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पेगासस जासूसी कांड : एनडीए में पड़ी फूट, नीतीश बोले- मामले की होनी चाहिए जांच

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Published : Aug 2, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Aug 2, 2021, 5:14 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पेगासस जासूसी कांड पर काफी दिनों बाद चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच वास्तव में होनी चाहिए. संसद में भी इसकी चर्चा होनी चाहिए क्योंकि विपक्ष के लोग कई दिनों से इसकी मांग कर रहे हैं. नीतीश के इस बयान से भाजपा-जदयू के बीच चल रही रस्साकस्सी खुलकर सामने आ गई है.

Nitish Kumar
Nitish Kumar

नई दिल्ली : कई दिनों से पेगासस जासूसी कांड मसले पर संसद के भीतर व बाहर हंगामा जारी है. विपक्षी मामले की जांच व संसद में चर्चा की मांग पर अड़े हैं वहीं केंद्र सरकार उनकी मांग को नहीं मान रही है. अब एनडीए के खास सहयोगी व बड़े घटक दल के नेता नीतीश कुमार ने भी मामले की जांच की मांग कर दी है.

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मामले की वास्तव में जांच होनी चाहिए. हम इतने दिनों से टेलीफोन टैपिंग के बारे में सुन रहे हैं. इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. लोग (विपक्ष) इतने दिनों से बातचीत के लिए दोहरा रहे हैं, यह किया जाना चाहिए.

नीतीश के इस बयान से सियासी तूफान को रोकना बीजेपी के लिए मुश्किल हो सकता है क्योंकि अब उनके सहयोगी ही सवाल खड़े कर रहे हैं. दरअसल, पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.

गौरतलब है कि गत 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र शुरु होने से ठीक एक दिन पहले इसका खुलासा हुआ था. तभी से पेगासस जासूसी का प्रकरण का मुद्दा सुर्खियों में है. संसद की कार्यवाही के पहले ही दिन सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

नीतीश बोले- मामले की होनी चाहिए जांच

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क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाईवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाईवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

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कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

Last Updated :Aug 2, 2021, 5:14 PM IST
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