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HC ने चकराता बहुचर्चित प्रेमी जोड़े हत्याकांड में सुनाया अहम फैसला, सभी अभियुक्तों को किया बरी - Couple murder case in Chakrata

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 13, 2024, 10:22 PM IST

Updated : May 13, 2024, 10:54 PM IST

High Court Hearing In Chakrata Couple Murder Case नैनीताल हाईकोर्ट ने चकराता बहुचर्चित प्रेमी जोड़े की हत्याकांड के मामले में अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अभिलेखों में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण सभी अभियुक्तों को बरी करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा व उसके बाकी तीन साथी कुंदन दास, गुड्डू व बबलू को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

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फाइल फोटो (file photo)

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के चकराता में साल 2014 में हुई बहुचर्चित प्रेमी जोड़े की हत्या के मुख्य आरोपी राजू दास को निचली अदालत द्वारा दी गयी फांसी की सजा के मामले पर अपना फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अभिलेखों में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण सभी अभियुक्तों को बरी करने के आदेश दिए हैं. पिछले माह खंडपीठ ने सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था.

निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा व उसके बाकी तीन साथी कुंदन दास, गुड्डू व बबलू को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. यह आदेश अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ढकरानी मोहम्मद सुल्तान की अदालत ने दिल्ली से चकराता घूमने आए प्रेमी जोड़े से लूट, हत्या और साक्ष्य छुपाने के मामले पर 27 मार्च 2018 को दी थी. मामले के अनुसार अभिजीत पाल पुत्र अतुल पाल निवासी कोलकाता पश्चिम बंगाल हाल निवासी नई दिल्ली और मोमिता दास पुत्री मृणाल कृष्णादास निवासी लाडो सराय नई दिल्ली 22 अक्टूबर 2014 को दिवाली की छुट्टियों में देहरादून के चकराता आए थे.

लेकिन अगले ही दिन टाइगर फॉल घूमने के बाद दोनों लापता हो गए. मोमिता के घरवालों ने 23 अक्टूबर 2014 को उसे फोन लगाया तो संपर्क नहीं हो पाया. इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली के लाडो सराय थाने में मोमिता की गुमशुदगी दर्ज की. पुलिस जांच में मोमिता के फोन की आखिरी लोकेशन चकराता में मिली और ईएमआई नंबर के आधार पर उसके मोबाइल में राजूदास के नाम का सिम भी ट्रेस हो गया. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विकासनगर और चकराता पुलिस को साथ लेकर राजूदास की तलाश शुरू की.

पुलिस ने राजूदास को लाखामंडल, चकराता और टाइगर फॉल से गिरफ्तार किया. कड़ी पूछताछ करने पर राजूदास ने कबूला कि उसने गुड्डू, बबलू और कुंदनदास के साथ मिलकर प्रेमी जोड़े की हत्या की है. इसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर मोमिता का फोन,पर्स व कपड़े पुलिस ने बरामद किए गए. शवों की खोजबीन के दौरान नौगांव से दो किमी दूर यमुना नदी किनारे से पुलिस को एक शव मिला. परिजन जोयंता पाल ने इसकी शिनाख्त अभिजीत के रूप में की. ठीक इसके 21 दिन बाद ही मोमिता दास का भी सड़ा गला शव डामटा के पास यमुना किनारे बरामद हो गया. निचली अदालत ने राजू दास को फांसी की सजा और उसके तीन अन्य साथी कुंदन दास, गुड्डू व बबलू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस आदेश को अभियुक्तों द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई.

पढ़ें-HC में चकराता बहुचर्चित प्रेमी जोड़े हत्याकांड मामले में सुनवाई, कोर्ट ने सुरक्षित रखा पक्ष

Last Updated :May 13, 2024, 10:54 PM IST
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