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Gaya News: चुआं खोदकर पितरों को दिला रहे मोक्ष, फल्गु नदी सूखी..चैती छठ में पानी लाना बड़ी चुनौती

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Published : Mar 22, 2023, 10:55 PM IST

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गया के फल्गु नदी में चुआं खोदकर लोग पितरों को मोक्ष दिला रहे है. फल्गु नदी सूख गई है (Phalgu river dried up in Gaya) और गयाजी डैम में पानी नहीं हैं. तीर्थयात्री चुआं खोदकर पिंडदान कर रहे है. इससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में चैती छठ में पानी लाना यहां बड़ी चुनौती होगी.

फल्गु नदी सूखा, गयाजी डैम में पानी नहीं

गयाः बिहार के गया में फल्गु नदी सूखी पड़ी है. वहीं गया जी डैम में पानी नहीं है. गयाजी डैम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है, जिसमें सालों भर पानी रखने की योजना थी, लेकिन गयाजी डैम में पानी नहीं (no water in gayaji dam) है. विश्व प्रसिद्ध गया के विष्णुपद धाम को पहुंचने वाले पिंडदानी चुआं खोदकर या हैंडपंप से पानी लाकर पिंडदान तर्पण का कर्मकांड कर रहे हैं और पितरों को मोक्ष दिला रहे हैं. वहीं चैती छठ भी नजदीक है और गया जिले में स्थित देवघाट पर हर साल हजारों श्रद्धालु छठ का व्रत करते हैं. ऐसे में चैती छठ के लिए पानी का जुगाड़ करना भी प्रशासन के लिए चुनौती के समान है.

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पानी की उपलब्धता को लेकर डीएम को लिखा पत्र: बड़ी बात यह है कि इस समस्या को लेकर विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल के द्वारा गया जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर पिंडदान और चैती छठ को लेकर गया जी डैम में पानी की मांग की गई है.फल्गु में गया जी डैम देवघाट के तट पर बना है. देवघाट पिंंडदानियों के लिए सबसे मुख्य पिंडदान स्थल के रूप में है. देश और विदेश से प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्री विष्णुपद पहुंचकर अपने पितरों के मुंह की कामना करते हैं. इस संबंध में विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल ने बताया कि पिंंडदानियों और चैती छठ में पानी की समस्या को लेकर गया जिला पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है और इसका निदान करने की मांग की गई है.

"गयाजी डैम में पानी नहीं है. कुछ गड्ढे में एकदम से गंदा पानी है करोड़ों की योजना से गयाजी डैम बनाया गया है, लेकिन उसमें पानी नहीं है. पिंडदानी गड्ढा खोदकर पानी ले रहे हैं. वही इसी हफ्ते चैती छठ का पर्व है, जिसमें श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि देवघाट के तट पर स्थित फल्गु जी डैम के पास हजारों की संख्या में छठ व्रती आएंगे"- शंभूलाल विट्ठल, अध्यक्ष, विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति

पिंडदानियों को चुआं खोदकर निकालना पड़ रहा पानीः कोलकाता के हुगली से आए वासुदेव दास अपने माता-पिता का पिंंडदान करने आए हैं. यह बताते हैं, कि गयाजी में पितरों को मोक्ष मिलता है. यहां पानी के लिए थोड़ी समस्या हो रही है. पानी खोदकर निकालना पड़ रहा है. इसी पानी से या फिर हैंडपंप से पानी लाकर पितरों का कर्मकांड कर रहे हैं. इससे थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है. आशीष कुमार पांडे बताते हैं कि पिंंडदानी चुआं खोदकर जल निकाल रहे हैं. गया जी धाम में हजारों श्रद्धालु देश के कोने कोने से रोजाना आते हैं. किंतु यहां पानी की समस्या फल्गु में बनी हुई है. क्योंकि फल्गु सूखी हुई है. 2 महीने से यही स्थिति है. गया जी डैम जो बना है, वह भी सूखा हुआ है. अब संभावना है कि बरसात के दिन में ही इसमें पानी आ पाएगा.

गयाजी से बड़ी आस्था, पानी की समस्या: नेपाल से पूर्वजों का पिंडदान करने पहुंची और पार्वती गिरी बताती हैं, कि गयाजी में पितरों को मोक्ष मिलती है. यह बहुत महत्वपूर्ण धार्मिक भूमि है. गया जी के प्रति काफी आस्था है. पितरों को यहां मोक्ष मिलती है. यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है, लेकिन पानी की समस्या है, पानी गड्ढे से ले रहे हैं. गया पाल पंडा प्रल्हाद कुमार बताते हैं, कि फल्गु नदी श्रापित है, लेकिन गयाजी डैम बना कर पानी रखने की योजना बनाई गई है. किंतु अभी देखें तो यहां पानी नहीं है. गयाजी डैम और फल्गु नदी सूखा हुआ है. इससे पिंंडदानियों को काफी परेशानी हो रही है. पिंंडदानी हैंडपंप या गड्ढे से पानी निकालकर पितरों का कर्मकांड कर रहे हैं. एक दो महीने से यही स्थिति बनी हुई है. रेत कहीं नजर नहीं आ रहा है, सिर्फ मिट्टी ही मिट्टी नजर आ रही है.

चैती छठ भी सर पर, पानी की व्यवस्था बड़ी चुनौती: वहीं चैती छठ भी सिर पर है. ऐसे में पानी की समस्या बड़ी चुनौती के रूप में सामने है. पिंंडदानियों को एक ओर पानी की समस्या हो रही है तो चैती छठ में गयाजी डैम देवघाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पर्व को करने आते हैं. किंतु पानी नहीं रहने के कारण दिक्कतें होगी. हालांकि प्रशासन द्वारा नदी में कई स्थानों पर जेसीबी की मदद से गड्ढा खोदने की योजना है, ताकि छठ व्रतियों को छठ पर्व के लिए पानी उपलब्ध हो सके.

सफाई के लिए सूखाया गया है गया जी डैम: गयाजी डैम में पानी नहीं रहने को लेकर पूर्व में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला प्रशासन द्वारा जानकारी दी गई है कि गयाजी डैम को साफ करने के लिए सुखाया आया गया है. सफाई के बाद इसमें पानी आ जाएगी. हालांकि कब तक पानी इसमें लाया जाएगा, यह प्रशासन के द्वारा स्पष्ट नहीं किया गया है.

करीब 4 अरब की लागत से बनाया गया है डैम: देश का सबसे लंबा गया जी डैम करीब 4 अरब की लागत से बनाया गया है. 2022 सितंबर माह में इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से यह एक है. इसमें सालों भर पानी रखने का दावा किया गया है. हालांकि फिलहाल में गया जी डैम में एकदम से पानी नहीं है. जानकारी हो कि फल्गु नदी अंत: सलिला है. माता सीता के श्राप के कारण ऐसा माना जाता है. किंतु गया जी डैम बनाकर मुख्यमंत्री ने भागीरथ होने का तमगा अपने ऊपर लिया है. फिर भी मुख्यमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के बावजूद पिछले महीने भर से गयाजी डैम में पानी नहीं है, जिससे फल्गु नदी सूखा-सूखा सा है.

"गयाजी में पितरों को मोक्ष मिलती है. यह बहुत महत्वपूर्ण धार्मिक भूमि है. गया जी के प्रति काफी आस्था है. पितरों को यहां मोक्ष मिलती है. यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है, लेकिन पानी की समस्या है, पानी गड्ढे से ले रहे हैं"- पार्वती गिरी, नेपाली पिंडदानी.

"फल्गु नदी श्रापित है, लेकिन गयाजी डैम बना कर पानी रखने की योजना बनाई गई है. किंतु अभी देखें तो यहां पानी नहीं है. गयाजी डैम और फल्गु नदी सूखा हुआ है. इससे पिंंडदानियों को काफी परेशानी हो रही है. पिंंडदानी हैंडपंप या गड्ढे से पानी निकालकर पितरों का कर्मकांड कर रहे हैं. एक दो महीने से यही स्थिति बनी हुई है"-प्रह्लाद कुमार, गयापाल पंडा.

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