धरोहर है. इसे किसी भी कीमत में नष्ट नहीं होने दिया जाएगा

90 फीसदी आदिवासी बच्चे कर रहे पढ़ाई : गणेशराम भगत की माने तो स्कूल में 90 फीसदी आदिवासी और पहाड़ी कोरवा जनजाति के बच्चे पढ़ रहे (Children of Pahari Korwa tribe are studying) हैं. इन बच्चों और इनके अभिभावकों से बिना चर्चा और सहमति के सरकार ने यह कदम उठाया है.जो उचित नहीं है. सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र वर्मा ने कहा कि सरकार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय संचालित करना चाहती है,तो इसके लिए अलग से भौतिक और मानव संसाधन जुटाना चाहिए. इस तरह पीढ़ियों से संचालित स्कूलों को बंद करना ठीक नहीं है.

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जनता की आवाज को किया जा रहा अनसुना : सामाजिक कार्यकर्ता रामप्रकाश पांडे ने कहा कि पहले अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल के नाम पर सरकार ने जनता की आवाज अनसुनी की. अब हिंदी माध्यम के नाम पर इसे दोहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अधिसूचित जिला होने के कारण, यहां के स्थानीय रहवासियों की आवाज को सरकार अनसुना नहीं कर सकती है. इस परिवर्तन को रोकने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर (petition filed in high court) की गई है.

Last Updated :Mar 27, 2022, 4:51 PM IST

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