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Navratri 2023: उत्तरायणी गंगा के तट रामरेखा घाट से निकाली गई जलभरी शोभायात्रा, देवी गीतों से माहौल भक्तिमय

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 15, 2023, 1:51 PM IST

जलभरी शोभायात्रा के साथ ही शरदीय नवरात्रि के महा त्योहार की शुरुआत हो गई. नवरात्रि को लेकर उत्तरायणी गंगा के तट रामरेखा घाट से जलभरी शोभायात्रा निकाली गई. हर चौक-चौराहा देवी गीतों से गूंजायमान रहा.

उत्तरायणी गंगा के तट रामरेखा घाट से निकाली गई जलभरी शोभायात्रा
उत्तरायणी गंगा के तट रामरेखा घाट से निकाली गई जलभरी शोभायात्रा

उत्तरायणी गंगा के तट रामरेखा घाट से निकाली गई जलभरी शोभायात्रा

बक्सर: उत्तरायणी गंगा के तट रामरेखा घाट से जलभरी शोभायात्रा के साथ नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा अराधना की जाती है. जिसको लेकर ग्रामीण सहित शहर की सड़कों पर चहल पहल बढ़ गई है, हर चौक-चौराहा देवी गीतों से गूंज रहा है.

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श्रद्धालुओं ने किया कलश स्थापना: मां दुर्गा की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र में श्रद्धालु मंदिरों, पूजा पंडालों के साथ घरों में भी विधि विधान से पूजा पाठ कर कलश स्थापना कर रहे हैं. वहीं जिले के पूजा समितियों के द्वारा जलभरी शोभायात्रा निकाली गई. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा आराधना कर लोग देश-प्रदेश के साथ परिवार में सुख, शांति व समृद्धि की कामना कर रहे है. नवरात्र के भक्ति गीतों और वेदमंत्रों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है.

क्या कहते है पुजारी: गंगा आरती के पुजारी पंडित लाला बाबा ने बताया कि प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान हैं, जिन्हें सौभाग्य की देवी भी कहा जाता है. शैलपुत्री से सुख व समृद्धि की प्राप्ति होती है. पर्वत राज हिमालय के घर जन्म लेने से माता का नाम शैलपुत्री पड़ा. इधर बड़ी देवी महाशक्ति पूजा समिति के सदस्यों ने भी बताया कि माता की जलभरी शोभायात्रा निकाली गयी, जिसमें हर वर्ग और हर धर्म के लोग शामिल हुए.

"हर साल की तरह इस साल भी जलभरी शोभायात्रा बड़े धूम-धाम से निकाली गयी. जलभरी के साथ ही नौ दिन का अनुष्ठान का संकल्प लिया जाता है. पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है. नवमीं तिथि को अनुष्ठान व पाठ करने वाले लोग हवन भी करते हैं"- शशांक वर्मा, श्री भारतीय कला निकेतन पूजा समिति के सदस्य

कब है शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य पंडित नरोत्तम द्विवेदी के अनुसार प्रात: काल में सूर्योदय काल 6:16 से 10:16 तक एवं अभिजीत मुहूर्त 11:36 से 12:24 तक का है. इससे पूर्व ही हवन आदि कर लेना चाहिए. नौ दिन तक व्रत रखने वाले 24 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन व्रत का पारण 12:49 तक कर लेंगे.

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