ETV Bharat / state

सुशील मोदी की नीतीश को नसीहत, मंदिर का नामकरण संतों और श्रद्धालुओं का काम, पार्टी का नहीं

author img

By

Published : Nov 26, 2022, 8:03 AM IST

Updated : Nov 26, 2022, 9:58 AM IST

पटना में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (MP Sushil Kumar Modi) ने कहा है कि सीतामढ़ी में बन रहे भव्य जानकी मंदिर का नाम संतों और श्रद्धालुओं के द्वारा रखा जाए. इसमें किसी भी राजनैतिक पार्टियों को दखलअंदाजी करने की जरुरत नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी
पटना में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी

पटना: राजधानी पटना में पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi On Janki Temple In Sitamarhi) ने कहा है कि सीतामढ़ी में जानकी मंदिर (Janki temple in Sitamarhi) निर्माण मामले में अगर सीएम नीतीश कुमार पहल करते हैं. तब बीजेपी राज्य सरकार को हरसंभव मदद करने को तैयार है. उन्होंने कहा है कि सीतामढ़ी में भी अयोध्या की तर्ज पर भव्य जानकी मंदिर विकसित होना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः 'लिखकर दे देते हैं.. कहिए तो स्टांप पेपर पर लिख कर दे दें.. RJD में JDU का विलय निश्चित'- सुशील मोदी

भव्य जानकी मंदिर बनाने की पहल करें नीतीश, भाजपा साथ देगी: सुशील मोदी ने कहा कि कोई सरकार या राजनीतिक पार्टी किसी धर्मस्थल का निर्माण नहीं कराती है. इसके लिए आधारभूत संरचना को तैयार करने में पार्टी सहयोग कर सकती है. जैसे अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य राममंदिर के निर्माण के लिए किया है. इससे वहां पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अपार अवसर भी सृजित किया गया.

उन्होंने आगे पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जो लोग अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे. वहां मस्जिद या अस्पताल बनाने का 'ज्ञान' के साथ तंज कस रहे थे कि " मंदिर वहीं बनायेंगे, पर तारीख नहीं बतायेंगे. वे आज माता सीताजी के नाम पर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं. सांसद सुशील मोदी ने कहा कि अयोध्या श्रीराम की जन्मभूमि है और वहां पहले श्रीराम मंदिर था. इस बात को पुरातात्विक प्रमाणों से अदालत में सिद्ध की गई है. जिसके बाद भी बिहार सरकार के मंत्री उसे सीता मंदिर नाम देने की बात कर एक और नया विवाद पैदा करना चाहते हैं?

"जो लोग अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे. वहां मस्जिद या अस्पताल बनाने का 'ज्ञान' के साथ तंज कस रहे थे कि " मंदिर वहीं बनायेंगे, पर तारीख नहीं बतायेंगे. वे आज माता सीताजी के नाम पर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं.'- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद

उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण, नामकरण और पुनरुद्धार जैसे काम संतों-श्रद्धालुओं का है. बीजेपी और किसी भी अन्य पार्टियों को इस मामले पर राजनीति नहीं करना चाहिए. सुमो ने कहा कि राम मंदिर पर देश के संतों-धर्माचायों के लंबे संघर्षं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर के पुन्रनिर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है. जिसके बाद सभी धर्मों के लोगों ने शांति के साथ इसे स्वीकार किया था.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोर्ट के फैसले के बाद 5 अगस्त 2020 को राममंदिर का शिलान्यास कर देश की सांस्कृतिक आकांक्षा पूरी की और तारीख पूछने वालों का मुंह बंद कर दिया था. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि श्रीराम, देवी सीता और रामायण संस्कृति का सम्मान करना केवल भाजपा का दायित्व नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री के बयान से साफ दिखता है कि सीता-राम से जदयू और महागठबंधन सरकार का कोई वास्ता नहीं है.

ये भी पढ़ें- बिहार में खाद आपूर्ति पर बोले सुशील मोदी - 'गलत बयानबाजी कर केंद्र को बदनाम कर रहे विभागीय मंत्री'

Last Updated :Nov 26, 2022, 9:58 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.