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छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र 2024 आज से शुरु, जानिए राज्यपाल के अभिभाषण की मुख्य बातें

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 5, 2024, 7:04 AM IST

Updated : Feb 5, 2024, 1:08 PM IST

Chhattisgarh Assembly Budget छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. राज्यपाल ने कहा है कि छठवीं विधानसभा गठन के दो माह में ही सरकार ने जनता से किए गए वादे पूरे करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. आइए जानते हैं राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कौन कौन सी मुख्य बातें कही है. Budget Session 2024

Chhattisgarh Assembly Budget Session 2024
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत 5 फरवरी से हो गई है. राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. अब आगामी 9 फरवरी को प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी सदन में विष्णुदेव साय सरकार का पहला बजट पेश करेंगे. 12 और 13 फरवरी को बजट पर सदस्य चर्चा करेंगे. जिसके बाद 14 से 26 फरवरी तक विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा होगी. यह बजट सत्र 05 फरवरी से 05 मार्च तक चलेगा.

राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के अभिभाषण की मुख्य बातें:

  1. छत्तीसगढ़ की छठवीं विधानसभा का गठन 20 दिसम्बर 2023 को हुआ था. कम समय में सरकार ने जनता से किए गए वादे पूरे करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं, जिसके कारण प्रदेश में न्याय, राहत और विकास का नया दौर शुरू हुआ है.
  2. 'समृद्ध किसान संपन्न प्रदेश' की अवधारणा पर तेजी से अमल हो रहा है. धान का बकाया बोनस 3 हजार 716 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर कर दी गई है. किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का वादा भी निभाया गया और धान खरीदी की पारदर्शी और सुगम व्यवस्था भी की गई, जिससे इस साल छत्तीसगढ़ में अब तक का सर्वाधिक धान खरीदी का रिकॉर्ड बना है.
  3. 'जनजाति उत्थान प्रदेश का मान' ध्येय वाक्य अनुसूचित जनजाति के जीवन से जुड़े सभी पहलुओं पर सरकार की संवेदनशीलता और सकारात्मक सोच को प्रकट करता है. बच्चों की शिक्षा से लेकर पूरे समुदाय की संस्कृति, स्वास्थ्य, आवश्यक अधोसंरचना, रोजगार, जीवन स्तर उन्नयन जैसे सभी विषयों पर तेजी से काम किया जाएगा.
  4. प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के द्वारा पीवीटीजी यानी विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय समूहों (बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर एवं अबूझमाड़िया) को मूलभूत सुविधाओं जैसे-पक्के आवास गृह, संपर्क सड़कें, छात्रावास का निर्माण, शुद्ध पेयजल, विद्युतीकरण, बहुउद्देशीय केन्द्रों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, वनधन केन्द्रों का निर्माण, मोबाइल टॉवर की स्थापना, व्यवसायिक शिक्षा और कौशल के लिए सरकार काम कर रही है. पीएम जनमन महाअभियान के अंतर्गत विशेष रूप से संरक्षित जनजातियों के स्वास्थ्य की जांच, उपचार और दवा के लिए 66 चलित चिकित्सा इकाई वाहनों का उपयोग किया जा रहा है.
  5. तेन्दूपत्ता, महुआ, इमली सहित सभी लघु वन उपजों से जुड़े आजीविका के साधनों को मजबूत बनाना सरकार की उच्च प्राथमिकता है. तेंदूपत्ता का संग्रहण पारिश्रमिक 5500 रूपये प्रति मानक बोरा और संग्राहकों को 4500 रुपये तक बोनस दिया जा रहा है. संग्राहकों और उनके परिजनों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा.
  6. प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित करीब 18 लाख हितग्राहियों को पक्के आवास उपलब्ध कराने का निर्णय कैबिनेट की पहली बैठक में लिया गया.
  7. सुदृढ़ पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से गांवों में गुणवत्तापूर्ण अधोसंरचना के साथ ही आजीविका के नए साधन पहुंचाने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है. प्रदेश के गांव आर्थिक स्वावलंबन, पारंपरिक सम्मान और सामाजिक चेतना के नए शक्ति केन्द्र बनेंगे.
  8. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में सरकाम काम कर रही है. वन नेशन वन राशन कार्ड योजना, ई पॉस मशीन के जरिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
  9. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दिसम्बर 2028 तक निःशुल्क चावल देने का निर्णय लिया गया है. छत्तीसगढ़ में इस योजना से 67 लाख 94 हजार अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित और निःशक्तजन राशन कार्डधारियों को मासिक पात्रता का चावल मिलेगा.
  10. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत प्रदेश में अब तक 36 लाख से ज्यादा नए गैस कनेक्शन जारी किए गए हैं. यह सुविधा भी शत प्रतिशत पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाई जाएगी.
  11. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस अधोसंरचना के विकास के लिए करीब 201 करोड़ रुपए की लागत से काम जल्द पूरे कराए जाएंगे. छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल समस्यामुक्त राज्य बनाना है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर काम करना है.
  12. नक्सल प्रभावित और दुर्गम क्षेत्र में पदस्थ जिला पुलिस बल के कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश की जगह 3 माह में एक बार 8 दिन की छुट्टी दी जाएगी. अवकाश की पात्रता, प्रक्रिया संबंधी निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
  13. 5 शक्ति पीठों कुदरगढ़, चन्द्रपुर, रतनपुर, दंतेवाड़ा और डोंगरगढ़ को 4 धाम की तर्ज पर विकसित करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है.
  14. देश और दुनिया के तीर्थ मानचित्र में राजिम कुंभ (कल्प) को सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
  15. अयोध्या धाम में रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा से पूरी दुनिया में उत्साह है. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 5000 पंजीकृत रामायण मंडली, भजन मंडली को प्रोत्साहन राशि दे रही है. छत्तीसगढ़वासियों के लिए श्री रामलला दर्शन योजना भी जल्द शुरू की जा रही है. इस योजना के जरिए हर साल हजारों तीर्थयात्री अयोध्या धाम सहित काशी विश्वनाथ मंदिर, कॉरिडोर आरती का दर्शन करेंगे.
  16. छत्तीसगढ़ के भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 44 प्रतिशत वन क्षेत्र है. सरकार कैम्पा मद सहित विभिन्न वित्तीय संसाधनों का उपयोग वनों के साथ वन संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन में करेगी. संयुक्त वन प्रबंधन के जरिए वन के प्रबंधन में वनवासियों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी. प्रोजेक्ट बघवा 6 की शुरूआत कर बाघों की जनसंख्या बढ़ाने और उन्हें सुरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.
  17. युवाओं के सर्वांगीण विकास की रणनीति बनाई गई है. नवाचार और रचनात्मक कार्यों में दक्ष बनाने के लिए साइंस सेंटर रायपुर में इनोवेशन हब की स्थापना का काम पूरा किया जाएगा. प्रदेश के सभी जिलों में खेल अकादमी, खेलो इंडिया लघु केन्द्र, खेल स्टेडियम की सुविधाओं का विकास किया जाएगा.
  18. राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने सीबीआई जांच का निर्णय लिया है. छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा की छूट अवधि पांच वर्षों के लिए बढ़ा दी गई है.
  19. कुपोषण की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार, पूरक पोषण आहार योजना,रेडी टू ईट पोषण आहार जैसी योजनाएं चल रहीं हैं. सखी वन स्टाप सेंटर, महिला हेल्प लाइन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा.
  20. महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को 12000 रुपये वार्षिक आर्थिक सहायता का वादा निभाने की पहल की गई है.
  21. अच्छी सड़कों, सिंचाई से लेकर पेयजल तक पर्याप्त पानी, निरंतर और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और टेक्नॉलॉजी से बेहतर तथा पारदर्शी जन-सेवाएं, आईटी तथा अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर जैसी व्यापक अधोसंरचना का विकास करेगी।
  22. सरकार प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी का प्रयास करेगी. वहीं विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे.
  23. छत्तीसगढ़ को सिकलसेल एनीमिया मुक्त बनाने के लिए सभी सिकलसेल मरीजों को निःशुल्क दवाइयां और परामर्श दिया जा रहा है.
  24. सरकार प्रदेश में निवेश का आदर्श वातावरण बनाएगी, जिसमें निवेशकों के साथ ही जनता के हित भी कानूनी रूप से सुरक्षित रहें. मुआवजा, पुनर्वास पैकेज जैसे हर प्रावधान में जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलेगी.
  25. देश दुनिया से मुकाबला करने और अपनी जगह बनाने के लिए नागरिकों के साथ निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी नई जानकारी और टेक्नॉलॉजी से लैस होना जरुरी है. सभी सदस्य नई सोच और नए साधनों के उपयोग से जनहित और विकास के नए शिखर को स्पर्श करें.

विधानसभा में कार्य मंत्रणा समिति की हुई बैठक: आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई. यह बैठक विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा सहित समिति के सदस्य मौजूद रहे.

विधायकों ने लगाए हैं कुल 2171 सवाल: जानकारी के मुताबिक, अब तक बजट सत्र के लिए विधायकों द्वारा कुल 2171 सवाल लगाए जा चुके हैं. जिसमें से 1033 तारांकित और 1034 अतरांकित सवाल हैं. बजट सत्र के दौरान विपक्षी सदस्य जहां सरकार को मोदी की गारंटी और अन्य वादों पर घेरते की कोशिश करेंगे. वहीं सत्ता पक्ष के सदस्य भूपेश सरकार में हुए घोटालों और भ्रष्टाचार के आरोपो को लेकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश करेंगे.

20 साल बाद सीएम पेश नहीं करेंगे बजट: छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी है कि इस बजट सत्र में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी बजट पेश करेंगे. छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में 20 साल के अंदर ऐसा पहला मौका होगा जब कोई सीएम बजट पेश नहीं करेगा. इससे पहले 20 साल तक रमन सरकार और भूपेश सरकार में प्रदेश के मुख्यमंत्री ही बजट पेश करते आए हैं. क्योंकि वित्त मंत्रालय उनके पास होता था. इस बार साय सरकार में वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी ओपी चौधरी को मिली है, लिहाजा वह बजट पेश करेंगे. ओपी चौधरी बजट पेश करने वाले प्रदेश के दूसरे वित्त मंत्री हैं. इससे पहले 2000 से 2003 तक जोगी सरकार में वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव ने बजट पेश किया था.

इस बार डिजिटल बजट किया जाएगा पेश: विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने आगे बताया है कि, "इस बार का बजट डिजिटल बजट होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री ने डिजिटल बजट पेश किया. 47 हजार करोड़ का अंतरिम बजट पेश किया गया. हमारा भी प्रयास है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा भी नई तकनीक से जुड़कर काम करे. इसलिए छत्तीसगढ़ विधानसभा में कामकाज को पेपरलेस बनाया जाएगा. जिससे सदन का कामकाज सरल हो सके."

सत्र के हंगामेदार रहने के आसार: बजट सत्र के दौरान विपक्ष को घेरने के लिए रविवार को बीजेपी ने विधायक दल की बैठक में रणनीति तैयार की है. दूसरी ओर कांग्रेस भी पीछे नहीं है. कांग्रेस ने भी साय सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. साय सरकार के सत्ता संभालते ही कांग्रेस पार्टी बीजेपी पर हमलावर है. पिछले 2 माह में बीजेपी की गारंटियों को पूरा करने को लेकर कांग्रेस लगातार साय सरकार को घेरने में जुटी है. ऐसे में इस सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं.

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Last Updated :Feb 5, 2024, 1:08 PM IST
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