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त्रिनिदाद में जिंदगी और मौत से लड़ रहीं जूली, लवगुरू का मदद से इंकार

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Published : Feb 17, 2020, 1:49 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 2:55 PM IST

भोजपुरी गायिका देवी ने कहा कि मैंने जब जूली से संपर्क साधा तो उसने अपनी तस्वीर भेजकर मुझे अपनी हालत से वाकिफ कराया और भारत लाकर उसका इलाज करने की गोहार लगाई. पढ़ें पूरी खबर...

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मटुकनाथ की प्रेमिका जूली

पटना : भोजपुरी गायिका देवी ने पटना में बहुचर्चित प्रोफेसर रहे मटुकनाथ और शिष्या जूली की प्रेम कहानी में ट्विस्ट ला दिया है. जूली की सहेली देवी का दावा है कि जूली त्रिनिदाद में हैं और बीमारी से लड़ रही हैं. वर्ष 2006 में प्रोफेसर मटुकनाथ और जूली का प्रेम प्रसंग पूरे देश में चर्चा का विषय रहा था. उम्र में 30 वर्ष छोटी अपनी छात्रा जूली से प्रेम प्रसंग के बाद हिंदी के प्रोफेसर रहे मटुकनाथ को लवगुरु कहा जाने लगा. दोनों ने उम्र के बड़े अंतर के बावजूद बेबाकी से अपने रिश्ते को स्वीकार किया. जूली लगभग सात वर्ष मटुकनाथ के साथ लिवइन रिश्ते में रहीं. 2014 में अचानक जूली कहीं चली गईं. हाल में गायिका देवी ने जूली के विषय में जानकारी देकर इस प्रेम प्रसंग को एक बार फिर जाता कर दिया. देवी बताती हैं कि जब जूली ने अपनी बीमारी का हवाला देकर मदद मांगी तो वह मटुकनाथ के पास गईं, किंतु अपेक्षा के विपरीत मटुकनाथ ने उन्हें निराश किया और जूली की मदद कर पाने में खुद को असमर्थ बताया.

देवी अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार से जूली को भारत लाकर इलाज कराने की गोहार लगा रही हैं. उन्होंने बताया कि जूली ने उनसे छह महीने पहले मदद मांगी थी. जिसके बाद देवी ने कई लोगों से मदद मांगी, लेकिन जब हर ओर से निराशा हुई तो वह सच्चाई सामने लाने को विवश हो गईं.

'मटुकनाथ ने कहा- मेरे पास नहीं हैं इतने पैसे'

देवी ने कहा कि उन्होंने जब मटुकनाथ से जूली को भारत लाने का आग्रह किया तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया और कि कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं. वह कहती हैं- उन्हें हैरानी है कि जिस महिला ने समाज से लड़कर खुलेआम अपने प्यार का इजहार किया, आज जब उसे मदद की जरूरत है, तो कोई कैसे कह सकता है कि उसके पास पैसे नहीं हैं. उन्होंने मटुकनाथ के प्रेम को झूठा और ढोंग करार देते हुए कहा कि जिस लड़की ने प्रेम की खातिर सब कुछ त्याग दिया, आज इस हालत में मटुकनाथ ने उसका साथ छोड़ दिया है. पत्र में देवी ने लिखा है कि जूली मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार है.

जूली की मदद के लिए मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी
देवी का कहना है कि वह अब अपनी सहेली जूली को हर हाल में भारत लाएंगी और उसका इलाज कराएंगी. देवी ने जूली की मदद के लिए मुख्यमंत्री नीतीश को पत्र लिखा है और विदेश मंत्रालय से भी गोहार लगाई है.

मटुक बोले- मैं कुर्बानी नहीं करता
एंजेसी की खबर के मुताबिक, इस संबंध में जब मटुकनाथ से बात की गई तो उन्होंने अपने अंदाज कहा, 'बरसेंगे सावन झूमझूम के, दो दिल जब मिलेंगे.' उन्होंने जूली के संबंध में पूछे जाने पर कहा, 'मैं कुर्बानी नहीं करता, कभी मैं त्याग की बात नहीं करता, सबके लिए यह दरवाजा खुला है, मैं प्यार की बात करता हूं.'

जब जूली के साथ पूरे देश में चर्चा में आए थे मटुकनाथ
पटना विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर रहे मटुकनाथ साल 2006 में खुद से 30 साल छोटी छात्रा जूली के साथ प्रेम संबंध को लेकर पूरे देश में चर्चा में आए थे. जूली मटुकनाथ के साथ 2007 से 2014 तक 'लिव इन रिलेशनशिप' में रहीं, लेकिन इसके बाद वह पटना से चली गईं.

जूली और मटुकनाथ की पहली मुलाकात
उस समय कहा गया था कि जूली और मटुकनाथ की पहली मुलाकात साल 2004 में हुई थी. मटुकनाथ पटना के बीएन कॉलेज में पढ़ाते थे और जूली उनकी छात्रा थीं. मटुकनाथ ने शिष्या से प्रेम होने पर अपने बसे-बसाए परिवार का साथ छोड़ दिया था. उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र था, जो अमेरिका में पढ़ाई कर रहा था. उधर इस प्रेम प्रसंग के बाद जूली के परिवार वालों ने भी उससे रिश्ता तोड़ लिया था.

मटुकनाथ के मुंह पर कालिख
इस प्रेम संबंध का काफी विरोध हुआ था. यहां तक कि कुछ लोगों ने मटुकनाथ के मुंह पर कालिख तक पोत दी थी. वहीं मटुकनाथ की पत्नी ने जूली की काफी पिटाई भी की थी. विवाद बढ़ने पर विश्वविद्यालय ने मटुकनाथ को निलंबित कर दिया था. इस घटना के बाद मटुकनाथ 'लवगुरु' नाम से चर्चित हो गए थे.

Last Updated :Mar 1, 2020, 2:55 PM IST
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