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मुल्लापेरियार में नया डैम बनाने की योजना, केरल सरकार के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन - Planning of New dam Mullaiperiyar

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 27, 2024, 6:57 PM IST

Farmer's protest against new dam at Mullaiperiyar: थेनी जिले में तमिलनाडु की सीमा से लगे लोअर कैंप में किसानों की ओर से एक विरोध मार्च आयोजित किया गया, जिसमें मुल्लापेरियार डैम को ध्वस्त करने और एक नया बांध बनाने की योजना के लिए केरल की निंदा की गई.

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मुल्लापेरियार में नया डैम बनाने की योजना, किसानों का विरोध प्रदर्शन (Etv Bharat)

थेनी: तमिलनाडु के किसानों ने मुल्लापेरियार में नया डैम बनाने की योजना को लेकर केरल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. 27 मई को किसानों ने तमिलनाडु की सीमा पर लोअर कैंप से मुल्लापेरियार बांध तक एक विरोध रैली निकाली. प्रदर्शन के क्रम में उन्होंने मुल्लापेरियार डैम को ध्वस्त करने और एक नया बांध बनाने की योजना को लेकर केरल सरकार की निंदा की. केरल सरकार ने पिछले जनवरी में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय को एक याचिका दायर कर मुल्लापेरियार में एक नया बांध बनाने की अनुमति मांगी थी. जिसमें कहा गया है कि मुल्लापेरियार बांध के निर्माण को 128 साल हो चुके हैं और ऐसे में निचले हिस्से में रहने वाले हजारों लोग और जंगली जानवर खतरे में हैं. इसलिए मौजूदा बांध से 1200 फीट नीचे नया बांध बनाकर पुराने बांध को तोड़ने की अनुमति जरूरी है. याचिका में कहा गया है कि, नए बांध के निर्माण के दौरान और इसके पूरा होने के बाद, तमिलनाडु को जल वितरण मौजूदा व्यवस्था के अनुसार बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा. मंत्रालय ने याचिका की जांच की और इसे 14 मई को विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति को भेज दिया. केंद्र सरकार की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति 28 तारीख को इस संबंध में एक बैठक करने जा रही है.

इस मामले में, तमिलनाडु के किसानों ने विरोध रैली निकाली. हालांकि, किसानों की रैली को कर्नल जॉन पेनीक्विक मणि मंडपम के पास पुलिस ने रोक दिया. इस संबंध में पेरियार वैगई इरिगेशन एग्रीकल्चर एसोसिएशन के समन्वयक अनवर बालासिंघम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, 'केरल मुल्लापेरियार बांध को ध्वस्त करने और इडुक्की बांध में पानी लाने के लिए काम कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त भारत की शीर्ष विशेषज्ञ टीम ने 13 चरणों के अध्ययन को पूरा करने और बांध पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद 142 फीट पानी संग्रहित करने का निर्णय लिया. सुप्रीम कोर्ट के दो फैसले सुनाने के बाद भी केरल सरकार ने इसे मानने से इनकार कर दिया.'

अनवर बालासिंघम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, जहां तमिलनाडु के किसान अब इस बात पर अड़े हैं कि बांध का जलस्तर 152 फीट तक बढ़ाया जाए, वहीं केरल 152 फीट पर ही रोक लगाने के लिए नए बांध पर अड़ा हुआ है. मुल्लापेरियार बांध को ध्वस्त करने का केरल का सपना कभी पूरा नहीं होगा.' इस विरोध प्रदर्शन में पेरियार वैगई सिंचाई किसान संघ, तमिलनाडु किसान संरक्षण संघ, तमिलनाडु आंदोलन और तमिलनाडु पर्यावरण संरक्षण आंदोलन सहित अलग-अलग संगठनों के सौ से अधिक किसानों ने भाग लिया. इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसने मुल्लाईपेरियार में नया बांध बनाने के केरल के कदम के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा घोषित विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है। पुलिस को सोमवार को कुमुली के पास केरल सीमा पर होने वाले मार्च को रोकने का निर्देश दिया गया है.

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