रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर से मोहान तक एलिवेटेड पुल बनाने की कवायद अब तेज हो गई है. एलिवेटेड पुल बनने से वन्यजीव वाहनों की चपेट में आने से बचेंगे. साथ ही उन वास स्थल भी सुरक्षित रहेगा. समाजसेवी हरीश चंद्र सती की पहल पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और रामनगर वन प्रभाग के अधिकारी एनएच के साथ मिलकर सर्वे कर रहे हैं. एनएच अधिकारी जल्द ही सर्वे कर प्रस्ताव को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजेंगे. जहां से स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा.
दरअसल, रामनगर से मोहान तक नेशनल हाईवे 309 पर वन्यजीवों की सुरक्षा को देखते हुए जल्द एलिवेटेड पुल का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है. इससे पहले रामनगर के आमडंडा से शंकरपुर मरचुला तक 2 लेन सड़क के निर्माण को लेकर सर्वे हुआ था, जिसमें 2 लेन सड़क निर्माण को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी. जिसके प्रस्ताव के लिए एनएच को 52 लाख रुपए भी दिए गए.
वहीं, एनएच के अफसरों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और रामनगर वन प्रभाग के अधिकारियों के साथ आमडंडा से लेकर मोहान तक सर्वे किया था, लेकिन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से वन्यजीवों के कॉरिडोर और वास स्थलों में दखल के चलते मंजूरी नहीं मिल पाई थी. जिसके बाद कॉर्बेट प्रशासन की ओर से एलिवेटेड पुल बनाने पर जोर दिया गया.
बता दें कि रामनगर कुमाऊं और गढ़वाल का प्रवेश द्वार कहा जाता है. यहां से गढ़वाल, अल्मोड़ा के सल्ट समेत अन्य पर्वतीय क्षेत्र के वाहन गुजरते हैं. स्थानीय लोग भी इसी मार्ग से रामनगर के लिए आवाजाही करते हैं. ऐसे में रामनगर के समाजसेवी हरीश चंद्र सती ने रामनगर से मोहान तक एलिवेटेड पुल बनाने की मांग को लेकर एक पत्र पीएमओ को 26 अक्टूबर 2019 भेजा था.
वहीं, पीएमओ की ओर से उत्तराखंड के प्रमुख सचिव शासन को इस संबंध में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया. जिसमें उत्तराखंड शासन को एनएच खंड और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से संयुक्त प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया. जिस पर वर्तमान समय में कार्रवाई गतिमान है.
क्या बोले समाजसेवी हरीश चंद्र सती? समाजसेवी हरीश चंद्र सती कहते हैं कि एलिवेटेड पुल बनने से मानव वन्यजीव संघर्ष में काफी कमी आएगी. वन्यजीवों के वास स्थल और कॉरिडोर सुरक्षित रहेंगे. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वाहनों का आवागमन सुरक्षित रहेगा. इससे पर्यटक और जनता भी सुरक्षित रहेगी. उन्होंने बताया कि एलिवेटेड पुल निर्माण के सर्वे के लिए केंद्र सरकार से 52 लाख रुपए अवमुक्त हो चुके हैं.
क्या बोले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारी? वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उप निदेशक दिगंथ नायक ने बताया कि रामनगर से मरचुला तक डबल लेन का प्रपोजल आया था. जिसका 2 हफ्ते पहले एक संयुक्त सर्वे भी हुआ था. वन्यजीवों की सुरक्षा को देखते हुए एलिवेटेड पुल का प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा कि एनएचएआई और एसीटीसीए का अपना पालिसी भी है कि अगर वन्यजीव कॉरिडोर में हाईवे बना रहे हैं या 2 लेन बना रहे हैं तो एलिवेटेड पुल ही निर्माण होगा.
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