कभी पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाकर छोड़ा था तेजस्वी का साथ, क्या फिर महागठबंधन में वापस होंगे मुकेश सहनी?

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Published : Jan 19, 2022, 7:41 PM IST

मुकेश सहनी महागठबंधन में जाएंगे

जेडीयू और बीजेपी में 'झगड़ा' अभी शांत भी नहीं हुआ कि वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) लालू और तेजस्वी की तारीफ कर सियासी बवाल खड़ा कर दिया है. सियासी गलियारों में उनके बयान के कई मतलब निकाले जा रहे हैं लेकिन सवाल यही है कि कभी पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाकर महागठबंधन से बाहर निकलने वाले 'सन ऑफ मल्लाह' क्या फिर से आरजेडी की ओर रुख करेंगे? पढ़ें ये खास रिपोर्ट...

पटना: 'तेजस्वी मेरे छोटे भाई हैं और लालू यादव के लिए मेरे दिल में बहुत सम्मान है', वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) के इस बयान ने बिहार में कड़ाके की ठंड के बीच सियासी सरगर्मी पैदा कर दी है. राष्ट्रीय जनता दल ने इसे सहनी की ओर से पॉजिटिव सिग्नल मानते हुए एक तरह से हरी झंडी भी दे दी है. दरअसल न दिनों बिहार एनडीए में घमासान (Dispute In Bihar NDA) मचा हुआ है. पिछले कुछ दिनों से विभिन्न मुद्दों को लेकर गठबंधन के चारों दलों के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. पहले बीजेपी और जेडीयू में तनातनी हुई. उसके बाद जीतनराम मांझी की पार्टी हम ने भी दोनों दलों पर हमला बोला और अब वीआईपी प्रमुख के इस बयान ने रही सही कसर पूरी कर दी है.

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वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने सीधा इशारा कर दिया है कि अगर कुछ ऐसी नौबत आई तो वे पाला बदल सकते हैं और महागठबंधन में वापसी कर सकते हैं लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या वे उस दिन को भूल गए, जब उन्होंने विधानसभा चुनाव 2020 से पहले प्रेस कांफ्रेंस के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए महागठबंधन से निकलने की घोषणा कर दी थी.

इस बारे में वीआइपी अध्यक्ष मुकेश सहनी कहते हैं कि उस वक्त पीठ में छुरा घोंपने का उन्होंने आरोप लगाया था और महागठबंधन छोड़ा था तो उसकी सजा तुरंत तेजस्वी को मिल गई थी, क्योंकि तब वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाए लेकिन अब जो स्थितियां बन रही है उसमें कुछ भी हो सकता है. उन्होंने बीजेपी पर अनाप-शनाप बयान देने और निषाद आरक्षण का नहीं पूरा करने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर लालू यादव और तेजस्वी यादव की तारीफ की है.

"जिसने हमारे साथ गलत किया, उसका परिणाम उनको मिल गया. वो सत्ता से बाहर हैं और हमने उनको सत्ता से बाहर कर दिया. हमलोग लालू जी को मानने वाले लोग हैं. सामान्य विचारधारा है हमारी. लालू जी गरीबों के लिए मुखर रहे हैं. तेजस्वी जी के साथ भी राजनीति किया है. उनके साथ हमारी सोच नहीं मिली तो उनसे अलग हो गए लेकिन व्यक्तिगत रिश्ते तो हमारे बीच है ही"- मुकेश सहनी, मंत्री, बिहार सरकार

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इधर, आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अगर मुकेश सहनी को अपनी गलती का एहसास हो गया है और उन्होंने बीजेपी का चरित्र समझ लिया है तो यह बहुत खुशी की बात है. वहीं उनके पीठ में छुरा घोंपने वाले बयान को लेकर आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है. जब नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार एक दूसरे के खिलाफ बयान देने के बाद भी एक साथ आ सकते हैं तो मुकेश सहनी क्यों नहीं. उन्होंने दावा किया कि खरमास बाद हमने पहले ही कहा था कि बिहार में खेला होबे और परिस्थितियां उसी ओर जाती हुई नजर आ रही है.

"अगर मुकेश सहनी को अपनी गलती का एहसास हो गया है और उन्होंने बीजेपी का चरित्र समझ लिया है तो यह बहुत खुशी की बात है. राजनीति में कुछ भी संभव है. जब नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार एक दूसरे के खिलाफ बयान देने के बाद भी एक साथ आ सकते हैं तो मुकेश सहनी क्यों नहीं. हमने तो पहले ही खरमास बाद बिहार में खेला होबे की बात कही थी और परिस्थितियां उसी ओर जाती हुई नजर आ रही है. तेजस्वी यादव जी खेला कर के रहेंगे"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

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उधर, बीजेपी नेता और प्रदेश के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मुकेश सहनी पीठ में छुरा घोंपने वाली बात कैसे भूल गए. मुकेश सहनी बिहार सरकार के मंत्री हैं और उन्हें सोच समझकर बोलना चाहिए. क्या मुकेश सहनी महागठबंधन में एक और विश्वासघात झेलने की तैयारी कर चुके हैं.

"जब वो हमारे गठबंधन में आए थे तब आरजेडी से ही आए थे और चिल्ला-चिल्लाकर कहते थे कि उनके पीठ में छुरा घोंप दिया. मुझे लगता है कि उनको ये बात याद रखनी चाहिए. हमारी सरकार में मंत्री हैं वो, इसलिए उनको सोच-समझकर बोलना चाहिए. क्या मुकेश सहनी महागठबंधन में एक और विश्वासघात झेलने की तैयारी कर चुके हैं"- नीरज कुमार सिंह, मंत्री, बिहार सरकार

वहीं, इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि अगर एक पार्टी का अध्यक्ष होते हुए मुकेश सहनी इस तरह की बात कह रहे हैं तो इसे गंभीरता से जरूर लेना चाहिए. हालांकि वे यह भी स्वीकार करते हैं कि यूपी में अलग चुनाव लड़ने के मामले को लेकर अगर बीजेपी से उनके मतभेद हैं तो यह कोई बड़ी बात नहीं, क्योंकि जेडीयू भी वहां बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. उनका अगला कदम होगा, इसको लेकर उहाबोह की स्थिति है. इसलिए वे तेजस्वी की तारीफ कर रहे हैं"- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

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