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गंगा सप्तमी पर हुआ देवी गंगा का धरती पर अवतरण, इस शुभ संयोग में करें पूजा - Ganga Saptmi 2024

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 13, 2024, 7:12 AM IST

Updated : May 14, 2024, 6:18 AM IST

GANGA SAPTAMI वैशाख मास की सप्तमी तिथि गंगा सप्तमी के रूप में मनाई जाती है. वैशाख शुक्ल सप्तमी का शुभ दिन गंगा के उत्पन्न होने के रूप में भी जाना जाता है. इस शुभ दिन गंगा माता की पूजा अर्चना और मां गंगा की पवित्र आरती की जाती है. इस सप्तमी तिथि में कई शुभ संयोग बन रहे हैं, सर्वार्थ सिद्धि के योग भी हैं. ऐसे में इस साल की गंगा सप्तमी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है.WHEN IS GANGA SAPTAMI

GANGA SAPTMI 2024
गंगा सप्तमी 2024 (ETV Bharat Chhattisgarh)

गंगा सप्तमी में पूजा का महत्व (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर: मां गंगा को शुभ्रा भागीरथी अलकनंदा आदि नाम से भी जाना जाता है. मां गंगा भारतवर्ष के लिए प्राणवाहिनी एवं जीवनदायनी मानी गई है. मां गंगा के जल से सभी तरह की बीमारियां दूर हो जाती है. मां गंगा पूरी तरह पवित्र शुभ और कल्याणी मानी गई है. माना जाता है कि गंगा का अवतरण आज के दिन हुआ था.

गंगा सप्तमी क्यों है खास? : ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया, "गंगा सप्तमी के शुभ दिन ऐसा माना गया है कि गंगा का अवतरण आज के दिन शिव जी की जटाओं में हुआ था. पौराणिक कहानियों के अनुसार, माता गंगा ने श्री हरि विष्णु जी के पावन चरणों को आज ही स्पर्श किया था, इसलिए इसे गंगा सप्तमी के रूप में जाना जाता है."

"गंगा सप्तमी एक पावन पर्व है. आज के दिन मां गंगा की आरती, पूजा और गंगा में डुबकी लगाने का विशेष विधान है. आज के दिन गंगा मैया के दर्शन कर उसमें डुबकी लगाकर स्नान करने से सभी तरह के पाप दोष नष्ट हो जाते हैं. मां गंगा सदा से ही मानव के लिए कल्याणी रही है." - पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिष एवं वास्तुविद

सप्तमी तिथि में बन रहे कई शुभ संयोग : पंडित विनीत शर्मा ने बताया "14 मई 2024 मंगलवार को पुष्य नक्षत्र, प्रवर्धमन योग ववकरण के साथ ही कर्क राशि के चंद्रमा में होने के दौरान गंगा सप्तमी मनाया जा रहा है. वर्तमान में शुभ संवत 2081 और शाली वाहन शाके 1946 चल रहा है. गंगा सप्तमी के शुभ दिन वृषभ राशि में सूर्य का आगमन होगा. साथ ही रेवती में भौम का आगमन है. यह व्यक्तिपत योग के सुंदर प्रभाव में मनाया जा रहा है. इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि जैसे शुभ योग गंगा सप्तमी के पावन पर्व की महत्ता को बढ़ा रहे हैं."

"आज के शुभ दिन सामान्य तौर पर गंगा स्नान करने का विधान है. यदि आप गंगा नदी से दूर हैं, तो अपने स्नान करने वाले जल में गंगाजल को मिलाकर स्नान करना चाहिए. योग, ध्यान और सूर्य नमस्कार का अभ्यास कर पूजा-पाठ और अर्चना करनी चाहिए. सफेद चौकी में सफेद वस्त्र बिछाकर मां गंगा की पूजा करनी चाहिए." - पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिष एवं वास्तुविद

मां गंगा की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान : मां गंगा के 1008 नाम का जाप करना, मां गंगा की आरती, गंगा गायत्री मंत्र का पाठ करना आज के दिन शुभ माना गया है. एक पात्र में गंगाजल को लेकर गणेश जी और माता गौरी के साथ गंगा की पूजा करनी चाहिए. गंगाजल को दूर्वा, धान, जौ, चावल, गेहूं, रोली, कुमकुम, चंदन, अष्ट चंदन, रक्त चंदन, नारियल और तुलसी दल भेंट करना चाहिए. आज के दिन किसी भी रूप में तामसिक भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए. पूरे दिन सात्विक (शाकाहारी) भोजन ग्रहण करना चाहिए.


नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें पंडित जी की तरफ से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.

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Last Updated :May 14, 2024, 6:18 AM IST
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