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बदरीनाथ के कपाट खुलने से पहले शुरू हुई धार्मिक प्रक्रियाएं, जोशीमठ नृसिंह मंदिर में तिमुंडिया पूजा, जानिये क्या है परंपरा - Badrinath Timundiya Puja

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 4, 2024, 7:24 PM IST

Updated : May 4, 2024, 7:43 PM IST

Badrinath Timundiya Puja, Badrinath Dham Yatra बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले धार्मिक आयोजनों की शुरुआत हो गई है. आज जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में तिमुंडिया पूजा की गई. तिमुंडिया पूजा की परंपरा सालों पुरानी है.

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जोशीमठ नृसिंह मंदिर में तिमुंडिया पूजा (बदरी केदार मंदिर समिति)

जोशीमठ नृसिंह मंदिर में तिमुंडिया पूजा (बदरी केदार मंदिर समिति)

देहरादून: उत्तराखंड के चारों धामों में से एक महत्वपूर्ण बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले की धार्मिक पूजन औपचारिकताएं शुरु हो गई हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बदरी धाम के कपाट खुलने से पहले भगवान के शीतकालीन गद्दीस्थल से यात्रा चलने से पहले कुछ क्षेत्रीय देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है. इसमें धाम और क्षेत्र की मंगल कामना और स्थानीय देवताओं की नाराजगी से बचने के लिए उनका आशीर्वाद लिया जाता है.

बदरीनाथ यात्रा के सफलता और कुशलता की मंगलकामना के लिए शनिवार को जोशीमठ में मौजूद नृसिंह मंदिर में तिमुंडिया पूजा संपन्न हुई. पूजा- अर्चना के बाद तिमुंडिया वीर का आह्वान हुआ. भरत बैंजवाड़ी पर पश्वा( अवतारी पुरुष) तिमुंडिया वीर जागृत हुआ. उन्होंने पांच किलो से अधिक चावल- गुड़ और कई घड़े पानी का भोग ग्रहण किया. यह देखकर सभी श्रद्धालु अचंभित रह गये. पश्वा ने बदरी विशाल यात्रा के निर्विघ्न शुरू होने का आशीर्वाद दिया.

12 मई को खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट: बता दें इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे खुलेंगे. उससे पहले आज ढाई बजे से श्री नृसिंह मंदिर प्रांगण में तिमुंडिया पूजा शुरू हुई, जो देर शाम को संपन्न हुई. मान्यता है कि मां दुर्गा से स्थानीय लोगों ने तिमुंडिया के भय से बचाने की प्रार्थना की. जिसके बाद मां दुर्गा ने उसके तीन में से दो सिर काट दिये. डर के मारे एक सिर का तिमुंडिया क्षमा याचना कर मां दुर्गा की शरण में चला गया. मां दुर्गा ने तिमुंडिया को क्षमा कर दिया. उसके बाद उससे वचन भी लिया. बाद में मां दुर्गा ने आशीर्वाद दिया कि जब बदरीनाथ की यात्रा शुरू होगी उससे पहले श्री नृसिंह मंदिर में तिमुंडिया पूजा होगी. तब से ये धार्मिक आयोजन निरंतर चला आ रहा है.

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Last Updated :May 4, 2024, 7:43 PM IST
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