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रामनगर के कानियां में फल-फूल और सब्जियों से बन रहे हर्बल कलर, इतने किलो रंग की आ चुकी डिमांड

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 18, 2024, 12:08 PM IST

Updated : Mar 18, 2024, 1:40 PM IST

Holi 2024
होली 2024

Herbal color production for Holi in Ramnagar 25 मार्च 2024 को होली है. होली पर लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं. लेकिन कई बार केमिकल वाले रंग त्वचा की सेहत खराब कर देते हैं. साथ ही आंखों में जाने पर उन्हें भी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में रामनगर के कानियां में महिला स्वयं सहायता समूह ने हर्बल रंग बनाने का काम शुरू किया है. अभी तक समूह के पास 150 किलो हर्बल रंग की डिमांड आ चुकी है. समूह की महिलाएं कैसे बना रही हैं हर्बल रंग, पढ़िए इस रिपोर्ट में.

महिलाएं बना रही हैं हर्बल कलर

रामनगर: अगर आप केमिकल से बने रंगों से होली खेलने से डरते हैं, तो अब घबराइए नहीं. रामनगर से पास स्थित कानियां ग्रामसभा में महिलाओं की ओर से हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है. खास बात ये है हर्बल रंग सब्जियों और फलों से बनाए जा रहे हैं. इससे यह त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. हर्बल कलर बनाने में कई महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. आसपास के क्षेत्रों से इसकी अच्छी डिमांड भी आ रही है.

Herbal color production for Holi
रामनगर के कानियां में हर्बल रंग बनाती महिलाएं

यहां तैयार हो रहे हैं होली के लिए हर्बल कलर: अगले हफ्ते देश में होली का पर्व है, जिसको हर कोई अपने अपने तरीके से मनाता है. होली आपसी भेदभाव भूलकर प्रेम पूर्वक मिलने का पर्व है. इस पर्व में रंगों का विशेष महत्व है. लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की खुशियां बांटते हैं. लेकिन कई बार केमिकल वाले रंग होली का मजा बिगाड़ देते हैं. ऐसे में रामनगर के कानियां गांव की वुमेन रिसोर्सेज सेंटर (WRC) समूह की महिलाएं हर्बल कलर्स से रंग बनाने का कार्य कर रही हैं. इन हर्बल कलर्स को फूलों एवं सब्जियों के से बनाया जा रहा है, जो त्वचा के लिए हानिकारक भी नहीं होता है.

Herbal color production for Holi
होली पर हर्बल कलर की डिमांड बढ़ी

फल, सब्जी और फूलों से बना रहे हर्बल रंग: गुलाल बनाने के लिए आरारोट पाउडर के साथ प्राकृतिक रंगों के अर्क को मिलाया जा रहा है. इसमें चुकंदर से गुलाबी रंग, पालक के रस से हरा रंग, हल्दी और गेंदा का रस निकालकर पीला रंग बनाया जा रहा है. इसी प्रकार से सारी हर्बल चीजों का इस्तेमाल कर 25 से ज्यादा महिलाएं रोजगार से जुड़ी हैं.

Herbal color production for Holi
सब्जियों से बन रहे हर्बल कलर

वुमेन रिसोर्सेज सेंटर की संयोजक अनीता आनंद ने बताया कि देहरादून से संचालित होने वाले पद्म श्री डॉ अनिल जोशी जी के संस्थान हेस्को के अंतर्गत हमारा वुमेन रिसोर्सेस सेंटर समूह कार्य कर रहा है. इसमें लगभग 25 से ज्यादा आसपास की महिलाएं रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर हुई हैं. अनीता आनंद बताती हैं कि वह सारी ऑर्गेनिक चीजों पर कार्य कर रहे हैं. यहां सारे रंग ऑर्गैनिक चीजों का स्तेमाल कर बनाये जाते हैं.

Herbal color production for Holi
हर्बल कलर में फलों का भी प्रयोग हो रहा

ऐसे तैयार किए जा रहे हर्बल रंग : उन्होंने बताया कि चुकंदर से हम गुलाबी रंग बनाते हैं. हल्दी से पीला रंग बनता है. गेंदे के फूल से नारंगी और पालक और धनिये से हरा रंग बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा आरारोट में फलों और सब्जियों और फूलों आदि का रस निकालकर रंग आने के बाद उसे सुखाया जाता है. सूखने के बाद इसको बारीक करने के लिए मिक्सी में पीसा जाता है. फिर इसको और बारीक करने के लिए छन्नी में छानकर रंग तैयार किया जाता है.

Herbal color production for Holi
फूलों से महक रहे हर्बल कलर

समूह को मिला 150 किलो हर्बल रंग का ऑर्डर: अनीता आनंद ने बताया कि इस बार उन्हें अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है. अभी तक उनके पास 150 किलो रंग का ऑर्डर अलग अलग क्षेत्रों में स्थित रिसॉर्ट्स या दुकानदारों से आ चुका है. 180 किलो का उत्पादन अभी तक उनके समूह द्वारा किया जा चुका है. उन्हें उम्मीद है कि ये 200 किलो पार करेगा. उन्होंने बताया कि 12 महिलाएं इससे डायरेक्ट जुड़ी है. ज्यादा डिमांड आने पर 25 से 30 महिलाओं को यहां से रोजगार मिलता है. वहीं समूह में जुड़कर रोजगार पा रही स्थानीय महिला भगवती देवी कहती हैं कि वे रोजगार से जुड़कर खुश हैं. लोगों को हर्बल कलर्स का इस्तेमाल करवाकर आमदनी से भी जुड़ी हैं.

Herbal color production for Holi
अभी तक 150 किलो हर्बल कलर की डिमांड आ चुकी है

रोजगार पाने से महिलाएं खुश: वहीं रोजगार पा रही अन्य महिला गंगा बिष्ट कहती हैं कि समूह से जुड़कर हमें बहुत सारे फायदे मिल रहे हैं. हम आत्मनिर्भर बन गयी हैं. वे कहती हैं कि इस बार उन्हें उम्मीद है पिछले वर्ष से भी ज्यादा ऑर्डर हमारे पास आएंगे. वहीं स्थानीय रिसॉर्ट्स से हर्बल कलर्स की खरीदारी करने आईं आशा बिष्ट कहती हैं कि हम लोग यहां अपने रिसॉर्ट्स में आने वाले पर्यटकों के लिये आर्गेनिक हर्बल कलर्स खरीदने आये हैं. यह पर ये महिलाएं कई रंगों के कलर्स फलों और सब्जियों से बना रही हैं. हमारे रिसॉर्ट में आने वाले पर्यटकों को हम होली पर ये हर्बल कलर पेश करेंगे.
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Last Updated :Mar 18, 2024, 1:40 PM IST
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