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'कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी, हिम्मत होती तो बयान पर अड़े रहते'

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Published : Oct 18, 2022, 2:55 PM IST

IRCTC Scam में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav IRCTC Scam) को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बड़ी राहत (Tejashwi Yadav relief from cbi court in irctc Scam) दी है. अब उन्हें जेल नहीं जाना होगा. कोर्ट ने चेतावनी के साथ उनकी जमानत बरकरार रखी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने तेजस्वी यादव को फटकारते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने पाया कि जमानत निरस्त करने कोई खास आधार नहीं हैं. अब इस मामले में बीजेपी सांसद व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. पढ़ें पूरी खबर

तेजस्वी और सुशील मोदी
तेजस्वी और सुशील मोदी

पटना: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को IRCTC घोटाले में बड़ी राहत मिली (Tejashwi Yadav relief from cbi court in irctc Scam) है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई की सिफारिश को नकारते हुए तेजस्वी यादव की जमानत खारिज करने से इनकार कर दिया. तेजस्वी यादव को कोर्ट से राहत मिलने पर कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू ने खुशी जतायी है. वहीं बीजेपी ने कहा है कि, कोर्ट की नसीहत पर डिप्टी सीएम को गंभीरता दिखानी चाहिए. इस बीच, बीजेपी सांसद व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने मंगलवार को तेजस्वी यादव पर निशाना (Sushil modi attacked tejashwi yadav) साधा है.

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तेजस्वी यादव पर सुशील मोदी हुए हमलावर : सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- 'सीबीआई की कोर्ट द्वारा कड़ी फटकार लगने पर तेजस्वी यादव बैकफुट (Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav Bail) पर आ गए. उनको सीबीआई से माफी मांगनी पड़ी. यदि उनमें हिम्मत है तो उनको सीबीआई को धमकी देने वाले उस बयान पर अड़े रहना चाहिए था.'

IRCTC घोटाले में तेजस्वी की जमानत बरकरार: बता दें कि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को IRCTC घोटाले में बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई की सिफारिश को नकारते हुए तेजस्वी यादव की जमानत खारिज करने से इनकार कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने तेजस्वी को फटकार लगाते हुए आगे से ऐसे बयान न देने के लिए कहा है.

कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी सार्वजनिक रूप से बोलते वक्त जिम्मेदाराना व्यवहार करें और उचित शब्दों का इस्तेमाल करें. कोर्ट ने कहा कि जमानत निरस्त करने का कोई ठोस आधार नहीं पाया गया. ऐसे में अदालत ने तेजस्वी को चेतावनी दी कि वे शब्दों के चयन में और सावधानी बरतें. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अभी वह कोई फैसला नहीं सुनाएगा. वह अपना आदेश सुरक्षित रख रहा है. इस पर विस्तृत आदेश वह बाद में जारी करेगा.

कोर्ट में सीबीआई ने क्या कहा: इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरह से कहा गया कि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोटाले की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकी दी थी. आरजेडी नेता ने उसके अधिकारियों के बारे में जो बातें कही हैं, वे उन्हें डराने एवं धमकाने जैसा है. वकील ने ये भी कहा कि उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है. इस तरह उन्होंने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की, इसलिए उनकी जमानत निरस्त की जाए.

कोर्ट में तेजस्वी की दलील: सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में तेजस्वी की तरफ से कहा गया कि 'अगर आपको लगता कि मैंने सीबीआई के अधिकारियों को धमकाया है तो आईपीसी की धारा 506 की तहत एफआईआर क्यों नहीं दर्ज करते हैं?.

क्या है IRCTC होटल घोटाला: आईआरसीटीसी घोटाला 2004 से 2009 के बीच हुआ, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. उनके कार्यकाल में दो होटलों को बिना नियमों का पालन किए लीज पर दे दिया गया. एक होटल सरला गुप्ता को आवंटित किया गया था, जो लालू प्रसाद के करीबी दोस्त प्रेम गुप्ता की पत्नी हैं. वे उस समय राज्यसभा सांसद भी थे. मामले में लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव, प्रेम गुप्ता, सरला गुप्ता, रेलवे अधिकारी राकेश सक्सेना और पी के गोयल आरोपी हैं.

तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव, मीसा भारती, हेमा यादव, राबड़ी देवी और अन्य आईआरसीटीसी घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे थे. सीबीआई ने तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ 2017 में एफआईआर दर्ज की थी और अदालत ने 6 अक्टूबर 2018 को उन्हें जमानत दे दी थी.

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