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राज्यसभा जाएंगे महेंद्र भट्ट, लोस चुनाव से पहले उत्तराखंड में कौन बनेगा बीजेपी का 'BOSS' ? यहां समझें गुणा भाग

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 12, 2024, 4:24 PM IST

Updated : Feb 12, 2024, 5:45 PM IST

UTTARAKHAND BJP
उत्तराखंड BJP

BJP Uttarakhand president उत्तराखंड में राज्यसभा की तीन सीटें है. जिसमें से एक सीट 2 अप्रैल 2024 को खाली होने जा रही है. वर्तमान समय में इस राज्यसभा सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी काबिज हैं. ऐसे में इस सीट को भरने को लेकर 27 फरवरी को मतदान होना है. जिसके मद्देनजर भाजपा ने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है जिसके तहत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को राज्यसभा उम्मीदवार नामित किया है. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष का राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है क्योंकि भाजपा प्रदेश में बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज है. लेकिन अब प्रदेश में चर्चाएं प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हो रही हैं.

उत्तराखंड में भाजपा अध्यक्ष कौन ?

देहरादूनः आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को पार्टी हाईकमान ने राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है. ऐसे में प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारी को लेकर जहां एक तरफ कयासबाजी जारी है तो दूसरी तरफ महेंद्र भट्ट को राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. सवाल उठ रहा है कि आखिर लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा किसे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपेगी. हालांकि, महेंद्र भट्ट को राज्यसभा भेजना, संगठन के लिहाज से एक बड़े चौंकाने वाले निर्णय के रूप में भी देखा जा रहा है.

साल 2022 विधानसभा चुनाव में महेंद्र भट्ट बदरीनाथ सीट से चुनाव हारे. तब उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि मंजिल अब विधानसभा नहीं बल्कि देश की संसद है. महेंद्र भट्ट के चुनाव हारते ही उनके राजनीतिक करियर ने रफ्तार पकड़ ली. 10 मार्च 2022 को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में महेंद्र भट्ट से बदरीनाथ सीट से कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी के सामने हार का सामना करना पड़ा. इसके लिए चार महीने बाद ही यानी जुलाई 2022 को भाजपा हाईकमान ने महेंद्र भट्ट को उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी. वहीं अब पार्टी ने राज्यसभा प्रत्याशी के रूप में उनका नाम नामित कर दिया है. ऐसे में महेंद्र भट्ट का राज्यसभा जाना लगभग तय है. महेंद्र भट्ट के राज्यसभा जाने से भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की सुगुगाहट तेज हो गई है.

जुलाई में समाप्त हो रहा है कार्यकाल: लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष को बदलने के मूड में नहीं है. भले ही महेंद्र भट्ट को राज्यसभा भेजा जा रहा हो, लेकिन आगामी लोकसभा की कमान महेंद्र भट्ट के हाथों में ही रहेगी. क्योंकि भाजपा उनके पुराने अनुभव का लोकसभा चुनाव में लाभ उठाना चाहती है. इसका एक पहलू यह भी है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल जुलाई 2024 में समाप्त हो रहा है. तब तक लोकसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया भी समाप्त हो जाएगी. जिसके बाद नए प्रदेश अध्यक्ष को नामित किया जा सकता है. वर्तमान समय में उत्तराखंड भाजपा, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में पूरी रणनीति के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. ऐसे में मौजूदा समय में प्रदेश अध्यक्ष के बदलने की संभावना बेहद कम है.

नए अध्यक्ष के लिए हो सकती हैं मुश्किलें: एक वजह ये भी है कि अनिल बलूनी का राज्यसभा का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को समाप्त हो रहा है. उस दौरान देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही होगी. ऐसे में चुनाव के दौरान अध्यक्ष का बदलना भाजपा को भारी पड़ सकता है. क्योंकि भट्ट पिछले 20 महीने से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. वे बराबर रणनीति को धरातल पर उतर रहे हैं. अगर इसी बीच भाजपा, अध्यक्ष पद की कमान किसी और को सौंपती है तो संगठन को व्यवस्थित करने में नए अध्यक्ष को समय लग सकता है. जिससे चुनाव में इसका असर भी पड़ने की संभावना है. जबकि भाजपा इस बार 400 पार का नारा दे चुकी है.

इन चुनावों में मिली बड़ी जीत: जुलाई 2022 में महेंद्र भट्ट के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद हुए बागेश्वर उप-चुनाव और रुद्रप्रयाग जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी ने बड़ी जीत दर्ज की. इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव में भी जिला पंचायत समिति हरिद्वार की 6 ब्लॉकों में अपना बोर्ड बनाने में भाजपा को ऐतिहासिक कामयाबी मिली. इसके अलावा दुग्ध सहकारी संघ के चुनाव में भी भाजपा ने अपना परचम लहराया है.

2 साल का होता है प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल: बता दें कि दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष दो बार यानी 3-3 साल के लिए काबिज हो सकता है. लेकिन प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल का होता है. हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी दो बार 2-2 साल के लिए जिम्मेदारी दी जा सकती है.

ऐसे में तो चुनाव तैयारियां हो सकती है डिस्टर्ब: वहीं, वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत का कहना है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी लॉटरी लगती जा रही है. बदरीनाथ से चुनाव हारने के बाद उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके बाद भट्ट का राजनीतिक कद और अधिक बढ़ गया. ऐसे में उनके कामों को देखते हुए अब राज्यसभा के लिए नामित किया गया है.

ऐसे में संभावना जताई जा रही है लोकसभा चुनाव तक भट्ट प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे क्योंकि इसके पीछे तमाम समीकरण हैं. क्योंकि अगर अध्यक्ष बदलता है तो कार्यकारिणी भी बदली जाएगी, जिससे प्रदेश में चुनाव तैयारियां भी डिस्टर्ब हो जाएगी. लिहाजा, ऐसे मौके पर बीजेपी किसी तरह का रिस्क लेना नहीं चाहेगी. इसके साथ ही भले ही भट्ट अपने लिए अनलकी रहे हो, लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद हुए चुनावों में भाजपा को जीत मिली है.

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि परिवर्तन होता रहता है. भारत में भी परिवर्तन हो रहा है. संगठन के काम करने का जो तरीका है, उसमें भी परिवर्तन हो रहा है. परिवर्तन दिखाई भी दे रहा है. पार्टी में समर्पित भाव से काम करने वाले पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं पार्टी क्या दायित्व देता है ये आलाकमान के ऊपर निर्भर करता है. ऐसे में जो पार्टी निर्णय करती है, उसका पार्टी के कार्यकर्ता स्वागत करते हैं.

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Last Updated :Feb 12, 2024, 5:45 PM IST
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