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कैमूरः मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर रसोईया संघ ने भभुआ मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

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Published : Nov 15, 2019, 11:13 PM IST

भभुआ मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन

बिहार प्रदेश अध्यक्ष सुनैना देवी ने कहा कि सरकार हमें 12 सालों से आश्वासन देकर काम करवा रही है, लेकिन उसको लेकर कुछ भी विचार नहीं कर रही है. हम एक हजार या डेढ़ हजार में अपने बच्चों का पालन पोषण कैसे करेंगे.

कैमूरः राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसोईया फ्रंट के आह्वान पर प्रदेश के विभिन्न जिले से आई रसोईयों ने जिला मुख्यालय भभुआ में धरना प्रदर्शन किया और डीएम को ज्ञापन सौंपा.

भभुआ में धरना प्रदर्शन
रसोईयों का कहना था कि पिछले 12 सालों से सरकार आश्वासन के नाम पर सिर्फ मजदूरी करवा रही है. लेकिन मानदेय के नाम पर उन्हें सिर्फ डेढ़ हजार रुपये मिलते हैं. ऐसे में रसोईया खुद का परिवार कैसे चलाएंगी. धरने में शामिल रसोईयों का कहना है कि 75 प्रतिशत महिलाएं विधवा हैं. इसके बावजूद सरकार का कोई ध्यान नहीं है.

रसोईया संघ का भभुआ मुख्यालय पर प्रदर्शन

'हमारी मांगों को अनसुनी कर रही है सरकार'
फ्रंट की बिहार प्रदेश अध्यक्ष सुनैना देवी ने कहा कि सरकार हमें 12 सालों से आश्वासन देकर काम करवा रही है, लेकिन उसको लेकर कुछ भी विचार नहीं कर रही है. हम एक हजार या डेढ़ हजार में अपने बच्चों का पालन पोषण कैसे करेंगे. सरकार इसके बारे में कुछ भी नहीं सोच रही है. इसके लिए हमने ये धरना प्रदर्शन किया है.

क्या है मांग:

  • एमडीएम भोजन की नहीं हो ठेकेदारी
  • मिले निर्धारित न्यूनतम मजदूरी
  • निर्धारित तिथि पर भुगतान की राशि रसोईया के खाते में भेजी जाए
Intro:Body:अच्छे दिन कब आएंगे : रसोईया फ्रंट

कैमूर।

अच्छे दिन आएंगे और बुरे दिन आ गए । दो बार जीत कर मोदी सरकार मजा लें रहीं हैं और हम रसोईया मर रहें हैं। ऐसे ही कुछ शब्द थे बक्सर से धरने में आई रसोईया कंचन कुंवर के। आपकों बतादें कि राष्ट्रिय मध्याह्न भोजन रसोईया फ्रंट के आव्हान पर प्रदेश के विभीन्न जिले से आई रसोइयों ने जिला मुख्यालय भभुआ में धरना प्रदर्शन दिया और डीएम को ज्ञापन सौंपा। धरना में शामिल गुसाई रसोइयों का कहना हैं कि पीछे 12 वर्षो से सरकार आश्वासन के नाम पर सिर्फ मजदूरी करवा रहीं हैं। लेकिन मानदेय के नाम पर उन्हें मिलता हैं सिर्फ हजार डेढ़ हजार। ऐसे में रसोईया खुद का परिवार कैसे चलाएंगी। धरने में शामिल रसोइयों का कहना हैं कि 75 प्रतिशत विधवा हैं बावजूद सरकार का कोई ध्यान हैं।


रसोइयों का क्या हैं मानना

कहने को सरकारी हैं फिर भी हम बेचारी हैं
करती हैं सरकार मनमानी मिलती नहीं दैनिक मजदूरी
बच्चों की भूख मिटाने के लिए खुद रसोईया भूख की मारी

क्या कहां प्रदेश अध्यक्ष ने

फ्रंट की बिहार प्रदेश अध्यक्ष सुनैना देवी का कहना हैं कि सरकार द्वारा को हाइकोर्ट, श्रम विभाग में न्यूनतम मजदूरी दिया गया हैं जो किसी भी मजदूर को दिया जाता हैं। सरकार पहले बताये की रसोईया का गिनती कौन मजदूरों में होता हैं और 12 वर्षों का पैसा जोड़कर सभी को दें।


क्या क्या हैं मांग

- एमडीएम भोजन का ठीकेदारीकरण से रोक
- निर्धारित न्यूनतम मजदूरी
- भुगतान की राशि सीधे रसोईया के खाते में एक निर्धारित तिथि पर भेजा जाएConclusion:
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