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दरभंगा: बढ़ती महंगाई के खिलाफ भाकपा माले का विरोध मार्च

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Published : Apr 13, 2022, 4:11 PM IST

दरभंगा में सीपीआई माले ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ विरोध मार्च (CPIML Protest in Darbhanga) निकाला. इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आम जनता बढ़ती महंगाई से बेहाल है लेकिन सरकार कॉर्पोरेट क्षेत्र को लाभ पहुंचाने में लगी हुई है. पढ़ें पूरी खबर...

CPIML protest
CPIML protest

दरभंगा: देश में बढ़ती महंगाई का कांग्रेस और भाकपा माले समेत अन्य विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम बुधवार को दरभंगा में भाकपा माले पार्टी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध मार्च का (CPIML Protest Against Central Government) आयोजन किया गया. आक्रोश मार्च पंडासराय से निकलकर विभिन्न चौक चौराहा होते लहेरियासराय टावर पहुंचा. प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ नारा बुलंद किया. मौके पर पार्टी का झंडा लिए माले कार्यकर्ता मौजूद थे.

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भाकपा माले नेता आरके साहनी ने कहा देश में महंगाई आसमान छू रही है. पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम लगातार बढ रहे है. खादान पदार्थ के बढ़ते मूल्य के अपने उच्चतम मूल्य पर पहुंच गई है. इन सभी के बढ़ते दामों के कारण आज देश में महंगाई चरम पर है. जिससे आम लोगों का जीवन दुर्लभ हो गया है. देश में बढ़ती महंगाई खिलाफ भाकपा (माले) के देशव्यापी आह्वान पर आक्रोश मार्च निकाला गया.

सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन: आरके साहनी ने कहा कि डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस, खादान सामग्री पर आसमान छूती महंगाई से लोगों के रोजी-रोटी पर संकट छा गया है. महंगाई से लोगों का जीना मुहाल हो गया है लेकिन सरकार की कॉर्पोरेट परस्त नीति के चलते कॉरपोरेट घराने की आय में दिन दूगनी रात चौगुनी वृद्धि हो रही है. जिसको लेकर आम लोगों में सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश है. इसीलिए हमारी पार्टी महंगाई के खिलाफ सड़क पर उतर कर सरकार का विरोध कर रही है.

माले नेता ने कहा कि, 'कॉरपरेट घरानों और अमीरों से टैक्स की पूरी वसूली करके डीजल-पेट्रोल के दाम को नियंत्रित की जा सकती है, लेकिन मोदी सरकार पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद काफी उत्साहित होकर अब तक बारह बार ईंधन की कीमतें बढ़ा चुकी है. यह चालाकी और जनता से धोखाधड़ी का एक पैटर्न है. मतलब हर बार चुनाव से पहले के महीनों में ईंधन की कीमतें स्थिर रखो और जैसे ही चुनाव हो जायें तो फटाफट मूल्यवृद्धि कर दो.'

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