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हिमाचल के इस शहर में नहीं मनाया जाता दशहरा उत्सव, कई सालों से नहीं हो रहा रावण दहन - DUSSEHRA 2024

हिमाचल प्रदेश का एक शहर ऐसा भी है जहां पर दशहरा पर्व नहीं मनाया जा रहा है. यहां पर रावण दहन नहीं किया जाता है.

Dussehra festival is not celebrated in Hamirpur
हमीरपुर शहर में नहीं मनाया जा रहा दशहरा उत्सव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 12, 2024, 11:04 AM IST

Updated : Oct 12, 2024, 2:24 PM IST

हमीरपुर: देशभर समेत हिमाचल प्रदेश में भी आज धूमधाम से दशहरा पर्व मनाया जा रहा है. शाम के समय प्रदेशभर में रावण दहन किया जाएगा. वहीं, हिमाचल प्रदेश का एक जिले में ऐसा शहर भी है, जहां पर रावण दहन नहीं होगा. प्रदेश के बाकी जिलों और शहरों की तरह यहां पर जिला स्तरीय दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाता है और न ही यहां पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं.

इस शहर में 3 साल से नहीं मनाया गया दशहरा

हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के हमीरपुर शहर में दशहरा पर्व नहीं मनाया जा रहा है और न ही यहां पर विजयदशमी का उत्सव मनाने को लेकर कोई तैयारी की गई है. पिछले 3 सालों से यहां पर दशहरे का त्योहार नहीं मनाया जाता है. हालांकि हमीरपुर शहर में राम नाटक क्लब द्वारा भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है, लेकिन यहां पर रावण दहन नहीं किया जाता है. शहरवासियों ने यहां भी दशहरा पर्व मनाने की प्रशासन से अपील की है.

हमीरपुर शहर के दुकानदार सुभाष वर्मा और प्रवीण ने बताया, "हमीरपुर शहर में पिछले 3 से 4 सालों में दशहरे का आयोजन नहीं किया जा रहा है. ये हमारा धार्मिक त्योहार है. हम सरकार और जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि हमीरपुर में भी दशहरे का आयोजन किया जाना चाहिए."

हमीरपुर में 3 सालों से नहीं किया गया रावण दहन (ETV Bharat)

हाईकोर्ट के आदेश के बाद बंद हुआ रावण दहन

दरअसल हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश हैं कि स्कूल के मैदानों में सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो सकते हैं. जिसके चलते हमीरपुर शहर में पिछले तीन सालों से रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले नहीं जलाए जाते हैं. हमीरपुर का जिला स्तरीय दशहरा उत्सव स्कूल मैदान में मनाया जाता था. ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के बाद से स्कूल मैदान में दशहरा उत्सव नहीं मनाया जा रहा है. वहीं, शहर के व्यापारियों और लोगों का कहना है कि हमीरपुर में भी अन्य शहरों की तरह दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए.

दशहरा कमेटी हमीरपुर के पूर्व प्रधान दीप बजाज का कहना है, "हमीरपुर शहर में दशहरे का सबसे बड़ा पर्व मनाया जाता था. तीन सालों से अब तक हाईकोर्ट के आदेशों के बाद बाल स्कूल के मैदान में गतिविधियां नहीं हो पा रही है. इसके साथ ही बाल स्कूल मैदान में कोरियन ग्रास लगाए जाने से भी मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है."

Dussehra festival is not celebrated in Hamirpur
बाल स्कूल मैदान हमीरपुर (ETV Bharat)

हमीर उत्सव का भी नहीं हो रहा आयोजन

हमीरपुर शहर के लोगों का कहना है कि कई सालों से यहां पर हमीर उत्सव का भी आयोजन नहीं किया जा रहा है. लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि हमीरपुर में भी दशहरे का आयोजन किया जाना चाहिए. बता दें कि 3 साल पहले यहां पर हर साल दशहरे का आयोजन किया जाता था. जिसमें हजारों संख्या में लोग आते थे. हाईकोर्ट के आदेश के बाद से स्कूल मैदान में दशहरे का आयोजन नहीं हो पा रहा है. ऐसे ही हमीर उत्सव भी कई सालों से यहां पर आयोजित नहीं किया जा रहा है.

राम नाटक कला मंच हमीरपुर के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने बताया, "साल 1950 से रामलीला को हमीरपुर में करवाया जा रहा है और साल 2000 से रामलीला से जुड़े हैं, लेकिन तीन सालों से स्कूल मैदान में अनुमति नहीं मिलने से दशहरा नहीं मनाया जा पा रहा है." उन्होंने मांग करते हुए कहा कि दशहरा पर्व बनाने के लिए प्रशासन को आज्ञा देनी चाहिए.

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हमीरपुर: देशभर समेत हिमाचल प्रदेश में भी आज धूमधाम से दशहरा पर्व मनाया जा रहा है. शाम के समय प्रदेशभर में रावण दहन किया जाएगा. वहीं, हिमाचल प्रदेश का एक जिले में ऐसा शहर भी है, जहां पर रावण दहन नहीं होगा. प्रदेश के बाकी जिलों और शहरों की तरह यहां पर जिला स्तरीय दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाता है और न ही यहां पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं.

इस शहर में 3 साल से नहीं मनाया गया दशहरा

हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के हमीरपुर शहर में दशहरा पर्व नहीं मनाया जा रहा है और न ही यहां पर विजयदशमी का उत्सव मनाने को लेकर कोई तैयारी की गई है. पिछले 3 सालों से यहां पर दशहरे का त्योहार नहीं मनाया जाता है. हालांकि हमीरपुर शहर में राम नाटक क्लब द्वारा भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है, लेकिन यहां पर रावण दहन नहीं किया जाता है. शहरवासियों ने यहां भी दशहरा पर्व मनाने की प्रशासन से अपील की है.

हमीरपुर शहर के दुकानदार सुभाष वर्मा और प्रवीण ने बताया, "हमीरपुर शहर में पिछले 3 से 4 सालों में दशहरे का आयोजन नहीं किया जा रहा है. ये हमारा धार्मिक त्योहार है. हम सरकार और जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि हमीरपुर में भी दशहरे का आयोजन किया जाना चाहिए."

हमीरपुर में 3 सालों से नहीं किया गया रावण दहन (ETV Bharat)

हाईकोर्ट के आदेश के बाद बंद हुआ रावण दहन

दरअसल हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश हैं कि स्कूल के मैदानों में सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो सकते हैं. जिसके चलते हमीरपुर शहर में पिछले तीन सालों से रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले नहीं जलाए जाते हैं. हमीरपुर का जिला स्तरीय दशहरा उत्सव स्कूल मैदान में मनाया जाता था. ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के बाद से स्कूल मैदान में दशहरा उत्सव नहीं मनाया जा रहा है. वहीं, शहर के व्यापारियों और लोगों का कहना है कि हमीरपुर में भी अन्य शहरों की तरह दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए.

दशहरा कमेटी हमीरपुर के पूर्व प्रधान दीप बजाज का कहना है, "हमीरपुर शहर में दशहरे का सबसे बड़ा पर्व मनाया जाता था. तीन सालों से अब तक हाईकोर्ट के आदेशों के बाद बाल स्कूल के मैदान में गतिविधियां नहीं हो पा रही है. इसके साथ ही बाल स्कूल मैदान में कोरियन ग्रास लगाए जाने से भी मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है."

Dussehra festival is not celebrated in Hamirpur
बाल स्कूल मैदान हमीरपुर (ETV Bharat)

हमीर उत्सव का भी नहीं हो रहा आयोजन

हमीरपुर शहर के लोगों का कहना है कि कई सालों से यहां पर हमीर उत्सव का भी आयोजन नहीं किया जा रहा है. लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि हमीरपुर में भी दशहरे का आयोजन किया जाना चाहिए. बता दें कि 3 साल पहले यहां पर हर साल दशहरे का आयोजन किया जाता था. जिसमें हजारों संख्या में लोग आते थे. हाईकोर्ट के आदेश के बाद से स्कूल मैदान में दशहरे का आयोजन नहीं हो पा रहा है. ऐसे ही हमीर उत्सव भी कई सालों से यहां पर आयोजित नहीं किया जा रहा है.

राम नाटक कला मंच हमीरपुर के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने बताया, "साल 1950 से रामलीला को हमीरपुर में करवाया जा रहा है और साल 2000 से रामलीला से जुड़े हैं, लेकिन तीन सालों से स्कूल मैदान में अनुमति नहीं मिलने से दशहरा नहीं मनाया जा पा रहा है." उन्होंने मांग करते हुए कहा कि दशहरा पर्व बनाने के लिए प्रशासन को आज्ञा देनी चाहिए.

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Last Updated : Oct 12, 2024, 2:24 PM IST
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