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एनडीए के लिए 2019 से अलग होगा सीट शेयरिंग का फार्मूला, भाजपा के लिए सभी घटक दलों को खुश करना आसान नहीं

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 7, 2024, 8:32 PM IST

Lok Sabha Elections 2024 भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर रही है. पिछले दिनों भाजपा ने 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. इस सूची में बिहार के एक भी उम्मीदवार का नाम नहीं था. दरअसल बिहार में अभी तक एनडीए के घटक दलों के बीच यह फैसला नहीं हो सका है. नीतीश के एनडीए में आने के बाद सीट शेयरिंग का मामला उलझ गया है. बीजेपी के लिए सबको खुश करने के लिए फार्मूला तैयार करना आसान नहीं होगा. पढ़ें, विस्तार से

एनडीए
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पटनाः बिहार में जदयू, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और पशुपति पारस के साथ बीजेपी का गठबंधन है. ऐसे में सभी दलों की एक सहमति बनेगी और एक फार्मूला तय किया जाएगा, तभी बिहार के सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा बीजेपी करेगी. अभी तक ना तो कोई फार्मूला बन पाया है और ना ही कोई एक सहमति बन पाई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में है. भाजपा नेताओं से मुलाकात की बात चल रही है. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद बिहार के लिए एक फार्मूला तय कर लिया जाएगा.

पिछली बार का रिकॉर्ड था शानदारः लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार में चुनाव को लेकर एनडीए के घटक दल आपस में पिछले फार्मूले को लेकर बैठेंगे. पिछला फार्मूला यानी कि लोकसभा चुनाव 2019 में जिस तरह से सीटों का बंटवारा हुआ था उसके मुताबिक सीटों का बंटवारा हो. लेकिन, इस बार दो घटक दल बढ़ गए हैं और तीसरे घटक दल में बंटवारा हो चुका है. जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए में वापस आ चुके हैं. वहीं लोक जनशक्ति पार्टी में बंटवारा हो गया है. चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस अलग-अलग हो गए हैं. पिछली दफा रामविलास पासवान जीवित थे तो, लोजपा छह लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ी थी. जदयू और बीजेपी 17-17 सीटों पर चुनाव लड़े थे.

17 सीटों से नीचे नहीं आएगी बीजेपीः पहले बात जदयू और बीजेपी के बंटवारे की करते हैं. 2019 लोकसभा चुनाव के रिकॉर्ड को देखा जाए तो बीजेपी ने 17 लोकसभा सीट पर अपनी उम्मीदवार उतारे थे. और इन 17 लोकसभा सीट को भाजपा ने जीत लिया था. वही एनडीए में आने के बाद नीतीश कुमार को बीजेपी के साथ का बहुत फायदा हुआ था. उनकी पार्टी जेडीयू ने 17 में से 16 सीट पर जीत हासिल की थी. एक सीट पर उनकी हार हुई थी. वही इस रिकार्ड को सौ फीसदी लोजपा ने भी दोहराया. 6 में से 6 सीटों पर एलजेपी ने जीत हासिल की थी. अब इस साल के फार्मूले की बात करें तो बीजेपी अपने 17 सीटों पर कोई समझौता करने के फिराक में नहीं है. भले भाजपा अपने उम्मीदवारों में फेर-बदल जरूर कर सकती है.

जदयू को करना होगा समझौताः ऐसे में 40 लोकसभा सीट वाले बिहार में से 23 सीट एनडीए के घटक दलों के लिए बचते हैं. जिस पर जदयू, हम, उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और पशुपति पारस चुनाव लड़ेंगे. जदयू की तरफ से यह बात सामने आ रही है कि वह पिछली बार के फार्मूले को दोहराना चाहती है. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कुछ दिन पहले अपने बयान में साफ कर दिया था कि जो फार्मूला 2019 लोकसभा चुनाव में बना था उस फार्मूले को जदयू दोहराएगी. लेकिन, बीजेपी के अंदर खाने से खबर यह आ रही है कि जो भी बाकी घटक दल हैं उनको 23 सीटों में निपटाना है. ऐसे में जेडीयू ने पिछली बार एक सीट लूज किया थी, उन्हें इस बार 14 से 15 सीट दिए जा सकते हैं. कुछ सीटों को बीजेपी अपने घटक दलों के लिए बचाना चाहती है.

लोजपा को भी होगा नुकसानः बिहार एनडीए में सबसे बड़ा पेंच लोजपा के चाचा भतीजा को लेकर है. पिछली बार 6 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली लोजपा का बंटवारा चाचा भतीजा में हो चुका है. अब चाचा के तरफ से भी 6 सीटों की मांग है और भतीजा के तरफ से भी 6 सीटों की मांग है. लेकिन, बीजेपी चिराग पासवान और पशुपति पारस के लिए संयुक्त रूप से 5 सीट ही दे सकती है. चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस की सीटिंग सीट हाजीपुर पर निगाह गड़ाए हुए हैं. उनकी चाहत है कि वह जमुई लोकसभा क्षेत्र को छोड़कर अपने पिता की परंपरागत सीट हाजीपुर से चुनाव लड़े. साथ ही वैशाली और खगड़िया की भी मांग कर रहे हैं. बात यह भी सामने आ रही है कि यदि चिराग पासवान का दबाव बढ़ा तो उनके चाचा पशुपति पारस को समस्तीपुर शिफ्ट कर दिया जाएगा और समस्तीपुर के सिटिंग सांसद प्रिंस राज को बिहार की राजनीति में एंट्री दिलाई जाएगी.

मांझी-कुशवाहा को 1-1 सीट पर संतोष करना होगाः जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष सुमन मांझी को भाजपा के कोटे पर एमएलसी बना दिया गया है. साथ ही वह बिहार सरकार में दो विभागों को लेकर मंत्री भी हैं. ऐसे में जीतन राम मांझी की चाहत है कि उन्हें लोकसभा में भी हिस्सेदारी मिले. वह आरक्षित लोकसभा क्षेत्र गया से चुनाव लड़ना चाहत हैं. वहीं, दूसरी तरफ उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी लगातार एनडीए के साथ है. उन्हें भी 1 से 2 सीट मिल सकते हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी इच्छा काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. ऐसे में उन्हें वह सीट दिया जा सकता है. हालांकि फिलहाल काराकाट से जदयू के सांसद महाबली सिंह है.

नीतीश की दिल्ली में भाजपा नेताओं से होगी मुलाकातः जदयू की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में है. वही, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय सिंहा भी दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. हालांकि देर रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंग्लैंड के लिए रवाना होना है. उससे पहले वह भाजपा नेताओं से मुलाकात जरूर करेंगे. वही बीजेपी नेता भी लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवारों की सूची आलाकमान को सौपेंगे.

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