पटना: राजधानी पटना के एक अस्पताल में 3 साल के बच्चे की जान बचाई गई है. बच्चों की किडनी में पथरी था और चार दिन से बच्चे का पेशाब रुका हुआ था. पटना के सत्यदेव सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बच्चों का ट्रीटमेंट हुआ है, जहां यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर राजेश रंजन ने सबसे पहले बच्चे की किडनी के पाइप में स्टेन डालकर उसे पेशाब कराया गया. इसके बाद बच्चे ने राहत की सांस ली और उसके बाद चिकित्सकों की टीम ने ट्रीटमेंट शुरू किया. बच्चा खतरे से बाहर है और जल्द ही दूरबीन विधि से बच्चे के किडनी में फंसे स्टोन को निकाला जाएगा.
चार दिन से रुका था पेशाब: सत्यदेव सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. कुमार राजेश रंजन ने बताया कि छपरा के रहने वाले तीन साल के एक बच्चे का चार दिन से पेशाब रुका हुआ था. वह असहनीय पीड़ा से तड़प रहा था और लगातार रोता जा रहा था. उसकी स्थिति नाजुक हो गयी थी. अंतिम उम्मीद के साथ परिजन उनके पास पहुंचे तबतक रात के 11.30 बज चुके थे.
कार्डियक अरेस्ट हो सकता था: जांच कराया गया तो पता चला कि उसकी दोनों तरफ की किडनी की पाइप में स्टोन फंसा हुआ है. उसका क्रेटनाइन बढ़कर पांच के स्तर पर चला गया था. टोक्सिक लेवल भी बहुत बढ़ गया था. इसके अलावा पोटेशियम लेवल 5.5 पर चला गया था. बच्चे को कभी भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता था.
किडनी के पाइप में डाला स्टेन: डॉ राजेश रंजन ने बताया कि कुल मिलाकर मरीज ऐसी स्थिति में पहुंच चुका था जहां उसके जीने-मरने का सवाल था. उसे तत्काल ओटी में ले जाया गया. यहां आपात स्थिति में दोनों तरफ की किडनी के पाइप में स्टेन डालकर उसे पेशाब कराया गया. बच्चे ने इसके बाद राहत की सांस ली. डॉ. राजेश ने बताया कि बच्चा अब खतरे से बाहर है.
स्मार्ट आईसीयू की है सुविधा: उपयुक्त समय देखकर दूरबीन विधि से सर्जरी कर के उसके किडनी के पाइप में फंसी पथरी को निकाल दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि उनके यहां स्मार्ट आईसीयू विशेषज्ञों के नेतृत्व में चलने वाला आईसीयू है, जहां अत्याधुनिक तकनीक के जरिए 24 घंटे मरीज की देखभाल की जाती है. यहां कैशलैस, आयुष्मान भारत, टीपीए आदि की सुविधा भी उपलब्ध है.
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