शिवपुरी। जिले के नरवर में रविवार देर रात ढाई माह के मासूम की तबियत बिगड़ गई. परेशान परिजन डॉक्टर के घर पहुंचे तो डॉक्टर से बहस हो गई. अपने ढाई माह के बच्चे को गोद में लिए मां और परिवार लगातार डॉक्टर से गुहार लगाते रहे, लेकिन डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा. जब मिन्नतों के बाद डॉक्टर ने नहीं सुनी तो परिवार आधी रात को नरवर-सतनबाड़ा के जंगल को पार करके शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज पहुंचा.
ओपीडी बंद होने पर डॉक्टर के घर पहुंचे
नरवर कस्बे के दीनदयाल नगर के रहने वाले शिवकुमार कुशवाह के ढाई माह के बच्चे की तबियत बिगड़ गई. शिवकुमार अपनी पत्नी, बच्चे और बड़े भाई दीपक कुशवाह को लेकर नरवर के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. दीपक कुशवाह ने बताया कि नरवर के अस्पताल में ओपीडी बंद होने के चलते वह अस्पताल परिसर में डॉ. सुरेंद्र कुशवाह के सरकारी निवास पर पहुंचा था. जहां डॉ.सुरेंद्र कुशवाह ने फीस लेकर बच्चे को देखा. एक पर्चा बनाकर कुछ दवा भी लिखी. इसके बाद दवा लेकर सभी घर आ गए. लेकिन बच्चे को आराम नहीं मिला. रात में बच्चे की तबियत और बिगड़ गई. इसके बाद रात डेढ़ बजे बच्चे को लेकर सभी लोग डॉक्टर के निवास पर पुनः पहुंचे.
सीएमएचओ ने दिया जांच का आश्वासन
डॉक्टर के दरवाजे पर पहुंच कर परिजनों ने डॉ.सुरेंद्र कुशवाह से बच्चे देखने की गुहार लगाई. इस दौरान पहले डॉक्टर की पत्नी ने डॉक्टर के घर न होने की बात कही. परिजनों का कहना है कि इसी दौरान डॉ.सुरेंद्र कुशवाह खिड़की पर आये और गालीगलौच करने लगे. जब उनसे बच्चे को दोपहर में उनके द्वारा देखने की बात कही गई तो डॉक्टर ने पर्चा फाड़ने का प्रयास किया. इस मामले जब डॉ.सुरेंद्र कुशवाह का पक्ष जांनने के लिए उनसे फोन पर संपर्क करना चाहा तो उन्होंने बात नहीं की. सीएमएचओ डॉ. पवन जैन का कहना है कि मामले की जांच कराएंगे.