बिहार में क्राइम 'अनकंट्रोल': पुलिस सिर्फ झाड़ियों में ढूंढ रही खाली बोतल, अपराधी प्रशासन को दिखा रहे ठेंगा

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Published : Dec 8, 2021, 4:43 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 5:29 PM IST

बिहार में क्राइम

बिहार में क्राइम बेकाबू (Crime in Bihar) हो चुका है. पुलिस इन दिनों बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करवाने के लिए लगातार होटलों में छापेमारी अभियान चला रही है, जिसका परिणाम है कि अपराधी पुलिस प्रशासन को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

पटना: बिहार सरकार सिर्फ और सिर्फ शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) पर फोकस कर रही है. बिहार पुलिस इन दिनों झाड़ियों में खाली बोतलें ढूंढने और लोगों का मुंह सूंघने में लगी हुई है. यही नहीं बिहार पुलिस इन दिनों राजधानी पटना सहित बिहार के बड़े शहरों के होटलों में शादी विवाह में घुसकर दुल्हन के कमरे तक जाकर शराब ढूंढने में व्यस्त है. जिसका परिणाम है कि बिहार में अपराध का ग्राफ (Crime Graph in Bihar) बढ़ गया है.

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बिहार में आए दिन हत्या, लूट, अपहरण, डकैती ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गृह जिले में जेडीयू नेता को गोली मारने की घटना घटित हुई है, तो वहीं गोपालगंज में दवा व्यवसायी को गोली मार दी गई. वहीं, गोपालगंज सिविल कोर्ट के वकील को दिनदहाड़े अपराधियों ने गोली मार दी. यह तो छोड़िए अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि झाझा रेलखंड पर खुसरूपुर स्टेशन पर झाझा-पटना मेमू ट्रेन में अपराधियों ने दिनदहाड़े तीन यात्रियों को गोली मारकर घायल कर दिया. यह तो कुछ घटनाएं हैं बिहार में प्रतिदिन ऐसी 20 से 25 वारदात किसी ना किसी जिले में घटित हो रही हैं.

देखें रिपोर्ट

बता दें कि नीतीश कुमार जब पहली बार सत्ता में आए थे, तब उन्होंने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत क्राइम से समझौता नहीं करने का निर्णय लिया था. कुछ हद तक क्राइम पर कंट्रोल भी हुआ था, लेकिन फिर से अपराध बढ़ने का कारण कहीं ना कहीं यह माना जा रहा है कि पूरी पुलिस फोर्स को नीतीश सरकार ने 1 सूत्री कार्यक्रम शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करवाने में झोंक दिया है.

बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में बढ़ते अपराध का कारण है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पुलिस को 1 सूत्री कार्यक्रम सिर्फ शराब बंदी को पालन करवाने में पूरी पुलिस फोर्स को लगा दिया है, जिसका परिणाम है कि बिहार में अपराध बेलगाम हो गया है और बिहार में अराजकता वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है.

''बिहार में आए दिन शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है, जिसके बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर से समीक्षा बैठक कर शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करवाने के लिए पुलिस कर्मियों को टास्क दिया है. इसके बावजूद भी समस्तीपुर में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत की घटना घटित हुई. इसके अलावा पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से एक ट्रक शराब बरामद की गई है, जिसकी कीमत करीब 70 लाख आंकी गई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पटना में आसानी से जब शराब की खेप पहुंच सकती है, तो अन्य जिलों की बात करना ही गलत होगा.''- अमिताभ दास, पूर्व आईपीएस अधिकारी

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बिहार में बढ़ते अपराध को देखते हुए पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉक्टर संजय कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि बिहार पुलिस को राज्य सरकार ने मल्टीटास्किंग कार्य सौंप रखा है, जिस वजह से ऐसे परिणाम देखने को मिल रहे हैं. बिहार में अन्य राज्यों की तुलना में पब्लिक और पुलिस का रेश्यो बहुत कम है. सीमित पुलिसकर्मियों से बिहार सरकार शराबबंदी कानून के साथ-साथ बालू और क्राइम भी कंट्रोल करवा रही है.

''12 करोड़ की आबादी में महज 1 लाख पुलिसकर्मी बिहार में मौजूद हैं. जब पुलिसकर्मियों को सेपरेट उनका काम सौंपा जाएगा, तब शराबबंदी या क्राइम कंट्रोल कर पाना मुमकिन होगा. बिहार सरकार पुलिस को पुलिसिंग करने देगी, तभी पुलिस अपराधियों को धरपकड़ने में कामयाब होगी, तभी अपराध का ग्राफ कम हो सकता है. राज्य सरकार को दारू और बालू के लिए एक अलग व्यवस्था करनी होगी, तभी पुलिसकर्मी अपराध पर अंकुश लगा सकेंगे.''- डॉ. संजय कुमार, पॉलिटिकल एक्सपर्ट

''बिहार में क्राइम कंट्रोल है. इक्का दुक्का घटनाएं घटित होती है. इन घटनाओं को त्वरित कार्रवाई करते हुए अनुसंधान कर अपराधियों को सजा दिलवाई जा रही है. हाल-फिलहाल में जो भी घटनाएं घटित हुई हैं या तो अनुसंधान कर अपराधियों को सजा दिलाई जा चुकी है, या फिर लास्ट स्टेज में अनुसंधान चल रहा है. जल्दी इन मामलों में भी अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित होगी.''- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

कुल मिलाकर पुलिस मुख्यालय के हिसाब से पुलिस चौकस है और अपराधियों के मूवमेंट को रोकने के लिए चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. गौरतलब है कि यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार पुलिस ना ही पूर्ण रूप से शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कर पा रही है और ना ही क्राइम कंट्रोल कर पा रही है.

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Last Updated :Dec 8, 2021, 5:29 PM IST
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