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PMCH में A और AB+ ब्लड की किल्लत से मरीज हलकान, रक्तदान में आई कमी बनी वजह

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Published : Mar 29, 2022, 8:42 PM IST

पटना के पीएमसीएच के ब्लड बैंक (PMCH Blood Banks Struggling With Shortage Of Blood) में इन दिनों ए और एबी पॉजिटिव ब्लड की कमी चल रही है. ऐसे में यहां भर्ती मरीजों को ही खून उपलब्ध करवाना अस्पताल प्रबंधन के लिए चुनौती बन गया है. लोगों से रक्तदान करने की अपील की जा रही है. पढ़ें पूरी खबर..

A and AB positive blood shortage in PMCH patna
A and AB positive blood shortage in PMCH patna

पटना: पीएमसीएच के ब्लड बैंक में इन दिनों एबी पॉजिटिव (AB positive blood shortage in PMCH ) और ए पॉजिटिव ब्लड (A Positive Blood Shortage In PMCH ) की काफी किल्लत हो गई है. इस वजह से गंभीर स्थिति के मरीजों को भी अस्पताल से ब्लड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. एबी पॉजिटिव यदि किसी को ब्लड लेना है और वह अपने साथ किसी अन्य ब्लड ग्रुप के डोनर को ला रहा है तो उसे यही कहा जा रहा है कि एबी पॉजिटिव डोनर को लाइए तभी एबी पॉजिटिव मिल पाएगा.

पढ़ें- पटना: PMCH के ब्लड बैंक में खून की कमी, AB नेगेटिव का स्टॉक एक महीने से है खत्म

मरीजों के ऑपरेशन में आ रही परेशानी: खगड़िया से आए युवक मनोज कुमार ने बताया कि उनके भाई का बुधवार को ऑपरेशन होना है और उन्हें एबी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप चाहिए. उन्होंने कैमरे पर आकर कुछ बोलने से इस डर से मना किया कि उनके भाई की सर्जरी में कहीं कोई दिक्कत ना हो जाए. मनोज ने बताया कि उनके संपर्क में एक मित्र एबी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के हैं और वह उन्हें बुलाए हुए हैं. थोड़ी देर में वहां आएंगे जिसके बाद वह अपना ब्लड डोनेट करेंगे और फिल्टर होने के बाद उसे वह प्राप्त कर लेंगे.



ब्लड डोनेशन काफी कम: ब्लड बैंक में मौजूद कर्मियों ने बताया कि एबी पॉजिटिव और ए पॉजिटिव ब्लड का स्टॉक खत्म हो चुका है. कुछ यूनिट ब्लड है वह इमरजेंसी के एक्सीडेंटल केस के लिए रिजर्व रखे गए हैं. पीएमसीएच के ब्लड बैंक में मौजूद ब्लड बैंक के प्रभारी चिकित्सक डॉ विजय कुमार ने जानकारी दी कि इन दिनों ब्लड डोनेशन काफी कम हो गए हैं. इस वजह से ब्लड नहीं मिल पा रहा है. अन्य ब्लड बैंक से भी उनके पास ब्लड नहीं पहुंच रहा है. जो आ भी रहा है वह भी बी पॉजिटिव और ओ पॉजिटिव के आ रहे हैं.

'ए व एबी पॉजिटिव ब्लड की किल्लत: एबी पॉजिटिव और ए पॉजिटिव कॉमन ग्रुप है और इसकी डिमांड हमेशा अधिक रहती है. अस्पताल में थैलेसीमिया डे केयर सेंटर भी है और इसका नतीजा यह है कि थैलेसीमिया के पेशेंट को बिना अल्टरनेटिव ब्लड डोनेट करवाए ही उन्हें निश्चित यूनिट में ब्लड देनी पड़ती है. ऐसे में अस्पताल का स्टॉक खत्म हो जाता है जो अभी की स्थिति हो गई है.

पढ़ें- गर्भवती महिलाओं में खून की कमी भी दर्शाता है ये 'वंडर एप्प', मातृ मृत्यु दर में भी आई है कमी

लोगों से रक्तदान की अपील: डॉ विजय कुमार ने कहा कि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुक होना होगा और स्वेच्छा से निश्चित अंतराल पर समय-समय पर यदि रक्तदान करने की लोगों को आदत हो जाती है तो ब्लड बैंक में इस प्रकार ब्लड की कमी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि वह अन्य ब्लड बैंकों से संपर्क साधने का प्रयास कर रहे हैं. वहां से ए पॉजिटिव और एबी पॉजिटिव ब्लड प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एबी पॉजिटिव और ए पॉजिटिव ब्लड की कमी होने की वजह से सुबह से कई थैलेसीमिया के मरीज भी बैठे हुए हैं और उनके परिजनों को उन्होंने कहा है कि अन्य जगहों से वह ब्लड की व्यवस्था करें.

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