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मंत्री आलोक रंजन ने की सहरसा के मत्स्यगंधा झील में नौका विहार की शुरुआत, पर्यटकों का आना शुरू

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Published : Dec 6, 2021, 6:14 PM IST

मत्स्यगंधा झील सहरसा दो दशक के बाद अपने पुराने रौनक में दिख रही है. सोमवार को कला एवं संस्कृति मंत्री आलोक रंजन ने नौका विहार का उद्घाटन भी कर दिया है. झील की साफ-सफाई और नौका विहार की जिम्मेदारी निजी व्यक्ति को मिली है. पढ़ें पूरी खबर...

सहरसा मत्स्यगंधा झील में नौका विहार का उद्घाटन
सहरसा मत्स्यगंधा झील में नौका विहार का उद्घाटन

सहरसा: पिछले दो दशक से सरकार और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार मत्स्यगंधा झील (Matsyagandha Lake Saharsa) सोमवार को खिलखिला उठी. झील में कला एवं संस्कृति मंत्री आलोक रंजन (Minister Alok Ranjan) ने बोटिंग की शुरुआत की. मंत्री के साथ नगर परिषद की उपाध्यक्ष रेणु सिन्हा, उप विकास आयुक्त शाहिला ने भी बोटिंग का आनंद लिया. इसके साथ ही मत्स्यगंधा झील सहरसा में बोटिंग सेवा आमलोगों के लिए खोल दी गई है.

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मत्स्यगंधा झील में आमलोग 25 रुपया प्रति व्यक्ति किराया चुकाकर 45 मिनट तक बोटिंग का आनंद ले पाएंगे. झील के प्रबंधन और बोटिंग करने की जिमीदारी एक निजी व्यक्ति को एक वर्ष के लिए छह लाख 15 हजार रुपये में दी गई है. इससे पहले नगर परिषद द्वारा झील की साफ-सफाई कराई गई. फिलहाल झील पूरी तरह साफ है. एक निजी व्यक्ति को झील का प्रबंधन व नौका विहार करवाने की जिम्मेदारी दी गई है. अब लोग एक महीने तक लगने वाले सहरसा महायोगिनी मेला (Saharsa Mahayogini Fair) के साथ मत्स्यगंधा झील में नौका विहार (Boating in Matsyagandha Lake) का भी आनंद ले पाएंगे.

कला एवं संस्कृति मंत्री ने किया सहरसा मत्स्यगंधा झील में नौका विहार का उद्घाटन

'22 वर्षों बाद इस झील में फिर से बोटिंग शुरू हुई है. कोसी के लोगों की यह पुरानी मांग थी. इसके लिए लोगों ने लंबा संघर्ष भी किया. जल्द ही सरकार झील के चारों और सीढ़ी का निर्माण करायेगी और इसका सौंदर्यीकरण कराकर पिकनिक व टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करेगी.' -आलोक रंजन, कला एवं संस्कृति मंत्री

बता दें कि मत्स्यगंधा झील का निर्माण और बोटिंग सेवा की शुरुआत 1997 में हुई थी. तब उस झील की रौनक देखते ही बनती थी. आसपास के जिलों के अलावा कभी-कभार विदेशी सैलानी भी झील को देखने और नौका विहार का आनंद लेने आ जाते थे. किंतु, कुछ वर्षों में उचित देखरेख के आभाव में इसने अपनी रौनक खो दी. यह जलकुंभी के जंगल में तब्दील हो गया. कुछ वर्ष पूर्व प्रशासन के द्वारा बोटिंग सेवा की शुरुआत की गई. उस वक्त एक दर्जन बोट मंगाए गए. किंतु, एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही भारी पड़ी और बोटिंग बंद ही गई. फिलवक्त चिरप्रतीक्षित मत्स्यगंधा झील में नौका विहार के लिए खोल दिया गया है. अब यहां कोशी प्रमंडल के अलावे अन्य जिलों से लोग पहुंचेंगे और नौका विहार का आनंद उठायेंगे.

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