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प्रदेश में कोरोना के मामलों में आई थोड़ी कमी, चिकित्सक बोले- अभी भी तमाम सावधानियां जरूरी

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Published : Jan 19, 2022, 10:50 PM IST

Updated : Jan 19, 2022, 11:09 PM IST

बिहार में कोरोना की रफ्तार धीमी (Slowing Down of Corona in Bihar) होने लगी है. लेकिन अभी भी हमें सावधान रहने की जरूरत है. आईजीआईएमएस के यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर निखिल रंजन (Dr Nikhil Ranjan Urologist IGIMS) ने बताया कि अभी भी कोरोना से जुड़ी तमाम सावधानियां गंभीरता पूर्वक बरतने की आवश्यकता है. पढ़े पूरी खबर..

बिहार में कोरोना की रफ्तार धीमी
बिहार में कोरोना की रफ्तार धीमी

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection in Bihar) के मामले में हाल के दिनों में कमी देखने को मिल रही है. लेकिन, चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना से जुड़ी तमाम सावधानियां अभी भी बरतने की जरूरत है. बुधवार को प्रदेश में संक्रमण के 4,063 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें राजधानी पटना में ही 999 नए मामले सामने आए हैं. कई दिनों बाद राजधानी पटना में नए संक्रमण के मामलों की संख्या 1000 से कम है. प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 30,481 है.

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हाल के दिनों में प्रदेश में जिस प्रकार संक्रमण के नए मामलों में कमी आई है. चिकित्सकों का कहना है कि कह सकते हैं कि प्रदेश में संक्रमण का पीक आ गया है. पटना के आईजीआईएमएस के यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर निखिल रंजन ने बताया कि संक्रमण के पीक के बारे में नहीं कहा जा सकता. हाल के दिनों में नए मामलों की संख्या में गिरावट आई है. ऐसा प्रतीत होता है कि संक्रमण का पीक आ चुका है. लेकिन, अभी भी कोरोना से जुड़ी तमाम सावधानियां गंभीरता पूर्वक बरतने की आवश्यकता है.

'अस्पताल में इस बार कोरोना मरीजों की भीड़ नहीं है और अस्पताल में जो 14 मरीज एडमिट हैं. वो कोमोरबिडिटी के कारण है. सिर्फ कोरोना की वजह से संक्रमित होकर एडमिट होने की आवश्यकता ना के बराबर मरीजों को पड़ी है.' - डॉक्टर निखिल रंजन, यूरोलॉजिस्ट, आईजीआईएमएस

सरकार द्वारा इस बार संक्रमण की तीसरी लहर में जहां संक्रमण के मामले मिल रहे हैं. वहां, कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया जा रहे हैं. ऐसे में कई लोगों में संक्रमण फैलने को लेकर डर बन रहा है. इस पर डॉ निखिल रंजन ने कहा कि पहली और दूसरी लहर में सरकार और चिकित्सा जगत संक्रमण के बारे में अधिक नहीं जानते थे. पहली और दूसरी लहर में बीमारी इंटरनेशनली आ रही थी.

इस बार ओमिक्रॉन का देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है. कंटेनमेंट का साइड इफेक्ट है कि इलाके में लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो जाती है. ऐसे में इसकी जरूरत भी नहीं थी. लेकिन, जरूरी है कि लोग एहतियात बरतें. जिन्हें कोरोना डिटेक्ट हो रहा है उनके लिए जरूरी है कि होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करें और खुद को आइसोलेट करें. कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अभी भी बहुत जरूरी है.

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Last Updated :Jan 19, 2022, 11:09 PM IST
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