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बिहार पुलिस मुख्यालय में अंतर प्रभागीय समन्वय समिति की बैठक, अधिकारियों को दिए गए निर्देश

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Published : Mar 24, 2022, 10:48 PM IST

बिहार पुलिस मुख्यालय में अंतर प्रभागीय समन्वय समिति की बैठक (Inter Divisional Coordination Committee Meeting in Patna) हुई. बैठक के दौरान बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने भी सभी पुलिस अधीक्षकों को मासिक कार्य विवरण तथा सप्ताहिक गोपनीय प्रतिवेदन समय पर समर्पित किए जाने का निर्देश दिया.

बिहार पुलिस मुख्यालय में अंतर प्रभागीय समन्वय समिति की बैठक
बिहार पुलिस मुख्यालय में अंतर प्रभागीय समन्वय समिति की बैठक

पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) में बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल (Bihar DGP Sanjeev Kumar Singhal) की अध्यक्षता में अंतर प्रभागीय समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में अपर पुलिस महा निरीक्षक सहित बिहार पुलिस के कई प्रभावों के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे. बिहार पुलिस मुख्यालय की एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) ने बैठक के दौरान सभी क्षेत्रीय वरीय पुलिस पदाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दिया कि विधानसभा सत्र के क्रम में पुलिस बजट प्रस्तुत होने के दिन सभी जिला के पुलिस अधीक्षक अपने-अपने कार्यालय में उपस्थित रहेंगे.

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एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने दिए कई अहम निर्देश: एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने पुलिस उप अधीक्षकों को मासिक कार्य विवरण तथा सप्ताहिक गोपनीय प्रतिवेदन समय पर समर्पित किए जाने का निर्देश दिया. जिलावार विभागीय कार्रवाइयों की समीक्षा भी की गई है. बैठक के दौरान बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने भी सभी पुलिस अधीक्षकों को मासिक कार्य विवरण तथा सप्ताहिक गोपनीय प्रतिवेदन समय पर समर्पित किए जाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विशेषकर भूमि विवाद से संबंधित मामलों का विवरण अनिवार्य रूप से मासिक कार्य सप्ताहिक का गोपनीय प्रतिवेदन में अंकित किए जाए. प्रत्येक तरह की सूचनाओं का दस्तावेजी करण करके संधारित किया जाए. ताकि जब भी उसकी आवश्यकता हो तो आसानी से जानकारी उपलब्ध हो सके.

लंबित मामलों को निपटाने के निर्देश: बैठक के दौरान अपराध अनुसंधान विभाग के एडीजी जितेंद्र कुमार ने विभाग के द्वारा कांडों का वैज्ञानिक अनुसंधान किए जाने हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला का सहयोग लिए जाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला की सेवा प्राप्त करने हेतु जिलों से यथा आवश्यकता अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त होने चाहिए. एडीजी कमजोर वर्ग अनिल किशोर यादव के द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के कांडों का निष्पादन 60 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया है.

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