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बेमौसम बारिश ने तोड़ी भट्टा मालिकों की कमर, लाखों के ईंट पकाने से पहले हुए बर्बाद

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Published : Feb 9, 2022, 2:05 PM IST

बिहार में बीते दिनों हुई बेसौम बारिश में फसलों के साथ-साथ लाखों के ईंट भी पकने से पहले ही बर्बाद हो गई हैं. पटना के ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों ईंट भट्टा मालिक हताश और परेशान हैं. ईंट निर्माण के काम में लगे सैकड़ों मजदूरों के सामने भी भूखमरी की नौबत आ गई है. पढ़ें पूरी खबर....

बेमौसम बारिश ने तोड़ी भट्टा मालिकों की कमर
बेमौसम बारिश ने तोड़ी भट्टा मालिकों की कमर

पटनाः बिहार में इस बार ठंड के दिनों में हुई बेमौसम बारिश से सिर्फ किसान ही परेशान नहीं हैं, बल्कि पटना के ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों ईंट भट्टा मालिक (Brick kiln owner upset In Masaurhi) भी हताश हैं. लगातार हुई बारिश में मिट्टी से बनी हुई लाखों ईंट पकने से पहले ही गल कर बर्बाद (Bricks Waste From Rain) हो गई. किसी भट्ठा में 2 लाख तो किसी भठ्ठे में 5 लाख तैयार की गई मिट्टी की ईटें बर्बाद हो चुकी हैं.

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दरअसल, बसंत पंचमी के बाद पटना के ग्रामीण इलाकों में जितने भी ईंट भट्टा हैं, वहां ईंट को आग में डालकर पकाने की शुरुआत हो जाती है. उसके बाद भट्टा सुलगने लगता है और हजारों मजदूर काम पर लौट आते हैं, जो ईंट निर्माण का काम करते हैं. लेकिन इस बार इनके पास पकाने के लिए ईंट ही नहीं है. सारी ईंटें पानी की मार से टूट गई हैं.

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इस बार भारी बारिश में लाखों की संख्या में मिट्टी से बने ईंट पकने से पहले ही बर्बाद हो गए और मजदूरों की मेहनत बेकार हो गई. मजदूरों को दोबारा लाखों की संख्या में मिट्टी से ईंट बनाना पड़ेगा, उसके बाद वह भट्ठी में पकाया जाएगा. करोड़ों रुपये के ईंट बर्बाद होने से ईंट मालिकों की परेशानी बढ़ गई है.

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'बारिश के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. सभी मजदूर भूखमरी की कागार पर आ गए हैं. 5 से 6 लाख ईंट बर्बाद हुआ है. अब दोबारा ईंट को पूरे नए सिरे से तैयार करना पड़ेगा. कोरोना के बाद रोजगार में थोड़ा सुधार आया था लेकिन अब फिर सब बर्बाद हो गया. सरकार को भी टैक्स में कुछ रियायत करना चाहिए'- अलख सिंह, ईंट भट्टा मालिक

बता दें कि मसौढ़ी प्रखंड में तकरीबन 60 से अधिक ईंट भट्टा हैं. वहीं पटना के ग्रामीण इलाकों में तकरीबन सैकड़ों की संख्या में ईंट भट्टा हैं, जहां बसंत पंचमी के बाद ईंट निर्माण का काम शुरू हो जाता है और हजारों मजदूर काम में लग जाते हैं. इसी कमाई से उनकी रोजी रोटी चलती है. लेकिन बेमौसम बारिश में ईंट गलकर बर्बाद होने से इनके सामने भी भूखमरी की नौबत आ गई है.
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