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ड्राइवर पर हत्या के प्रयास की झूठी FIR लिखवाना पड़ा भारी, कोर्ट ने पूर्व मुख्य कृषि अधिकारी पर लगाया दो लाख का जुर्माना - Bageshwar court imposed fine

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 15, 2024, 8:18 PM IST

बागेश्वर में पूर्व मुख्य कृषि अधिकारी को अपने सरकारी ड्राइवर को हत्या के प्रयास के झूठे केस में फसाना भरी पड़ गया है. कोर्ट ने जहां सरकारी ड्राइवर को दोषी मुक्त करार दिया है तो वहीं पूर्व मुख्य कृषि अधिकारी पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया है.

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कॉन्सेप्ट इमेज (फोटो सोर्स- फाइल फोटो ईटीवी भारत.)

बागेश्वर: हत्या के प्रयास के मामले में बागेश्वर जिला जज नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने शिकायतकर्ता पूर्व मुख्य कृषि अधिकारी पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं कोर्ट ने आरोपी को दोष मुक्त करार दिया है. पूर्व मुख्य कृषि अधिकारी ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से मुकदमा दर्ज करवाया था. साथ ही अपने पद का दुरुपयोग भी किया था.

कोर्ट ने जुर्माने की रकम दो लाख रुपए में से 50 हजार रुपए जिस व्यक्ति पर हत्या के प्रयास का आरोप लगा था, उसे देने का आदेश दिया है. दरअसस, तत्कालीन मुख्य कृषि अधिकरी एसएस वर्मा ने 23 फरवरी 2023 को पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी.

अपनी शिकायत में एसएस वर्मा ने कहा था कि चार फरवरी रात को करीब दस बजकर 15 मिनट पर वह अपने चौरासी में किराये पर लिए कमरे में खाना खाकर बिस्तर पर बैठे थे. तभी किसी अनजान व्यक्ति ने उनके कमरे का खटखटाया गया. वहीं जोर से खिड़की खोलने की भी आवाज आई. उस वक्त कमरे की लाइटें खुली हुई थी.

एसएस वर्मा की शिकायत के अनुसार उन्होंने बिस्तर से उठकर बाहर देखा तो उनके सरकारी वाहन के ड्राइवर उमेद सिंह कनवाल ने गाली-गलौज करते हुए उन पर गोली चला दी, जिसमें वो बाल-बाल बच गए है. इसके बाद वो घर में छिप गए. आरोप था कि जाते हुई भी उमेद सिंह एक फायर किया और और सीढ़ियों से नीचे भाग गया.

एसएस वर्मा की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 में मुकदमा दर्ज किया. मामला जिला न्यायालय में पहुंचा. बुधवार को जिला जज नरेंद्र दत्त ने अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने व पत्रावलियों के अवलोकन के बाद आरोपी उमेद कनवाल को दोषमुक्त किया.

वहीं, तत्कालीन कृषि अधिकारी एसएस वर्मा पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया. न्यायालय ने माना की वादी ने आरेपी के विरूद्ध दुर्भावनापूर्ण तरीके से मुकदमा दर्ज कराया. वादी एक लोकसेवक है. उसने अपने पद का भी दुरुपयोग किया है.

न्यायाधीश ने दो लाख रुपये में से 50 हजार रुपये आरोपी को चार दिन के भीतर देने के निर्देश दिए. डेढ़ लाख की धनराशि न्यायालय का समय बर्बाद करने, दुर्भावनापूर्ण अभियोजन की सुनवाई करने के लिए डीएलएसए में जमा करने के आदेश दिए हैं. वादी वर्मा का घटना के तुरंत बाद दूसरे जिले में तबादला हो गया था.

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