मद्य निषेध मामले में 2 शराब माफियाओं को 5 साल का सश्रम कारावास, 1 लाख का जुर्माना

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Published : Nov 17, 2021, 9:45 PM IST

मद्य निषेध मामला

वैशाली (Vaishali) में मद्य निषेध मामले में सबसे पहले दो आरोपियों को सजा सुनाई गई है. इस मामले में 2 आरोपियों को 5-5 सालों के सश्रम कारावास और 1-1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.

वैशाली: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban) को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक की थी, जिसके बाद वैशाली (Vaishali) में मद्य निषेध मामला में सबसे पहले दो आरोपियों को सजा सुनाई गई है. आरोपियों को 5-5 साल के सश्रम कारावास के साथ ही 1-1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा का प्रावधान रखा गया है.

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व्यवहार न्यायालय हाजीपुर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय व विशेष न्यायाधीश उत्पाद उदय बंद कुमार की अदालत ने दोषी करार दिए गए राजीव कुमार राय और संजीत कुमार राय को 5-5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही इस मामले में एक 1-1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है. कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर 6 माह की अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

देखें रिपोर्ट

इस पूरे मामले पर विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय ने बताया कि मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद वैशाली जिले में यह पहली सजा है, जो निश्चित ही अवैध शराब के कारोबार से जुड़े धंधे वालों के लिए एक कड़ा सबक है. निश्चित तौर पर सभी में इस सजा को लेकर डर व्याप्त होगा. उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि जिले में मद्य निषेध से संबंधित मामलों की एक सूची बनाई गई है, जिसका स्पीडी ट्रायल के जरिए जल्द निपटारा किया जाएगा. इसके तहत पूर्व में राघोपुर के दो मामले का निपटारा हो चुका है. विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय का यह भी दावा है कि बहुत जल्द कोर्ट अन्य मामलों का भी निपटारा कर सकती है.

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बता दें कि 2 साल पहले पातेपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने देर रात एक स्कॉर्पियो सहित कुछ कार्टन विदेशी शराब सड़क किनारे जब्त किए गए थे. मौके से दो आरोपियों की भी गिरफ्तारी हुई थी. इन दोनों की निशानदेही पर एक अन्य व्यक्ति को भी पुलिस ने पकड़ा था, जिसे कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है.

बिहार में इन दिनों जहरीली शराब से मौत के कई मामले आने के बाद सरकार की किरकिरी हो रही थी, उसको देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मद्य निषेध के मामले में एक समीक्षा बैठक बुलाई थी. जिसमें शराबबंदी मामले को और भी कड़ाई से लागू करने का आदेश दिया गया है. खासतौर से थानेदार सहित अन्य पुलिसकर्मियों की जिम्मेवारी बढ़ा दी गई है. जहां इनकी एक गलती पर कड़ी सजा की भी बात कही गई है. वहीं, वैशाली जिले में मद्य निषेध के मामले में हुई एक साथ दो शराब के धंधेबाजों को मिली सजा से बिहार सरकार को थोड़ी राहत जरूर मिलती नजर आ रही है.

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