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अधर में लटके अपने 'ड्रीम प्रोजेक्ट' का हाल देखने आज ताजपुर आ रहे हैं सीएम नीतीश कुमार

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Published : Apr 16, 2022, 7:56 AM IST

सीएम नीतीश कुमार आज समस्तीपुर (CM Nitish Kumar in Samastipur) के दौरे पर आयेंगे. यहां पर वे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क सह गंगा नदी पर पुल के निर्माण कार्य की समीक्षा करेंगे. इस परियोजना का परिजना का शिलान्यास 2011 में हुआ था. 2016 में काम पूरा होना था लेकिन अभी तक मात्र 52 फीसदी ही काम हुआ है. पढ़ें पूरी खबर.

CM Nitish Kumar
CM Nitish Kumar

समस्तीपुर: बिहार के सीएम नीतीश कुमार अधर में लटके अपने ड्रीम प्रोजेक्ट (CM Nitish Kumar Dream Project) बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क (Bakhtiyarpur Tajpur four lane in Samastipur) सह गंगा नदी पर पुल की समीक्षा करने के लिए एक बार फिर आज समस्तीपुर के ताजपुर पहुंच रहे हैं. मुख्यमंत्री के शाम करीब साढ़ें तीन बजे ताजपुर पहुंचने की संभावना है. सीएम नीतीश कुमार ने 2011 में बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क सह गंगा नदी पर पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था. तब इस फोरलेन सड़क सह पुल निर्माण पर 1600 करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही गई थी.

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2011 में हुआ था शिलान्यास: यह बिहार की पहली योजना थी जो पब्लिक पार्टनरशिप के माध्यम से बननी थी. इसका निर्माण कार्य वर्ष 2016 में पूरा कर लिया जाना था लेकिन स्थिति यह है कि वर्ष 2022 में भी यह परियोजना में लटकी है. इस प्रोजेक्ट पर अब तक 900 रुपये खर्च भी हो चुके हैं लेकिन कार्य मात्र 52 प्रतिशत ही पूरा हुआ है. सीएम नीतीश कुमार ने उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से सीधे जोड़ने के लिए वर्ष 2011 में ताजपुर में एक भव्य समारोह में बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क सह पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था. 55 किलोमीटर लंबी इस सड़क सह गंगा नदी पर पुल का निर्माण कार्य जून 2016 में पूरा कर लिया जाना था.

2020 से कार्य को पूरी तरह से ठप: इस कार्य जिम्मेदारी हैदराबाद की नवयुगा कंपनी को सौंपी गयी थी. शुरू में कंपनी ने तो बहुत ही तेजी में काम किया लेकिन इसके बाद गति सुस्त पड़ गई. बताया गया कि फंड की कमी निर्माण कार्य के आड़े आने लगी. साथ ही लागत में भी इजाफा होने लगा. नुकसान को देखते हुए कंपनी ने अपने हाथ खींचने शुरू कर दिए. इसके बाद वर्ष 2020 में कार्य को पूरी तरह से ठप हो गया. इसके बाद राज्य सरकार हड़कत में आयी और उसके कांट्रेक्ट को खत्म कर दिया. नए सिरे से इस कार्य को पूरा करने पर विचार किया जाने लगा.

बताया गया कि करीब 1200 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे. हालांकि बाद में स्टीमेट रिवाईज होने के बाद नवयुगा कंपनी ने कार्य कराने के लिए हामी भरी. कैबिनेट से भी इसकी स्वीकृति मिल गई. अब नए सिर से नवयुगा कंपनी के कांट्रेक्टर को पुनर्वजीवित करते हुए कार्य कराया जाना है. इसकी प्रक्रिया चल रही है. इसके अलावे इस परियोना को लेकर जमीन अधिग्रहण का मामला भी वर्षो से अटका पड़ा है. इस फोर लेन के बन जाने से जहां इस क्षेत्र का विकास होगा वहीं यहां के लोगों का आर्थिक विकास भी होगा.

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