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नेपाली राजकुमारी जिसने मुश्किल वक्त में सिंधिया घराने को संभाला, राज परिवार के वारिस को बुलंदी तक पहुंचाया - Nepali princess Madhvi Raje Scindia

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 15, 2024, 1:20 PM IST

Updated : May 15, 2024, 1:37 PM IST

केन्द्रीय मंत्री ज्यतिरादित्य सिंधिया की मां और राजमाता माधवी राजे सिंधिया ने 15 मई को दुनिया को अलविदा कह दिया है. आज हम आपको माधवी राजे के बारे में कुछ ऐसी बातें बताएंगे जो शायद कोई नहीं जानता. राजमाता की उपाधि मिलने के बाद भी माधवी राजे कभी लाइम लाइट में नहीं रहीं. हर मुश्किल वक्त में सिंधिया राजघराने की ढाल बनी रहीं. माधव राज सिंधिया की मौत के बाद पूरी तरह से टूट चुके अपने बेटे ज्यतिरादित्य सिंधिया को उन्होंने न केवल संभाला बल्कि कामयाबी की बलंदियों तक पहुंचाया भी.

JYOTIRADITYA SCINDIA MOTHER DIES
राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन (Etv Bharat)

भोपाल। केन्द्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया के राजनीतिक जीवन के हर उतार चढ़ाव में उनकी मां माधवी राजे सिंधिया साए की तरह साथ रही हैं. सिंधिया राजघराने की रिवायतों को उन्होंने इस तरह से निभाया कि वे केवल सिंधिया परिवार की नहीं पूरे ग्वालियर की राजमाता बन गई. लाइम लाइट से हमेशा दूर रहने वाले माधवी राजे सिंधिया ने बेहद खामोशी से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया. माधवी राजे सिंधिया का दिल्ली में निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार ग्वालियर में किया जाएगा.

NEPALI PRINCESS MADHVI RAJE SCINDIA
एक कार्यक्रम में परिवार के साथ माधवी राजे सिंधिया (ETV BHARAT)

माधव राव की मौत के बाद टूट गया था परिवार

माधव राव सिंधिया के अचानक निधन ने परिवार को तोड़ ही दिया था. ज्यतिरादित्य सिंधिया की तब उम्र इतनी नहीं थी कि वे संभल पाते. सिंधिया अगर उस छोटी उम्र में पिता का साया उठ जाने के बाद संभल पाए तो ये केवल माधवी राजे सिंधिया की ताकत थी. सिंधिया परिवार पर कोई संकट आया फ्रंट में आए बिना पर्दे के पीछे से माधवी राजे हर उस संकट का खामोशी से मुकाबला करती रहीं.

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पति माधव राव और बेटी के साथ माधवी राजे सिंधिया (ETV BHARAT)

तब माधवी राजे बनी थी ज्योतिरादित्य की ताकत

ग्वालियर की राजनीति के साथ सिंधिया राजपरिवार को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली बताते हैं ''सिंधिया राजपरिवार माधव राव सिंधिया के निधन के बड़े आघात के बाद भी संभला तो उसकी वजह माधवी राजे सिंधिया थी. बेहद गंभीरता के साथ और खामोशी से उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया.'' वे बताते हैं ''जिस समय माधव राव सिंधिया का निधन हुआ था वो समय सिंधिया परिवार के लिए बेहद संकट का समय था. मुश्किल ये थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी उम्र बहुत ज्यादा नहीं थी. लेकिन माधवी राजे सिंधिया की हिम्मत से उनके दिए मार्गदर्शन की बदौलत ज्योतिरादित्य सिंधिया उस छोटी उम्र में राजनीति में अपनी नई पारी के लिए आत्मविश्वास के साथ बढ़ पाए, तैयार हो पाए.''

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बहु प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया के साथ राजमाता माधवी राजे (ETV BHARAT)

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ग्लैमर से दूर रिवायतों से जुड़ी रही माधवी राजे

वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली कहते हैं ,''राजघराने की परपराओं को उन्होंने अपने जीते जी पूरी तरह से निर्वहन किया. पूरे ग्वालियर में राजमाता बनी रहीं.'' श्रीमाली कहते हैं वे ग्लैमर से हमेशा दूर रहीं. लेकिन सिंधिया राजपरिवार की परंपराओं को उन्होंने उसी रसूख से निभाया. यहां तक की आप देखेंगे राजपरिवार के आयोजनों की तस्वीरों के अलावा वे कहीं दिखाई नहीं दीं.''

Last Updated : May 15, 2024, 1:37 PM IST
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