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सास-ननद का सियासत में चला सिक्का, फिर माधवी राजे सिंधिया को क्यों रास नहीं आई राजनीति - Madhavi Raje Never Enter Politics

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 2:49 PM IST

Updated : May 15, 2024, 3:09 PM IST

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का आज निधन हो गया. माधवी राजे सिंधिया ने 78 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली. ऐसे में माधवी राजे सिंधिया से जुड़े कुछ किस्से जो लोगों से अनभिज्ञ हों. वह आपको ईटीवी भारत बता रहा है. वहीं जानिए सास और ननद के सियासत में होने के बाद भी राजमाता माधवी राजे सिंधिया ने सियासत में कदम क्यों नहीं रखा.

MADHAVI RAJE NEVER ENTER POLITICS
माधवी राजे सिंधिया को क्यों रास नहीं आई राजनीति (ETV Bharat)

भोपाल। हमेशा एक्टिव पॉलीटिक्स में रहीं राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बहू माधवी राजे सिंधिया ने कभी राजनीति में कदम नहीं बढ़ाए. क्या वजह थी कि माधवराव सिंधिया के निधन के बाद उन्होंने अपने बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगे बढ़ाया और खुद कभी किसी राजनीतिक मंच पर दिखाई नहीं दी. जिस राजपरिवार में राजमाता विजयाराजे सिंधिया परिवार की बेटियां वसुंधरा और यशोधरा राजे राजनीति की राह पर गई क्या वजह थीं कि बहू राजमाता माधवी राजे सिंधिया को वो राह रास नहीं आई.

जब माधवी राजे ने राजनीति को कहा ना

सिंधिया राजपरिवार में विरासत के तौर पर माधवी राजे के हिस्से राजनीति भी आई. उनकी अपनी सास राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने 1957 में राजनीति का रुख कर लिया था. राजमाता विजयराजे पहली बार कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सांसद चुनी गई, लेकिन कांग्रेस में वे दस साल ही रहीं. उसके बाद उन्होंने जनसंघ का रुख कर लिया. जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में राजमाता सिंधिया गिनी जाती हैं. तो ऐसा नहीं था कि सिंधिया परिवार में महिलाएं राजनीति में नहीं आईं. मां विजयाराजे सिंधिया के नक्शे कदम पर ही उनकी बेटियां वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद तक पहुंची, इसी तरह से यशोधरा राजे सिंधिया भी बीजेपी की सरकार में मंत्री रहीं. फिर क्या वजह थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवीराजे ने उसी लीगसी को आगे नहीं बढाया.

MADHAVI RAJE NEVER ENTER POLITICS
ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया (File Photo)

वरिष्ठ पत्रकार केशव पाण्डे कहते हैं 'देखिए हर व्यक्ति का अपना टेम्परामेंट होता है. राजमाता माधवी राजे सिंधिया का टेम्परामेंट सियासत का था ही नहीं. फिर माधवराव सिंधिया के निधन के बाद जब मौका था तो माधवी राजे ने बेटे ज्योतिरादित्य को आगे बढ़ाया. परिवार से किसी एक सदस्य को राजनीति में जाना था, तो ज्योतिरादित्य गए. उन्होंने छोटी उम्र से जिस तरह से सब संभाल लिया, राजनीति में जिस तरह से आगे बढ़े तो फैसला गलत भी नहीं था.'

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केवल प्रचार में दिखाई दी माधवी राजे

माधवी राजे माधवराव सिंधिया से लेकर ज्योतिरादित्य तक परिवार की ताकत बनी रहीं. संबल बनी खड़ी रहीं. सीधे तौर पर भले वे कभी राजनीति में ना आई हों, लेकिन परिवार को जब जरुरत पड़ी तो माधवी राजे फ्रंट पर दिखाई दीं. माधव राव सिंधिया से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया तक इनके चुनावी प्रचार में अक्सर माधवी राजे को देखा जाता था.

Last Updated :May 15, 2024, 3:09 PM IST
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