ETV Bharat / state

गजब की है ये तकनीक, एक एकड़ में लगाए 8200 पौधे, जानिए- क्या है जर्मनी में प्रचलित मियावाकी पद्धति

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 10:43 AM IST

Miyawaki plantation Indore
मियावाकी पद्धति एक एकड़ में लगाए 8200 पौधे

Miyawaki plantation Indore : जर्मनी में प्रचलित मियावाकी पद्धति से कम जगह में ज्यादा पौधे लगाए जा सकते हैं. शहरीकरण के दौर में ये पद्धति बहुत काम की है. इंदौर के एसजीएसआईटीएस (SGSITS) कॉलेज में ये प्रयोग किया जा रहा है. मियावाकी पद्धति क्या है, कैसे पौधे लगाए जाते हैं, आइए जानते हैं.

मियावाकी पद्धति एक एकड़ में लगाए 8200 पौधे

इंदौर। शहरों में तेजी से घटती हरियाली के मद्देनजर अब शुद्ध वायु और ऑक्सीजन के लिए सघन वन क्षेत्र की जरूरत महसूस की जा रही है. इसके लिए मध्य प्रदेश में भी जापान की मियावाकी पद्धति अपनाई जा रही है. इससे सीमित स्थान पर कई सारे पौधे लगाए जा सकते हैं. इतना ही नहीं पारंपरिक पौधरोपण की तुलना में पौधों की वृद्धि भी कई गुना तेज होती है. इंदौर के एसजीएसआईटीएस कॉलेज में 1 एकड़ जमीन पर इस विधि से 8200 पौधे लगाए गए हैं.

मियावाकी तकनीक से पौधों में तेज वृद्धि

दरअसल, जापान की मियावाकी पद्धति पौधों की तेजी से वृद्धि और ग्रीनरी के लिहाज से बहुत उपयोगी मानी जाती है. माना जाता है कि इस विधि से 10 वर्ष में ही 100 वर्ष के समतुल्य स्वदेशी जंगल तैयार किया जा सकते हैं. यही वजह है कि इंदौर के एसजीएसआईटीएस कॉलेज में उद्यान प्रभारी अलेक्स कुट्टी ने कैंपस में मौजूद एक एकड़ जमीन पर यह प्रयोग किया है. इसके लिए उन्होंने एक एनजीओ और कुछ बैंकों से करीब 17 लाख की लागत से इस तकनीक के जरिए 8200 पौधे लगाए हैं. इन पौधों की खासियत है कि ये 72 प्रजातियों के ऐसे भारतीय पौधे हैं, जो अब विलुप्त होने की कगार पर आ गए हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

मियावाकी पद्धति से ऐसे करें पौधरोपण

उद्यान प्रभारी अलेक्स कुटी के मुताबिक तेजी से इन पौधों के बड़े होने के बाद बीज भी तैयार किए जा सकेंगे. पौधों की प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाया जा सकेगा. कुटी के मुताबिक मियाावाकी पद्धति के जरिए पौधे लगाने के लिए पहले पूरी जमीन को 2 मीटर तक खोदा गया. इसके बाद उसमें पौधे की जरूरत के हिसाब से करीब 200 टन सूखे पत्तों की खाद डाली गई, जो संस्थान में ही तैयार की गई थी. इसके बाद काली मिट्टी डाली गई. फिर पौधों के लिए गोबर की खाद का मिश्रण किया गया. अंतिम परत के रूप में वर्मी कंपोस्ट डाली गई. इसके बाद अब पौधे लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि 3 साल में ये पौधे करीब 6 फीट तक बढ़ जाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.