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महामहिम का इंतजार कर रहा ये स्कूल, बिहार के राज्यपाल रहते किए थे कई वादे..आज भी हैं अधूरे

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Published : Oct 20, 2021, 3:56 PM IST

पटना का एक स्कूल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आने की बाट जोह रहा है. बिहार के राज्यपाल के तौर पर यह स्कूल उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था लेकिन आज इसकी दीवारों के प्लास्टर टूट रहे हैं. बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होने के लिए रामनाथ कोविंद पटना आए हैं. राष्ट्रपति के आने से इस स्कूल के शिक्षकों से लेकर विद्यार्थियों तक में आस जगी है. पढ़ें पूरी खबर..

President Ram Nath Kovind in patna
President Ram Nath Kovind in patna

पटना: बिहार के कई सरकारी स्कूल (Govt School Of Bihar) अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. वहीं, बिहार के कभी राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद के सपनों का स्कूल, रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) के राष्ट्रपति बन जाने के बाद भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. ऐसे में रामनाथ कोविंद के पटना आने से एक बार फिर स्कूल के कायाकल्प होने की उम्मीद जगी है.

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राजकीय कन्या मध्य विद्यालय राजभवन अंचल (Kanya Madhya Vidyalaya Raj Bhavan Zone), एक ऐसा स्कूल है जो कभी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा था. 2016 में बिहार के राज्यपाल के तौर पर उन्होंने इस स्कूल में हर तरह की सुविधाओं को बेहतर बनाने की पहल की थी. 5 साल बाद जब रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति के तौर पर पटना आए तो यहां के शिक्षकों के दिल में फिर से उम्मीद जगी है.

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"हमारे स्कूल की हालत बहुत खराब है. जगह जगह से दीवारों के प्लास्टर उखड़ रहे हैं. बैठ कर पढ़ने में बहुत डर लगता है. जल्द से जल्द इसको ठीक करना चाहिए."-छात्रा, राजकीय कन्या मध्य विद्यालय

राष्ट्रपति अपने 3 दिनों के दौरे के दौरान पटना के कई प्रमुख स्थलों पर जाएंगे. वैसे तो पूरा बिहार उनका इंतजार कर रहा है, लेकिन राजभवन कैंपस से 500 मीटर दूरी पर स्थित यह स्कूल राजकीय कन्या मध्य विद्यालय राजभवन अंचल उनका इंतजार नई उम्मीद के साथ कर रहा है. बताया जाता है कि 2016 में महामहिम ने इस स्कूल की जरुरतों जैसे भवन, शिक्षण सामग्री से जुड़ा प्रस्ताव स्कूल प्राचार्य मो. अख्तर इमाम से मांगा था. स्कूल प्रशासन ने इससे जुड़ा प्रस्ताव तैयार कर राज्यपाल को सौंपा भी था. इससे पहले कि स्कूल के निर्माण का प्रस्ताव आगे बढ़ता, साल 2017 में रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बन गए.

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स्कूल की जर्जर स्थिति अपनी दुख और पीड़ा बयां करने के लिए राष्ट्रपति का 5 वर्षों से इंतजार कर रहा है. बिहार के राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद के सपनों के स्कूल की तस्वीर आज तक नहीं बदली है. आज वे राष्ट्रपति हैं, पर राज्यपाल के तौर पर उन्होंने जो स्कूल का कायाकल्प करने का प्रयास किया गया था, वह दिन प्रतिदिन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर पटना को दुल्हन की तरह सजाया गया है, लेकिन ये स्कूल जर्जर है.

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ईटीवी भारत की टीम (Etv Bharat Bihar) ने राजकीय कन्या मध्य विद्यालय का जायजा लिया. हमने पाया कि स्कूल में मूलभूत सुविधा की बात तो दूर दीवारें तक जर्जर हो गई हैं, पेंट झड़ रहे हैं. बाथरूम में भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिस क्लास में बच्चे बैठ कर पढ़ाई करते हैं, उसकी दीवार की सीमेंट भी झड़ रही है. बच्चे डर के साये में यहां पढ़ने को मजबूर हैं.

बच्चों ने बताया कि स्कूल की दीवारों की सीमेंट झड़ रही है, कोई देखने वाला तक नहीं है. कई सालों से स्कूल को पेंट तक नहीं कराया गया है. बच्चों को यह उम्मीद है कि राष्ट्रपति के आने के बाद शायद स्कूल की हालत सुधरे. बता दें कि राष्ट्रपति का 3 दिनों का बिहार दौरा है. इस बीच बिहार के कई जगहों के दौरे पर रामनाथ कोविंद जाएंगे. लेकिन जो सपना उन्होंने आज से 5 साल पहले इस स्कूल के लिए देखा था, उस स्कूल की अगर दुर्दशा देखेंगे तो शायद वह भी संकोच में पड़ जाएंगे.

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राष्ट्रपति के आगमन को लेकर के राजधानी पटना के चौक चौराहों से लेकर बिहार विधानसभा को दुल्हन की तरह सजाया गया है. लेकिन राष्ट्रपति के ड्रीम प्रोजेक्ट को बिहार सरकार नहीं सजा पाई. स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों के दिलों-दिमाग में आज भी रामनाथ कोविंद की कही हर एक बात ताजा है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजकीय कन्या मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल मोहम्मद अख्तर इमाम ने बताया कि रामनाथ कोविंद जब बिहार के राज्यपाल थे, तो उनका सपना था कि इस स्कूल के लिए भव्य भवन हो. स्कूल को सारी सुविधाएं मिले जिससे इसकी पढ़ाई के स्तर में सुधार हो.

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"विद्यालय का एक भव्य भवन हो इस संबंध में प्रिंसिपल से रिपोर्ट मांगी गई थी, राजभवन को हार्ड कॉपी मुहैया कराया गया था. लेकिन आज तक इस स्कूल में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. तकरीबन तीन चार साल से तो डेंटिंग पेंटिंग तक नहीं हुई है. स्कूल में 8 शिक्षक हैं. 1 से लेकर कक्षा 8 तक की यहां पढ़ाई होती है. पहली से पांचवीं तक की कक्षा में लड़के और लड़कियां दोनों पढ़ते हैं. वहीं कक्षा छठवीं से लेकर आठवीं तक में सिर्फ लड़कियां पढ़ती हैं. हमें आशा है कि अगर राष्ट्रपति इस पर ध्यान दें तो जरूर काम होगा."- मोहम्मद अख्तर इमाम,प्रिंसिपल, राजकीय कन्या मध्य विद्यालय

स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि यह स्कूल राजभवन के अधीन है, लेकिन अभी तक स्कूल में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. दीवार के प्लास्टर झड़ रहे हैं. जिस कक्षा में बैठकर बच्चे पढ़ाई करते हैं, उसकी दीवारें तो और जर्जर हो गई हैं. 8 टीचर पर 276 छात्र स्कूल में पढ़ाई करते हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने इस स्कूल में पहुंचकर देखा कि यहां खिड़कियों के शीशे और दरवाजे टूट गए हैं. स्कूल को मिला एकमात्र कम्प्यूटर खराब है, अब इसे टिन के एक बक्से में बंद कर सुरक्षित रख दिया गया है. ये स्कूल राजभवन कर्मियों के लिए बने क्वार्टर के बीचों बीच बना है. यहां स्कूल बनाने का उद्देश्य भी राजभवन कर्मियों के बच्चों को नकदीक में स्कूली शिक्षा देना था. हालांकि, आज की तारीख में बेहद कम राजभवन कर्मियों के बच्चे यहां पढ़ते हैं.

राजकीय कन्या मध्य विद्यालय के शिक्षकों को रामनाथ कोविंद के आने का इंतजार है. शिक्षक चाहते हैं कि रामनाथ कोविंद एक बार स्कूल के प्रांगण में आएं और अपने सपनों के स्कूल की दुर्दशा को देखें. गेट की दीवार पर मधुबनी पेंटिंग लगाया गया है. यह पेंटिंग भी बारिश के पानी के कारण खराब हो गई है.

बता दें कि बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पूरा होने पर शताब्दी वर्ष समारोह (Bihar Vidhan Sabha Centenary Celebrations) का आयोजन 21 अक्टूबर को होगा. इसको लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पटना पहुंच गए हैं. रामनाथ कोविंद के पटना पहुंचने से शिक्षकों के साथ ही बच्चों में भी विद्यालय के अच्छे दिन आने की उम्मीद जगी है.

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