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धूमधाम से निकली भगवान महावीर की रथयात्रा, दर्शनों के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब - shri mahaveerji rathyatra in karoli

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 24, 2024, 8:46 PM IST

Rath Yatra of bhagwan Mahavir started with much fanfare, crowd of devotees gathered for darshan in shri mahaveerji of karoli
धूमधाम से निकली भगवान महावीर की रथयात्रा, दर्शनों के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब

श्रीमहावीरजी की प्रसिद्ध रथयात्रा बुधवार को धूमधाम से निकली. इस यात्रा में भगवान महावीर को लेकर जा रहे रथ के सारथी हिंडौन एसडीएम बने. यात्रा के दौरान पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था थी. यात्रा में जाते समय रथ के आगे मीणा समाज के लोग हाथों में लाठियां लेकर चल रहे थे. वहीं, वापसी में रथ की अगुवाई गुर्जर समाज के लोगों ने की.

करौली. जिले के श्रीमहावीरजी में सात दिन से चल रहे वार्षिक मेले में बुधवार को भगवान महावीर की रथयात्रा निकाली गई. इसमें श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा. तपती दुपहरी के बावजूद भगवान जिनेन्द्र की एक झलक पाने की खातिर श्रद्धालु देर तक डटे रहे. दोपहर में जैसे ही भगवान जिनेन्द्र का स्वर्ण मंडित रथ मुख्य मंदिर के द्वार से बाहर निकला तो जय जिनेन्द्र के गगनभेदी जयकारों से आकाश गुंजायमान हो उठा.

रथयात्रा के दौरान भगवान महावीर की 500 साल पुरानी मूंगा वर्णित पाषाण प्रतिमा को रथ में विरा​जित किया गया. इसके बाद रथयात्रा मुख्य मंदिर से प्रारंभ होकर गंभीर नदी के तट पहुंची. जैन मुनि चिन्मयानंद की उपस्थिति में आयोजित रथ यात्रा में जयपुर,आगरा, मेरठ, गुवाहाटी, लखनऊ, दिल्ली और सहारनपुर सहित देश के विभिन्न शहरों से आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. छोटे बालक केसरिया पताकाएं लेकर आगे बढ़ रहे थे. यात्रा में सबसे पहले धर्म चक्र, ऐरावत हाथी, इसके बाद स्वर्ण मंडित भगवान जिनेंद्र का चल रहा था. बैंड बाजे की धुन पर श्रद्धालु जमकर नाच रहे थे. श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी में आयोजित रथ यात्रा में घोड़ी नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा. दर्जनों घोड़ियां भगवान जिनेंद्र की रथ यात्रा में नृत्य करती नजर आई.

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एसडीएम बने रथ के सारथी: भगवान महावीर के रथ पर सारथी के रूप में हिण्डौन के उपखण्ड अधिकारी हेमराज गुर्जर एवं मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल थे. रथ के आगे-आगे ऐरावत हाथी और नाचते गाते श्रद्धालु भगवान महावीर को भक्तिभाव से भगवान जिनेंद्र के जयकारे लगाते आगे बढ़ रहे थे. रथ मुख्य मंदिर के कटला परिसर से निकलकर मुख्य बाजार होते हुए गंभीर नदी के तट पहुंचा. यहां भगवान श्रीजी का गम्भीर नदी के जल से अभिषेक हुआ. पंडित मुकेश शास्त्री ने वैदिक पूजा विधान के अनुसार मंत्रोचार कर श्रीजी का जलाभिषेक करवाया. इसके बाद भगवान महावीर के रजत कलशों की बोली लगाई. वापसी में भगवान जितेंद्र की पदयात्रा गंभीर नदी से मुख्य मार्गों से होती हुई मुख्य मंदिर पहुंची.परम्परा के अनुसार रथ के आगे मीणा समाज के लोग हाथों में लाठियां लेकर चल रहे थे. वहीं वापसी में रथ की अगुवाई गुर्जर समाज के लोगों ने की.

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त्रिस्तरीय रही सुरक्षा व्यवस्था: मंदिर के प्रबंधक नेमी कुमार पाटनी ने बताया कि रथयात्रा की तीन पंक्तियों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए. प्रथम पंक्ति में दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र के सुरक्षा कर्मचारी रथ यात्रा को सुरक्षा दे रहे थे. दूसरी पंक्ति में महावीर वीर सेवक मंडल जयपुर के कार्यकर्ता चल रहे थे और तीसरी पंक्ति में राजस्थान पुलिस के जवान मौजूद थे. रथयात्रा की सुरक्षा को मद्देनजर 400 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. इस मौके पर जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना, हिंडौन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र पाल,हिंडौन पुलिस उपाधीक्षक गिरधर सिंह, सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे. इस मौके पर प्रबंध कार्य कमेटी के मंत्री सुभाष चंद जैन, संयुक्त मंत्री उमराव मालसंघी, कोषाध्यक्ष विवेक कला भारत भूषण जैन और मंदिर प्रबंधक नेमी कुमार पाटनी सहित कमेटी के पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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