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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 31 जनवरी तक होंगे ट्रांसफर, उसके बाद लग जाएगी रोक

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 29, 2024, 12:55 PM IST

Lok Sabha Elections 2024 लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर 31 जनवरी तक एक ही जगह पर पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों के ट्रांसफर के आदेश जारी किए गए है लेकिन अब तक किसी का भी ट्रांसफर आदेश जारी नहीं किया गया है.

Lok Sabha Elections 2024
लोकसभा चुनाव 2024

रायपुर: भारत निर्वाचन आयोग ने 21 दिसंबर को पत्र जारी कर लोकसभा चुनाव के पहले 3 साल से एक ही जगह में जमे या गृह जिला में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को 31 जनवरी तक हटाने के निर्देश दिए हैं. ताकि लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष तरीके से कराया जा सके. बावजूद इसके अब तक गृह विभाग में 28 जनवरी तक किसी का भी तबादला नहीं किया है.

नक्सल इलाकों से बाहर नहीं जा पा रहे पुलिस अधिकारी कर्मचारी: साल 2023 में विधानसभा चुनाव के पहले हुए तबादलों में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. 110 पुलिसकर्मियों को सिर्फ विधानसभा क्षेत्र से हटाया गया था. यानी उनका जिला नहीं बदला गया था. कई नक्सली इलाके से भी नहीं हटाया गया. कुछ लोग नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले पांच-पांच साल से पदस्थ हैं. ऐसे लगभग 100 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हैं जिन्हें बस्तर के नक्सल प्रभावित जिले में 3 साल पूरे होने पर वहां से हटाकर दूसरे नक्सल प्रभावित जिले में पदस्थ कर दिया गया है.

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले कई सालों से पदस्थ ऐसे पुलिस वाले अब कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. जिन्हें लगातार नक्सली क्षेत्र में रखा जा रहा है. मैदानी इलाकों में पोस्टिंग नहीं दी जा रही है. बात अगर छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग जैसे जिलों में पदस्थ अफसरों को कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, राजनांदगांव में पोस्टिंग की गई. कुल मिलाकर ऐसे अधिकारियों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नहीं भेजा गया. आंशिक रूप से इन जिलों में नक्सली गतिविधियां देखने को मिलती है. ऐसे में पिछले कई सालों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. अधिकारी और कर्मचारी के परिवार वालों में खासी नाराजगी भी देखने को मिल रही है.

140 टीआई और एसआई ऐसे हैं, जो पिछले 6 साल से बस्तर रेंज में पदस्थ हैं. जैसे चिंतानार, चिंतागुफा, जगरगुंडा और कोंटा जैसे धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. नक्सलियों को मार गिराने के लिए उन्हें विभाग ने आउट ऑफ टर्न तो दे दिया है, लेकिन 6 साल सुकमा में रहने के बाद भी इंस्पेक्टर को फिर बस्तर रेंज के दूसरे जिले में ही पोस्टिंग दे दी गई. ऐसे लगभग 85 एसआई और 55 से अधिक टीआई हैं, जिनकी बार-बार पोस्टिंग बस्तर रेंज के अलग-अलग जिलों में की जा रही है. पुलिस के कई अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं जो लंबे समय से नक्सली क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं और मैदानी क्षेत्र में पोस्टिंग के लिए आवेदन दिए हुए हैं, उस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

चुनाव आयोग ने सभी विभागों में 31 जनवरी तक तबादला का निर्देश दिया है. लेकिन कई वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कुछ माह पहले ही ट्रांसफर पोस्टिंग किया गया है. इसलिए बड़ी सर्जरी नहीं की जाएगी. सरकार को भी इसी तरह की जानकारी दी गई है.

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