रायपुर: रायपुर में पीएम मोदी का एक पोस्टर लगा हुआ है, जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है. पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्मी की वर्दी पहने हुए हैं और उसके साथ कुछ आर्मी के जवानों की फोटो भी है. साथ ही पोस्टर में तिरंगा झंडा भी लगाया गया है. पोस्टर में लिखा है, "सीमाएं हुई सुरक्षित, आतंकी हुए लाचार, इसलिए चुनेंगे मोदी सरकार." अब इस पोस्टर का लगातार कांग्रेस विरोध कर रही है.
पीएम मोदी के पोस्टर पर विवाद: पीएम मोदी के पोस्टर ने रायपुर में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. मामले में कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि, "नरेंद्र मोदी के पास पिछले 10 साल में बताने के लिए कुछ नहीं है. ना रोजगार मिला, ना 15 लाख और नहीं महंगाई कम हुई. इन मामलों में मोदी सरकार पूरी तरह से फेल रही है, इसलिए यह हमारे इष्ट देव, हमारी भावनाओं और सैनिकों के नाम पर वोट मांगते हैं, इसी से भाजपा की नाकामी सामने आती है. नरेंद्र मोदी ने जो सेना के जवान की वर्दी पहनकर अपना विज्ञापन किया है, इनको बताना चाहिए कि सेना के जवान जब दाल रोटी की मांग करते हैं, तो उसके लिए पैसे क्यों नहीं देते हैं. देश की सेना के जवानों की भर्ती के लिए 10 सालों में क्या काम किया है? जिसमें परमानेंट भर्ती होती थी, उससे भी खत्म कर अग्निवीर बनाया गया है. युवाओं को ट्रेनिंग के बाद रिटायरमेंट दे दिया जाता है. सेना के जवान लगातार कई सुविधाओं की मांग करते आ रहे हैं. उनके कई मुद्दे हैं, आज तक उस पर मोदी सरकार ने काम नहीं किया. सेना को मजबूत करने में जो 10 वर्ष में काम होना था, वह नहीं हुआ."
राम के नाम पर वोट मांगती है बीजेपी: भाजपा काम करने की बजाय वोट मांगने के समय गौ माता के नाम से वोट मांगती है, भगवान राम के नाम पर वोट मांगते हैं, हमारे वीर सेना के जवानों के नाम पर वोट मांगेंगे, ना तो नरेंद्र मोदी के पास काम बताने के लिए ताकत है, न हीं जज्बा है और न ही मोदी ने काम किया.मैं निर्वाचन आयोग से मांग करता हूं कि जब आचार संहिता लगा हुआ है, उसमें धार्मिक, सेना अन्य विषयों के प्रचार- प्रसार में शामिल नहीं किया जाता है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग इस मामले में क्यों आंखें मूंद कर बैठा हुआ है? क्या हर बात पर शिकायत करें? तब नियमों का पालन करेगा? क्या निर्वाचन आयोग का दायित्व नहीं बनता है, इन चीजों पर सीधे कार्रवाई करें, इसे समझ में आता है कि राज्य निर्वाचन आयोग स्वतंत्र होकर काम नहीं कर रही है. कहीं ना कहीं मिट्ठू और तोते की भूमिका में आयोग है.
वहीं, इस मामले को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले वाले ने कहा है कि, "हमें इस तरह की शिकायत अभी तक नहीं मिली है. इस पर हम संज्ञान लेंगे."