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गढ़वाल लोकसभा सीट पर रोचक मुकाबला, बलूनी को मात दे पाएंगे गोदियाल? समझिये चुनावी मिजाज - Garhwal Lok Sabha Seat

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 27, 2024, 10:08 PM IST

Updated : Jun 3, 2024, 5:34 PM IST

Garhwal Lok Sabha Seat गढ़वाल लोकसभा सीट उत्तराखंड का पावर सेंटर है. इस बार यहां का चुनाव रोचक रहा. यहां गणेश गोदियाल और अनिल बलूनी आमने सामने थे. इन चुनाव में दोनों ही प्रत्याशियों ने ऐसी भीड़ जुटाई, जिसे देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया कि कौन प्रत्याशी किस पर भारी पड़ रहा है. जानिए क्या कहते हैं समीकरण और राजनीति के जानकार...

GARHWAL LOK SABHA SEAT
गढ़वाल लोकसभा सीट

देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर चुनाव रोचक रहा. वोटिंग के बाद अब खासकर गढ़वाल लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें हैं. जहां कांग्रेस से गणेश गोदियाल और बीजेपी से अनिल बलूनी चुनावी दंगल में जमकर भिड़े. दोनों ही दिग्गजों के बीच कांटे की टक्कर है. इसका एक नमूना नामांकन के दौरान देखने को मिला है. जहां बलूनी के नामांकन में बीजेपी से केंद्रीय स्मृति ईरानी से लेकर सीएम पुष्कर धामी पहुंचे थे तो वहीं, गणेश गोदियाल के नामांकन के दौरान कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया. जबकि, दोनों ही नेताओं के रैली में भीड़ तकरीबन बराबर ही थी. जिसके बाद गणेश गोदियाल ने गढ़वाल सीट की सरगर्मी को और बढ़ा दिया है. इसके बाद दोनों ही कैंडिडेट की चुनावी सभाओं ने जमकर सुर्खियां बटोरी.

चर्चाओं में गढ़वाल लोकसभा सीट: उत्तराखंड की टिहरी लोकसभा सीट पर बीजेपी से माला राज्य लक्ष्मी शाह तीन बार से लगातार सांसद बनती आ रही हैं. इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला से होना है. लिहाजा, राजनीति और चुनाव प्रचार का शोर यहां पर ज्यादा दिखाई नहीं दे रहा है. ऊपर से कांग्रेस के तमाम बड़े नेता अब तक या तो चुनावी मैदान में आए ही नहीं है या फिर पूरी तरह से गायब दिख रहे हैं.

Ganesh Godiyal Rally
गणेश गोदियाल की जनसभा में भीड़ (फोटो X@UKGaneshGodiyal)

बात अगर हरिद्वार लोकसभा सीट की करें तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने हरीश रावत ने अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारा है. वीरेंद्र रावत के पास न तो कोई चुनावी अनुभव है और न ही कांग्रेस के वो बड़ा चेहरा हैं. इतना जरूर है कि हरीश रावत उनके साथ जरूर चल रहे हैं. लिहाजा यहां पर भी चुनावी शोर खास नहीं है.

नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस ने अजय भट्ट के सामने एक ऐसे नेता को टिकट दिया है, जो युवा तो है, लेकिन चुनावी अनुभव उतना नहीं है. ऐसे में यहां पर भी चुनाव का प्रचार धीमा दिखाई दे रहा है. उधर, अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट में भी कुछ-कुछ ऐसे ही समीकरण हैं. अगर पांचों लोकसभा सीटों की बात करें तो तो मात्र एक ही सीट ऐसी है, जिस पर न केवल स्टार प्रचारक समय से पहले उतर गए हैं. बल्कि, बीजेपी के नेताओं ने अनिल बलूनी के पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है.

Anil Baluni Rally
अनिल बलूनी की जनसभा में भीड़ (फोटो- X@anil_baluni)

अनिल बलूनी के नामांकन में मंच और मैदान में भीड़: 26 मार्च को अनिल बलूनी ने नामांकन के बाद पौड़ी के ही रामलीला मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया. इस जनसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट समेत तमाम विधायक भी मौजूद रहे. ऐसे में इस ग्राउंड की जितनी कैपेसिटी थी, उससे ज्यादा भीड़ यहां आ गई थी.

करीब 120 मिनट से ज्यादा समय तक चले इस कार्यक्रम में सभी नेताओं ने बारी-बारी से माइक थाम कर जनता को संबोधित किया. जहां अपने भाषणों से कभी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनता को वोट करने की अपील करते तो कभी स्मृति ईरानी भारत माता की जय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयकारे लगाकर माहौल को बनाने की कोशिश करतीं. वहीं, अनिल बलूनी का पौड़ी हो या कोटद्वार में उनके साथ राज्य के तमाम बड़े नेता दिखाई दे रहे हैं. उनके रोड शो में भी अच्छी खासी भीड़ दिखाई दी.

Smriti Irani
अनिल बलूनी की रैली में स्मृति ईरानी (फोटो- X@anil_baluni)

क्या बोले बलूनी और सीएम धामी? रैली के बाद अनिल बलूनी ने कहा पूरे क्षेत्र में ऐसा लग रहा है कि जनता चुनाव खुद लड़ना चाहती है और लड़वाना भी चाहती है. लोकसभा सीट की एक-एक कार्यकर्ता और जनता बेहद उत्साहित हैं. जनता नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहती है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि चुनाव की कोई बात नहीं कर रहा है सिर्फ बात इस बात की हो रही है कि दोबारा से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन रहे हैं. इतना ही नहीं लोग इस बात का भी जिक्र कर रहे हैं कि 400 सीटें आएंगी.

कांग्रेस के मंच पर नहीं था कोई बड़ा नेता: वहीं, 27 मार्च को पौड़ी का नजारा ठीक वैसा ही देखने को मिला, जैसा एक दिन पहले यानी 26 मार्च का था. आज गढ़वाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने अपना नामांकन पत्र भरने के बाद पौड़ी के इसी रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित किया. मंच पर नेता की बात करें तो पूर्व विधायक केदारनाथ मनोज रावत और कोटद्वार के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी के अलावा शायद ही कोई ऐसा नेता होगा जो कुछ लोगों की भीड़ को इस रैली में बुला सके.

Ganesh Godiyal
अपने नामांकन में गणेश गोदियाल

कांग्रेस के तमाम नेता बारी-बारी से यहां पर भी मंच को संभालकर जनता को संबोधित करते दिखे. आज भी भीड़ ठीक वैसे ही थी, जैसी एक दिन पहले तमाम राज्य के बड़े नेता और स्टार प्रचारक को सुनने के लिए भीड़ पहुंची थी. भीड़ को देखकर कांग्रेस के नेता बेहद गदगद नजर आए. सभी नेताओं को 4 से 5 मिनट का वक्त रैली को संबोधित करने के लिए दिया गया. रैली के अंत में गणेश गोदियाल ने 40 मिनट तक जनता को संबोधित किया.

गणेश गोदियाल का जोशीला भाषण: मंचों पर बोलने में माहिर गणेश गोदियाल ने न केवल केंद्र सरकार को ललकारा, बल्कि राज्य सरकार से भी कई तरह के सवाल किए. जनता को संबोधित करते हुए गणेश गोदियाल ने कहा कि हो सकता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पौड़ी आकर अंकिता भंडारी के लिए दो शब्द कह दें, लेकिन यह बात समझनी होगी कि पहले भी दो बार आ चुके हैं, लेकिन उन्होंने एक बार भी अंकिता के बारे में कुछ नहीं कहा.

अपने भाषण में गणेश गोदियाल ने कहा कि बीजेपी सरकार ने उन्हें नामांकन भरने से रोकने के लिए कई तरह की कोशिशें की, लेकिन वो उनसे कहना चाहते हैं कि वो उनका बाल भी बांका नहीं कर सकते. पौड़ी के ऐतिहासिक मैदान की भीड़ को देख गणेश गोदियाल अकेले ही केंद्र और राज्य सरकार पर खूब बरसे. उन्होंने यूकेएसएसएससी भर्ती, अग्निपथ योजना से लेकर महंगाई, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दे पर सरकार पर जमकर हमला बोला.

बरहाल, इस लोकसभा सीट पर जितनी भीड़ अनिल बलूनी या यूं कहें बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रही है, उतनी ही भीड़ कांग्रेस के गणेश गोदियाल की जनसभा, रोड शो और नुक्कड़ की सभा में दिखाई दे रही है. इस भीड़ को समझने के लिए ईटीवी भारत ने कुछ राजनीति के जानकारों से बातचीत की, जो पौड़ी की राजनीति को बड़ी बारीकी से जानते हैं.

बीजेपी को इस बात का मिल सकता है फायदा: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविधालय के राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष एमएम सेमवाल कहते हैं कि गढ़वाल लोकसभा सीट पर दोनों उम्मीदवार पूरा जोर लगा रखा है. उन्हें लगता है कि बीजेपी और कांग्रेस में जो सबसे बड़ा अंतर है, वो संगठन का है. अभी गणेश गोदियाल अकेले हैं, लेकिन बलूनी के साथ बड़ी टीम है. एमएम सेमवाल का कहना है कि अगर गढ़वाल सीट पर चुनाव एक तरफा है या किसी की लहर है तो यह बात सही नहीं होगी. क्योंकि, गणेश गोदियाल जहां जमीनी नेता हैं और पूर्व के विधायक भी हैं तो उन्हें इस बात का फायदा इस सीट पर मिल सकता है. उनकी छवि भी इस भीड़ को जुटाने में काफी हद तक कारगर साबित हो रही है. वहीं, अनिल बलूनी दिल्ली में भले रहते हों, लेकिन उन्होंने पौड़ी के लिए राज्य सभा सांसद रहते हुए जो काम किए हैं, उससे भी काफी हद तक जनता के बीच लोकप्रिय हैं.

गणेश गोदियाल ने माहौल तो बनाया है: वहीं, गढ़वाल लोकसभा सीट पर लगातार भ्रमण कर सर्वे कर रहे एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के सह प्रोफेसर राकेश नेगी कहते हैं कि रैली में भीड़ से आप जीत हार का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं. उन्होंने ऐसे चुनाव भी देखे हैं, जहां भीड़ नहीं है, फिर भी प्रत्याशी की जीत हुई और जहां भीड़ थी, वहां वोट ही नहीं पड़े. ऐसे में किसी भी हालात को देखकर धारणा नहीं बनानी चाहिए.

सह प्रोफेसर राकेश नेगी का कहना है कि गढ़वाल लोकसभा सीट पर इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चाओं में है, लेकिन उन्हें लगता है कि जनता यही सोच रही है कि गणेश गोदियाल राज्य की राजनीति के लिए ठीक है, लेकिन केंद्र में चूंकि बीजेपी है. इसलिए लोग केंद्रीय नेतृत्व पर भी नजर बनाए हुए हैं. फिलहाल, अकेले गणेश गोदियाल जिस तरह की भीड़ जुड़ा रहे है, उससे बीजेपी अपनी रणनीति में तबदीली जरूर करेगी.

गढ़वाल लोकसभा सीट पर सबसे बड़े मुद्दे: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के काम गिनवाये. जिसमें राम मंदिर, सैनिक से जुड़े मुद्दे, चारधाम प्रोजेक्ट, रेल प्रोजेक्ट, अनिल बलूनी के राज्य सभा रहते हुए किए काम शामिल हैं. जबकि, कांग्रेस सभी जगह जाकर अग्निपथ योजना, बाहरी उम्मीदवार, अंकिता भंडारी मर्डर केस, विपक्ष को नोटिस और जेल, पलायन, बेरोजगारी को लेकर हल्ला बोला. बरहाल, जनता किसके सिर पर जीत का ताज पहनाती है तो यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन गढ़वाल सीट पर मुकाबला बेहद रोचक है.

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Last Updated : Jun 3, 2024, 5:34 PM IST
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