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Holashtak 2023: होली के 9 दिन पहले भूलकर भी नहीं करे यह काम, जानिए कब शुरू हो रहा है होलाष्टक

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Published : Feb 26, 2023, 12:03 AM IST

Updated : Feb 26, 2023, 8:26 AM IST

बिहार में होली 8 मार्च को है, उससे पहले 27 फरवरी से 7 मार्च तक होलाष्टक रहेगा. होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं करें. आचार्य मनोज मिश्रा ने कहा कि इस बार होलाष्टक 8 के बदले 9 दिनों तक रहेगा. जानिए होलाष्टक में शुभ काम क्यों नहीं किया जाता है...?

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मनोज मिश्रा, आचार्य

पटनाः इस बार होलाष्टक 27 फरवरी से शुरू (Holashtak starts from 27 February) हो रहा है, जो 7 मार्च तक चलेगा. होलाष्टक हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा होलिका दहन को समाप्त होता है. यह 8 दिनों तक रहता है, जिसका साधु संत और तांत्रिक हमेशा इंतजार करते रहते हैं. 8 दिन में तंत्र साधना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. हलांकि इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं.

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27 फरवरी से होलाष्टक शुरूः पटना के आचार्य मनोज मिश्रा ने इसकी जानकारी दी. इस बार होलाष्टक 8 के बदले 9 दिनों का होगा, क्योंकि एकादशी तिथि के वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है. होलाष्टक में कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए जैसे शादी ,उपनयन, मुंडन, नई जमीन की खरीदारी, रजिस्ट्री, गृह प्रवेश, गृह आरंभ, नया वाहन खरीदना, नई इन्वेस्टमेंट इत्यादि नहीं करना चाहिए. क्योंकि इन 8 दिनों में आठ ग्रह उग्र स्थिति में होता है, इसीलिए नया काम नहीं किया जाता है.

काम बनने के बजाय बिगड़ सकता हैः इस साल भद्रा स्थिति 6 मार्च शाम 4:48 से 7 को सुबह 5:14 तक है. होलिका दहन का 7 मार्च को 6:24 से 8:51 तक है. इस बार भद्रा का साया नहीं है. होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक समाप्त माना जाता है. हलांकि होलाष्टक के प्रथम दिन फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु उग्र रूप में रहता है. इसलिए इस दिन शुरू हुए काम बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है.

हिरण्यकश्यप से जुड़ा है होलाष्टकः चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को इन आठों ग्रहों की नकारात्मक शक्तियों के कमजोर होने की खुशी में लोग होली खेलते हैं. होलाष्टक हिरण्यकश्यप से जुड़ा हुआ है. जिसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु बड़ा भक्त था. हिरणकश्यप भगवान विष्णु को शत्रु मानता था और चाहता था उसका पुत्र भी भगवान विष्णु को शत्रु माने. लेकिन उसके लाख समझाने के बावजूद भी प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी. इसके बाद हिरण्यकश्यप उग्र हो गया. प्रह्लाद को यातना देने लगा ताकि उसकी मृत्यु हो जाए. प्रहलाद को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से फागुन पूर्णिमा की होलिका दहन तक यातना देता रहा. इसी दिन होलिका दहन के बाद अगले दिन होली मानया जाता है.

"इस बार होलाष्टक 27 फरवरी से 7 मार्च 9 तक रहेगा. इस दौरान शुरू किए गए काम को बिगड़ने का ज्यादा संभावना रहता है. इसलिए इस दिन लगन, खरीद-बिक्री और मिर्माण का काम नहीं करे. 7 मार्च के बाद से दिन शुभ रहेगा." -मनोज मिश्रा, आचार्य

Last Updated :Feb 26, 2023, 8:26 AM IST
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