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गिरिराज ने मदरसे को लेकर उठाया सवाल, तो महागठबंधन के नेता मठ-मंदिर को लेकर हुए हमलावर

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Published : Sep 3, 2022, 10:31 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 6:12 PM IST

मदरसों को लेकर बिहार में सियासी संग्राम
मदरसों को लेकर बिहार में सियासी संग्राम

मठ-मंदिर और मदरसों को लेकर बिहार में सियासी संग्राम मचा है. बीजेपी नेता बिहार में मदरसों का सर्वे (Survey of Madrasas in Bihar) कराने की मांग कर रहे हैं. जिसको लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और महागठबंधन नेता आमने-सामने हैं. धार्मिक संगठनों को केंद्र में रखकर बयानबाजी की जा रही है. मठ-मंदिर और मदरसों को जांच की मांग यहां पर जोर पकड़ने लगी है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: बिहार में गठबंधन की सियासत ने करवट (Politics In Bihar Over Temples And Madrasas) बदली है. नीतीश कुमार एनडीए छोड़ महागठबंधन का हिस्सा हो गए हैं. बदली हुई परिस्थितियों में भाजपा नेताओं के तेवर तल्ख हैं. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश के अंदर चल रहे मदरसों की गतिविधियां संदिग्ध है. सरकार को मदरसों में चल रही गतिविधियों को लेकर गंभीरता पूर्वक जांच करानी चाहिए. केंद्रीय मंत्री के बयान के बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. महागठबंधन नेताओं ने भी तेवर तल्ख कर लिए हैं और फिर मठ और मंदिर सियासत के केंद्र में आ गए हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर भी महागठबंधन नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं.

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बिहार में मदरसों की संख्या 4000 से अधिक: बिहार में मदरसों की संख्या 4000 से अधिक है. जिसमें 1942 मदरसों को सरकारी सहायता प्राप्त है. कुल मिलाकर लगभग 15 लाख छात्र मदरसों में पढ़ते हैं. बिहार सरकार इस पर कुल 483 करोड़ सालाना खर्च भी करती है. आने वाले दिनों में 10,000 से ज्यादा मदरसा खोले जाने की योजना भी है. मठ मंदिरों की अगर बात कर लें तो बिहार के अंदर कुल मिलाकर 2499 रजिस्टर्ड मठ-मंदिर हैं. इसके अलावा ऐसे मठ-मंदिर भी हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. 35 जिलों में कुल 2512 अपंजीकृत मठ, मंदिर हैं.

'भाजपा नेता अगर मदरसों को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों की भी जांच होनी चाहिए, वर्तमान केंद्र सरकार के मंत्री जब आईएएस अधिकारी थे तो उन्होंने आर एसएस की भूमिका पर सवाल उठाया था.' - दानिश रिजवान, प्रधान महासचिव, हम

'केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने विभाग के बारे में बात नहीं करते हैं, लेकिन नफरत फैलाने की सियासत करते हैं. मैं तो मांग करूंगा कि मठ, मंदिर के गतिविधियों की भी जांच होनी चाहिए. बिहार में नफरत की राजनीति करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी.' - श्याम रजक, प्रधान महासचिव, आरजेडी

'मदरसों को कंप्यूटरीकृत कराने का काम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने कराया था. मदरसों की जांच इसलिए कराना चाहते हैं कि वहां बेहतर शिक्षा के लिए और क्या सुविधाएं दी जा सकती है. जहां तक मठ, मंदिर का सवाल है तो वह पूरी तरह पारदर्शी है. मठ, मंदिर को लेकर सब कुछ सार्वजनिक होता है.' - रामेश्वर चौरसिया, वरिष्ठ नेता, बीजेपी

'मठ, मंदिर और मदरसे को लेकर सियासत का कोई मायने नहीं है. अगर किसी के पास ऐसे संगठनों को लेकर कोई प्रमाण है तो उन्हें जांच एजेंसियों के समक्ष आना चाहिए. अन्यथा राजनीतिक बयानबाजी का कोई मतलब नहीं है. ऐसे बयान से समाज में विद्वेष फैलने की संभावना रहती है.' - डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

गिरिराज सिंह ने की थी मदरसों के सर्वे कराने की मांग : असल में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) ने बिहार सरकार सहित तमाम विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूपी में मदरसों के सर्वे कराने से कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. बिहार सरकार को भी मदरसों की समीक्षा और सर्वे कराना चाहिए, जिससे पता चले कि वो भारत सरकार के पक्ष में काम कर रहे हैं, या देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा था कि मैं बिहार सरकार से मांग करता हूं कि यहां भी मदरसों और मस्जिदों की जांच (probe into madrasa and mosques in Bihar) होनी चाहिए.

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Last Updated :Sep 5, 2022, 6:12 PM IST
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