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निगरानी के निशाने पर करीब 1500 नियोजित शिक्षक, कई नियोजन इकाई भी हैं रडार पर

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Published : Jan 6, 2021, 3:28 PM IST

समस्तीपुर में बीते दो सालों से ज्यादा वक्त से जिले के हजारों नियोजित शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया की जांच में निगरानी जुटा है. निगरानी के रडार में आये 11454 नियोजित शिक्षकों में 1489 शिक्षकों का नियोजन फोल्डर गायब है.

शिक्षक
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समस्तीपुर: नियोजित शिक्षकों के नियोजन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला संज्ञान में आ रहा है. निगरानी के जांच में जिले के करीब 1489 शिक्षकों का फोल्डर गायब कर दिया गया है. वहीं, ऐसे शिक्षकों के साथ-साथ नियोजित इकाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी शुरू हुई है.

नियोजन प्रक्रिया की जांच में जुटा निगरानी
बीते दो सालों से ज्यादा वक्त से जिले के हजारों नियोजित शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया की जांच में निगरानी जुटा है. निगरानी के रडार में आये 11454 नियोजित शिक्षकों में 1489 शिक्षकों का नियोजन फोल्डर ही गायब है. इसके मद्देनजर प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने जिले के डीईओ और डीपीओ को 23 दिसंबर तक इसे निगरानी जांच के लिए उपलब्ध कराने का डेडलाइन दिया था. वहीं, विभागीय सूत्रों की माने तो ढूंढने से भी 1489 नियोजित शिक्षकों का फोल्डर नहीं मिल रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नियोजन प्रक्रिया में बड़े स्तर पर हुआ खेल
वहीं, अब ऐसे फर्जी शिक्षकों के साथ-साथ, नियोजन इकाई के सचिव, पंचायत सचिव और सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. ऐसे मामले की गंभीरता को देखते हुए डीईओ और डीपीओ कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, लेकिन नियोजन प्रक्रिया में बड़े स्तर पर हुए खेल का पोल खुल रहा है.

बता दें कि साल 2006 में हुए नियोजन प्रक्रिया में जिले में खुलकर फर्जीवाड़े का खेल चला. मामला जब कोर्ट और निगरानी तक पंहुच गया तब जाकर ऐसे मामले उजागर होने शुरू हुए. खसतौर पर फर्जी सर्टिफिकेट और अधिक अंक वाले अभ्यर्थियों के जगह कम अंक वाले को मेधा सूची में शामिल कर दिया गया.

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