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रोडवेज के चालक-परिचालकों के जबरन रिटायरमेंट मामले में सुनवाई, एकलपीठ का आदेश बरकरार

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 20, 2024, 8:23 PM IST

Drivers And Conductors Retirement in Uttarakhand उत्तराखंड में रोडवेज के चालक परिचालकों के जबरन रिटायरमेंट मामले में सुनवाई हुई. मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश बरकरार रखा है. इन चालक और परिचालकों को उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन ने दिव्यांगता की वजह से जबरन सेवानिवृत्त कर दिया था.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीताल: उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन की ओर से दिव्यांग की वजह से जबरन सेवानिवृत्त किए गए चालक और परिचालकों को सवेतन बहाली के एकलपीठ के आदेश को नैनीताल हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है. ऐसे में चालक और परिचालकों को बड़ी राहत मिली है. इससे पहले मामले को लेकर रोडवेज ने विशेष अपील दायर कर खंडपीठ में चुनौती दी थी. जिस पर एकलपीठ ने कर्मचारियों की जबरन सेवानिवृत्ति को अवैध करार दिया था. इसके बाद फिर से चुनौती दी गई.

दरअसल, रोडवेज यानी उत्तराखंड परिवहन निगम में ड्यूटी के दौरान दिव्यांगता की वजह से चालक और परिचालक से अन्य काम लिया जा रहा था. सितंबर 2022 में परिवहन निगम बोर्ड ने इन चालक-परिचालकों को 3 महीने का नोटिस देकर जबरन सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया. इस निर्णय को रोडवेज में कार्यरत जगजीत सिंह समेत अन्य लोगों ने एकलपीठ में याचिका दायर कर चुनौती दी थी. ऐसे में एकलपीठ ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए रोक लगा दी थी. जिसके खिलाफ रोडवेज ने विशेष अपील दायर कर खंडपीठ में चुनौती दी.

वहीं, खंडपीठ ने रोडवेज की स्पेशल अपील खारिज करते हुए एकलपीठ को मामले की जल्द निस्तारण करने के आदेश पारित किए. एकलपीठ ने कर्मचारियों के हित में आदेश देकर रोडवेज के नोटिस को अवैध करार दिया. इस आदेश को रोडवेज ने फिर से स्पेशल अपील के माध्यम से खंडपीठ में चुनौती दी. जिसमें आज सुनवाई के बाद खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए रोडवेज की स्पेशल अपील को खारिज कर दिया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष हुई.

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