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गोवा में पहले से लागू है यूसीसी, उत्तराखंड से यह कितना अलग है, जानें

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 2, 2024, 5:33 PM IST

Updated : Feb 2, 2024, 7:22 PM IST

UCC in Goa and Uttarakhand : गोवा में यूनिफॉर्म सिविल कोड पहले से लागू है. उत्तराखंड कैबिनेट यूसीसी को लेकर शनिवार को मंजूरी प्रदान कर सकता है. इसके साथ ही उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जो यूसीसी को लागू करेगा. अब आप सोच रहे होंगे कि जब गोवा ने यूसीसी को लागू कर रखा है, तो फिर उत्तराखंड इसे लागू करने वाला पहला राज्य क्यों बनेगा. इसे जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

uniform civil code
यूनिफॉर्म सिविल कोड

नई दिल्ली : यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है. दरअसल, उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है. उत्तराखंड कैबिनेट की इस पर शनिवार को बैठक होने जा रही है. शुक्रवार को यूसीसी को लेकर बनाई गई कमेटी ने अपना ड्राफ्ट मुख्यमंत्री को सौंप दिया. इस कमेटी की अध्यक्षता जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कर रहीं थीं. हालांकि, उत्तराखंड से पहले गोवा में यूसीसी लागू है.

दरअसल, 1961 में जब गोवा का भारत में विलय हुआ, तब वहां पर यूसीसी पहले से लागू था. गोवा में इसे 1867 में लागू किया गया था. इसे पुर्तगाली शासन व्यवस्था ने लागू किया था. तब इसका नाम पुर्तगाली सिविल कोड था. गोवा 450 सालों तक पुर्तगालियों के कब्जे में रहा. पुर्तगाली यहां पर 1510 ईस्वी के आसपास आए थे. वे भारत आने वाले पहले यूरोपीय शासक थे. तब से लेकर 1961 तक गोवा में पुर्तगालियों का कानून चलता रहा.

हालांकि, पुर्तगालियों ने जो यूसीसी की व्यवस्था लागू की, वह चर्च से प्रेरित था. उनका मुख्य उद्देश्य उन्हें अपने उपनिवेश (कॉलोनी) में व्यवस्था बनानी थी. उस समय पुतर्गाल का दुनिया के जिस हिस्से में शासन था, उसने वहां पर यूसीसी को लागू तो किया, लेकिन हरेक जगह पर लागू होने वाले यूसीसी व्यवस्था अलग-अलग थी.

कानूनी जानकारों का कहना है कि गोवा में लागू यूसीसी भारतीय संविधान के अनुरूप तो है, लेकिन इनमें कई खामियां भी हैं. उनका यह भी कहना है कि इस वक्त जो पूरे देश में यूसीसी की चर्चा की जा रही है, उनमें इन बातों का ध्यान रखा जा रहा है. इसलिए उत्तराखंड में लागू होने वाली यूसीसी व्यवस्था अपने देश की स्थितियों से प्रेरित है. वह भारतीय संविधान की आत्मा का पुट लिए है. संविधान के अनुच्छेद 44 में इसके बारे में लिखा भी गया है. इसके अनुसार सरकार इसे लागू करने का प्रयास करेगी.

इसलिए उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करने की प्रक्रिया नए तरीके से शुरू की गई है. उत्तराखंड कैबिनेट शनिवार को इस पर बैठक करने जा रही है. ड्राफ्ट कमेटी की रिपोर्ट सरकार के पास आ चुकी है

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब - सभी नागरिकों के लिए समान सिविल कानून, यानी उनकी जाति या धर्म चाहे कुछ भी क्यों न हो, उन पर सिविल मामलों में समान कानून लागू होगा. जिन राज्यों में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू नहीं है, वहां पर शादी, तलाक, गोद और उत्तराधिकार मामलों में उस व्यक्ति के धर्म की परंपराओं के हिसाब से कानून लागू हैं. लेकिन यूसीसी लागू होने पर सभी व्यक्तियों के लिए समान कानून हो जाएंगे. यही वजह है कि यूसीसी को लेकर विरोध के स्वर उठते रहे हैं.

उत्तराखंड सरकार को जो ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपी गई है, उससे संबंधित कुछ बिंदुओं को लेकर मीडिया में जानकारी सामने आई है. इसके अनुसार यूसीसी लागू होने पर बहुविवाह की प्रथा पर रोक लग जाएगी. 21 साल से पहले लड़कियों की शादी नहीं हो सकती है. लिव-इन में रहने वाले व्यक्तियों को पुलिस में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. मैरिज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जा सकता है. मुस्लिम महिलाएं बच्चों को गोद ले सकती हैं. विरासत में लड़कियों को समान अधिकार मिलेगा. तलाक को लेकर समान अधिकार. जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी प्रावधान आ सकते हैं. हालांकि, अभी तक यह नहीं बताया गया है कि यूसीसी में आदिवासी महिलाओं को शामिल किया जाएगा या नहीं.

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Last Updated :Feb 2, 2024, 7:22 PM IST
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